इंदौर जिला प्रशासन के खिलाफ बड़ी साजिश, छवि खराब करने SIR से जोड़ 18 माह पुराना वीडियो किया वायरल

इंदौर में चुनाव कार्यों के दौरान एक पुराना वीडियो वायरल हुआ है। इसमें चुनाव सुपरवाइजर वेंडर्स के साथ डांस करते हुए दिख रहे हैं। वहीं, वीडियो को SIR प्रोजेक्ट से जोड़कर फैलाया जा रहा है।

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Sanjay Gupta
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INDORE. मध्यप्रदेश में मतदाता सूची सुधार के लिए चुनाव आयोग का SIR प्रोजेक्ट चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में पहले ही इंदौर की साख दांव पर लगी है। चुनाव अधिकारियों पर लगातार दबाव बना हुआ है। ऐसे में अब जिला प्रशासन और कलेक्टर, पूरी चुनाव टीम की छवि खराब करने के लिए गहरी साजिश रची गई है।

इंदौर के चुनाव सुपरवाइजर अंतिम दुबे का एक वीडियो वयरल हुआ है। इस वीडियो में आरोप लगाए गए हैं कि इस एसआईआर प्रोजेक्ट में चुनाव अधिकारी वेंडर्स के साथ पार्टी मना रहे हैं। क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई... चलिए आपको बताते हैं

क्या है वायरल वीडियो में?

इस वायरल वीडियो में अंतिम दुबे, चुनाव वेंडर्स (जो चुनाव काम में ठेके लेते हैं) के साथ डांस करते हुए दिख रहे हैं। इसमें भरत जाधव व अन्य कई वेंडर्स मौजूद हैं। इस वीडियो के जरिए खबर प्रकाशित की गई कि यह वीडियो SIR के दौरान का है।

वेंडर्स के साथ चुनाव सुपरवाइजर पार्टी कर रहे हैं। इसके कारण इंदौर चुनाव काम में पिछड़ गया है। इस वीडियो के बाद कलेक्टर शिवम वर्मा ने संबंधित अधिकारी दुबे को नोटिस भी थमाया है।

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अब क्या है वीडियो की सच्चाई?

यह वीडियो SIR का नहीं है, बल्कि यह लोकसभा चुनाव के बाद का है। यह 4 जून 2024 को काउंटिंग खत्म होने के बाद, 7 जून 2024 का है। यह वीडियो दुबे के पुराने निवास का है।

तब दुबे चुनाव काम में सहयोग के लिए अटैच थे। वह सुपरवाइजर पद पर भी नहीं थे। उस समय सुपरवाइजर जितेंद्र चौहान थे। इस पार्टी में वह खुद भी मौजूद थे।

इसके साथ ही, इसमें सभी वेंडर्स मौजूद थे, क्योंकि चुनाव काम निपटने के बाद यह अच्छा चुनाव निपटने पर रात्रिभोज का आयोजन था। जानकारी के अनुसार, भोजन भी सभी लोग घर से बनाकर लाए थे। वह भी दाल-सब्जी, रोटी शाकाहारी भोजन था। इस दौरान वहां सभी ने डांस और भोजन किया था।

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किसने की यह साजिश?

यह साजिश किसी और ने नहीं, बल्कि चुनाव काम में ही लगे एक पुराने अधिकारी ने की है। इन्हें उनके कांड के कारण तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने चुनाव काम से हटा दिया था।

यह अधिकारी हाल ही में विधायक गोलू शुक्ला को लेकर भी अपने बचाव के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा के पास पहुंचे थे। यह सालों तक चुनाव काम में डटे रहे हैं और वहां से हटने के बाद बैचेन हैं।

लगातार प्रयास है कि कैसे भी करके वापसी हो जाए। इसके लिए जरूरी है कि रास्ते से दुबे को हटाया जाए और चुनाव काम को पटरी से उतारा जाए। इससे बताया जा सके कि उनके बिना चुनाव काम नहीं चलेगा। इसके चलते पूरे जिला प्रशासन की छवि को दाव पर लगाया गया है।

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