इंदौर में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था इंदौर की विवादित अयोध्यापुरी कॉलोनी और श्री महालक्ष्मी नगर कॉलोनी में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में पंजीयन विभाग को आदेश दे दिए हैं।
इसलिए दिए गए आदेश
इन दोनों ही कॉलोनियों में सदस्यों के भू-खंड़ों की पात्रता और अपात्रता संबंधी चल रही जांच के मद्देनजर कलेक्टर ने इन दोनों कॉलोनियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री पर आगामी आदेश तक रोक लगाई है। इस संबंध में उनके द्वारा जिले के वरिष्ठ जिला पंजीयक और अन्य जिला पंजीयकों तथा उप पंजीयकों को निर्देश दिए है कि जांच की प्रक्रिया के चलते आगामी आदेश तक अयोध्यापुरी कॉलोनी और श्री महालक्ष्मी नगर कॉलोनी से संबंधित भू-खंड़ों के विक्रय विलेख निष्पादित नहीं किए जाए।
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सहकारिता विभाग द्वारा हो रही जांच
कलेक्टर ने उक्त संस्था के सदस्यों के भू-खंड़ों की पात्रता और अपात्रता के निर्धारण के संबंध में जांच के लिए दल गठित किया है। जांच दल द्वारा परीक्षण की कार्रवाई की जा रही है। अयोध्यापुरी में कुल 16 एकड़ जमीन है, जिसमें 369 प्लाट कटे हैं औऱ 311 के पास रजिस्ट्री है। इसी में विवादित चार एक़ड़ जमीन का सौदा है जो प्रतीक संघवी और दीपक मद्दा की सिम्पलेक्स कंपनी ने खरीदी हुई है। यहां 500 से ज्यादा सदस्य प्लाट के लिए क्लेम कर रहे हैं। हाल ही में यहां रजिस्ट्री वाले 100 सदस्यों को ही अपात्र बताया गया। वहीं श्री महालक्ष्मी नगर की कहानी तो और उलझी हुई है, यहां कहने को जमीन 276 एकड़ है, लेकिन जमीन मौके पर अते-पते नहीं हैं, कई जगह कब्जे हो चुके हैं। वहीं यहां 953 सदस्यों के पास रजिस्ट्री है। लेकिन कई सदस्य प्लाट के लिए क्लेम कर रहे हैं।
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