बीजेपी सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट के करीबी कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी की केम्को च्यू फूड कंपनी के डायरेक्टर करतार सिंह के आवेदन पर रशियन नागरिक गौरव अहलावत पर दो दिसंबर को एफआईआर हो गई। कंपनी का आरोप है कि अहलावत और उनकी मां कृष्णावंती ने कर्मचारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करते हुए षडयंत्र से दो करोड़ रुपए लिए, लेकिन द सूत्र इसमें खुलासा कर रहा है कि पुलिस ने इस मामले में एक बड़े सबूत को देखा ही नहीं, जिसमें साफ है कि यह दो करोड़ का ट्रांजैक्शन सभी की सहमति से हुआ था। उधर अहलावत के सितंबर से दिए आवेदन पर पुलिस ने आज दिनांक तक जैसवानी व अन्य पर लूट, धोखाधड़ी का केस दर्ज नहीं किया है।
दो करोड़ की धोखाधड़ी की एफआईआर में यह है
थाना लसूड़िया (जो मंत्री की विधानसभा का है) में अहलावत पर केम्को च्यू फूड कंपनी (जो जैसवानी का ग्रुप है) की ओर से करतार सिंह के आवेदन पर दो करोड़ की धोखाधड़ी का केस किया है। इसमें उनके साथ ही उनकी मां कृष्णवंती अहलावत को भी आरोपी बनाया है। इन पर बीएनएस की धारा 316 (5), 318(4) व 61 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में है कि जीआरवी कंपनी के संस्थापक अहलावत व उनकी मां द्वारा कंपनी के कर्मचारियों के साथ मिलकर आवेदक करतार सिंह की कंपनी केम्को च्यू फूड प्रालि के एचडीएफसी बैंक खाते (50200038022171) से 3 अगस्त 2024 को कृष्णवंती के एचडीएफसी बैंक खाते (03271000024476) में तीन ट्रांजैक्शन के जरिए 1 करोड़, 60 लाख और 40 लाख इस तरह दो करोड़ अवैध रूप से ट्रांसफर किए गए।
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दो करोड़ के ट्रांजैक्शन का पूरा सच जो दबा दिया
जैसवानी और अहलावत के बीच में लेन-देन को लेकर एक अगस्त 2024 को अहलावत ने मोबाइल नंबर 91316***** पर रात सात बजे मैसेज किया और पूछा कि क्या आज पेमेंट हो जाएगा। (यह मोबाइल नंबर संजय जैसवानी का बताया जाता है) फिर उन्होंने अपनी मां कृष्णवंती अहलावत का खाता नंबर मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप किया (जिस खाते में यह राशि आई है), सामने से फिर यह खाता नंबर अहलावत को भेजकर कंफर्म किया। इसके बाद तीन अगस्त को दोपहर 1.14 बजे अहलावत ने फिर उसी नंबर पर मैसेज किया कि वह पेमेंट नहीं हुआ है। इसके बाद दोपहर 4.31 बजे पेमेंट का स्क्रीनशॉट अहलावत को भेजा गया (लेकिन यह मोबाइल में डाउनलोड फाइल डिलीट होने से नजर नहीं आ रहा)
एक अगस्त को जैसवानी को पेमेंट को बोलने और मां का खाता नंबर देने के साथ ही जैसवानी का पूरा अकाउंट देखने वाली भांजी कंचन जीवनानी को भी गौरव ने 7.59 बजे मोबाइल नंबर 8827867778 पर मैसेज किया और मां का अकाउंट नंबर भेजा। साथ ही मैसेज किया कि प्लीज स्पीक टू मामा (संजय जैसवानी) रिकॉर्डिंग 2.01 करोड़ टू दिस अकाउंट।
• इसके बाद गौरव और कंचन के बीच में पेमेंट को लेकर 18 मिनट तक वाट्सअप कॉल पर बात हुई।
• फिर दो अगस्त को कई बार बात हुई और तीन अगस्त को भी हुई।
• तीन अगस्त को कई बार फोन के बाद भी कंचन ने फोन नहीं उठाया तो मैसेज किया प्लीज काल मी, फिर दोपहर 3.41 बजे पर दोनों के बीच बात हुई और फिर कंचन ने पेमेंट संबंधी स्क्रीन शाट अहलावत को भेजे, यह तीन स्क्रीनशॉट भेजे गए (एफआईआर में भी है कि तीन ट्रांजेक्शन हुए 1 करोड़, 60 लाख और 40 लाख रुपए, हालांकि यह स्क्रीन शाट मोबाइल में डाउनलोड फाइल डिलीट होने से दिख नहीं रही है), साथ ही नीचे कंचन ने लिखा कि टोटल 2 करोड़ पेड़। इसके बाद दोनों के बीच 14 सेकंड बात हुई।
- संजय जैसवानी के मोबाइल नंबर पर भेजा गया मां का अकाउंट नंबर और पेमेंट को लेकर बात
- इसके बाद जैसवानी की भांजी कंचन को भेजा गया मैसेज अकाउंट नंबर
- 3 अगस्त को कंचन के मोबाइल से मैसेज आया कि पेमेंट डन 2 करोड़
इनसे क्या नजर आता है
इन चैट से साफ नजर आता है कि जैसवानी के ग्रुप को 1 अगस्त को पता था कि अहलावत के खाते में राशि भेजी जानी है। इसके लिए कंचन ने 3 अगस्त को यह राशि खाते में ट्रांसफर की और इसकी जानकारी भी अहलावत को दी कि पेमेंट डन। साफ नजर आता है कि पुलिस ने इस अहम तथ्यों को दबा दिया।
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इधर सबूत देने के बाद भी केस नहीं
अहलावत ने आरोप लगाया कि पुलिस दबाव, प्रभाव के चलते यह कार्रवाई कर रही है। मुझसे कभी सबूत मांगे ही नहीं, बस एक बार मेरे और मां के खातों की डिटेल मांगी थी वह दे दी गई। मेरे साथ जो सितंबर में घर में घुसकर लूट, मारपीट हुई और फिर धोखाधड़ी कर कंपनी ले ली, इसे लेकर मैं स्टाम्प पेपर की जानकारी, झूठे एग्रीमेंट सभी जानकारी पुलिस को दे चुका, लेकिन कोई केस नहीं किया जा रहा है।
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अहलावत ने यह जारी किया वीडियो
उधर अहलवात ने एक वीडियो जारी किया है, इसमें कहा है कि वह 25 नवंबर से रीगल पर गांधी प्रतिमा पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं ताकि संजय जैसवानी व अन्य पर एफआईआर हो सके। लेकिन दो दिसंबर को संजय के बेटे तरुण ने 50 लोगों के साथ आकर कहा कि हम यहां बात करने आए हैं। उनके साथ सुनील परमार भी था जो उस दिन सितंबर में मेरे घर पर भी आया था जिस दिन मुझे घर पर बंधक बनाकर पीटा गया और मोबाइल, लैपटॉप सब लूट कर ले गए थे। इस संबंध में थाने पर भी सुरक्षा की मांग को लेकर गया लेकिन नहीं मिली, अब मैं भोपाल निकल रहा हूं और वहां डीजीपी से मुलाकात करूंगा। मेरे आवेदन पर अभी तक एफआईआर नहीं हुई है और अब मेरी जान को खतरा है, मुझे लगातार धमकाया जा रहा है।
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