इंदौर में 3 बच्चों की मौत की जांच हंसते हुए करते रहे अधिकारी, अपर कलेक्टर ने जांच के पहले प्रबंधन को क्लीन चिट दी

मध्यप्रदेश के इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां कई जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं।

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरूष धाम आश्रम में दो दिन में तीन बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 12 का इलाज चल रहा है। इन बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कलेक्टर अस्पताल में पहुंचे और बाद में इसकी विस्तृत जांच के आदेश अपर कलेक्टर राजेंद्र रघुवंशी को दे दी। लेकिन इस दौरान अधिकारियों के बयान और रवैया शर्मनाक रहा। 

हंसते हुए देखे गए अधिकारी

मौत की जांच के लिए महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया और एसडीएम ओम बडकुल गए थे। दोनों ही जबह आश्रम की प्राचार्य डॉ. अनिता शर्मा से बात कर रहे थे, तब इन्हें हसंते हुए देखा गया। दोनों अधिकारी अपनी टीम के साथ मैडम के साथ हंसते हुए बात और मौत का कारण जानते रहे। 

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हंसने वाले एसडीएम को हटाया

कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम मल्हारगंज पद से बड़कुल को हटा दिया है। वहीं इस मामले की जांच अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल को सौंप दी है। बडकुल को पद से हटाकर निर्वाचन कार्यालय अटैच किया गया है। हंसने वाले एसडीएम बड़ुकल की जगह अब निधि वर्मा को मल्हारगंज एसडीएम बनाया गया है।

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अपर कलेक्टर ने जांच के पहले क्लीन चिट दे दी

उधर अपर कलेक्टर राजेंद्र रघुवंशी ने तो जांच के पहले ही प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि- जांच जारी है, क्या खामियां है, जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक नहीं कह सकते हैं, तीन बच्चों की मौत हुई है, एक की मौत 30 जून को हुई और कल उल्टी-दस्त की शिकायत आई। प्रंबधन तो पूरा ध्यान दे रहा है। ऐसा देखने में नहीं आया कि उनके द्वारा लापरवाही की गई हो, उन्होंने सभी को सूचना दी, इसके बाद प्रशासन, हैल्थ सभी ने अपनी कार्रवाई की। वहीं एसीपी विवेक चौहान ने कहा कि जांच हो रही है। 30 जून को शुभ की मौत हुई थी, करण की मौत 1 को हुई और तीसरे बच्चे आकाश की मौत रात को हुई है। 

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प्राचार्य बोलीं...

प्राचार्य शर्मा ने कहा कि अभी जांच चल रही है, सभी अधिकारी आए हैं। अभी तक हमारे एनजीओ की लापरवाही नहीं निकली है। दो बच्चे फिट के कारण गए हैं। सभी बच्चों की जांच हो रही है। हमारे एनजीओ की कोई गलती नहीं। हम 21 साल से काम कर रहे हैं। तीसरे बच्चे की मौत का कारण नहीं पता। वहीं बच्चों के बीमार होने और मौत की वजह ब्लड इंफेक्शन और डिहाइड्रेशन भी बताई जा रही है।

मानसिक रूप से कमजोर बच्चों का आश्रम है

इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम यहां की आचार्य डॉ. अनीता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

2006 में 78 बच्चों से हुई थी आश्रम की शुरुआत

आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित हो रहा है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।

इंदौर 3 बच्चों की मौत