भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में बड़ी चेतावनी जारी की है कि यदि भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई भी आतंकी हमला (Terror Attack) भारत पर होता है, तो उसे युद्ध की कार्रवाई (Act of War) माना जाएगा। यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद आया है, जब भारत ने इस्लामाबाद की ओर से हुई अकारण आक्रामकता का कड़ा जवाब दिया।
केंद्र सरकार की नीति में बड़ा बदलाव
इस चेतावनी का अर्थ है कि पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से आधिकारिक संलिप्तता की पुष्टि किए बिना भी यदि भारत पर हमला होता है, तो भारत इसका जवाब सैन्य स्तर पर देगा। यह नीति का स्पष्ट और निर्णायक मोड़ है।
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भारत की नई नीति की प्रमुख बातें...
- हर आतंकी हमला = युद्ध की कार्रवाई
- जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट
- राजनीतिक, सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर तैयारी
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंदरूनी स्थिति
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान तनाव कम करना चाहता है। वहां की सरकार ने DGMO स्तर की बातचीत (DGMO Level Talks) का प्रस्ताव दिया है। लेकिन भारत के रुख में अब बदलाव आ चुका है।
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ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस: भारत की जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान ने 7 मई से शुरू किए ड्रोन और मिसाइल हमले (Drone and Missile Attacks), जिनके जवाब में भारतीय वायुसेना और सेना ने पाकिस्तान के मुख्य शहरों और एयरबेस पर सटीक और निर्णायक हमला किया। इस जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)।
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आतंकवाद को लेकर भारत की सख्त नीति
भारत पहले भी कई बार आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दिखा चुका है। उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) इसका उदाहरण हैं। अब सरकार ने इस नीति को औपचारिक रूप दिया है।
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भारत के बड़े सैन्य जवाब...
- 2016: सर्जिकल स्ट्राइक (PoK)
- 2019: बालाकोट एयर स्ट्राइक
- 2025: ऑपरेशन सिंदूर
चेतावनी का असर वैश्विक स्तर पर
इस चेतावनी का असर केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों तक सीमित नहीं रहेगा। दक्षिण एशिया की स्थिरता, वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा नीति पर इसका सीधा असर होगा। अमेरिका, रूस और संयुक्त राष्ट्र जैसे देश और संस्थाएं इस पर बारीकी से नजर रख रही हैं।
देश दुनिया न्यूज