इंदौर में जिन ACP कार्तिकेय को गैर–जिम्मेदाराना रवैये के कारण हटाया, उन्हीं के कार्यालय को मिला ISO सर्टिफिकेट

इंदौर के आजाद नगर स्थित सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) कार्यालय को प्रशासनिक और पुलिस कार्यप्रणाली में उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ISO 9001:2015 (Quality Management System) प्रमाण-पत्र मिला है।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में एक अनोखा मामला सामने आया है। इसमें पिछले दिनों काम में लापरवाही करने, फील्ड से गायब रहने और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण आजादनगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय पर गाज गिरी थी और उन्हें डीएसपी पुलिस मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया गया है। उनके जाते ही उनके कार्यालय को ISO सर्टीफिकेट मिल गया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि डीसीपी मीणा के पत्र के मुताबिक एसीपी की कार्यप्रणाली ठीक नहीं थी। तो उनके कार्यालय को यह बेहतर कार्यप्रणाली के लिए सर्टीफिकेट कैसे मिल गया? 

उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए मिला सर्टिफिकेट

इंदौर के आजाद नगर स्थित सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) कार्यालय को प्रशासनिक और पुलिस कार्यप्रणाली में उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ISO 9001:2015 (Quality Management System) सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। यह मान्यता United Accreditation Management Licensing Services (UAMLS) द्वारा प्रदान की गई है।

ACP हिमांशु कार्तिकेय के नेतृत्व में मिली उपलब्धि

यह प्रमाणन ACP हिमांशु कार्तिकेय के निर्देशन में कार्यालय की प्रभावी व्यवस्था, सुशासन और जनसेवा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रमाणन की प्रक्रिया 17 मई 2025 को पूर्ण हुई और यह मान्यता 16 मई 2028 तक प्रभावी रहेगी।

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ये गाइडलाइन रही

इस ISO प्रमाणन के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्यप्रणाली की गुणवत्ता को मान्यता दी गई है:

विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Special Executive Magistrate) से संबंधित न्यायिक कार्य।

अपराध की रोकथाम और जांच।

कानून व्यवस्था का प्रबंधन।

क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों की निगरानी।

जन सूचना अधिकारी (PIO) के कर्तव्यों का निर्वहन।

कोर्ट
यह मिला सर्टीफिकेट

 

यह है प्रमाण-पत्र का विवरण

प्रमाणन संख्या: INQ/AN-23350/127590/0525

पंजीकरण तिथि: 17 मई 2025

जारी तिथि: 17 मई 2025

समाप्ति तिथि: 16 मई 2028

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डीसीपी ने यह लिखा था पत्र में

इंदौर पुलिस कमिशनर संतोष सिंह इंदौर की पुलिस व्यवस्था को चाक चौबंद बनाए रखने के लिए जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में उनके निर्देश हैं कि अधिक से अधिक पुलिस अधिकारी फील्ड पर रहें। इसी को देखते हुए डीसीपी जोन–1 विनोद मीणा ने पाया कि एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा और एसीपी हिमांशु कार्तिकेय लगातार काम में लापरवाही कर रहे हैं। इस पर उन्हें हटाने के लिए सीपी सिंह को पत्र लिखा था। सूत्रों के मुताबिक पत्र में उन्होंने लिखा था कि दोनों ही अधिकारी काम में लापरवाही करते हैं और गैर जिम्मेदार हैं। ऐसे में दोनों को हटाया जाए। यह मैदान में नजर नहीं आते हैं और अपराधियों को पकड़ने में भी रूचि नहीं रखते हैं।

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यह हुआ था हटाने का आदेश

 

सटोरिए से लिया था बुके

कार्तिकेय ने जब 13 फरवरी को ज्वाइन किया था, तब उनसे कई लोग मिलने आए। इसी कड़ी में एरिया का नामी सटोरिया इरफान बिहार भी पहुंच गया। उसने वहां रखे बुके में उठाकर एसीपी को दिया और स्वागत करने वाली यह फोटो अपने सोशल मीडिया पर ड़ालकर प्रचार भी किया। इस घटना से पुलिस की भद पिटी और सीपी ने उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग पर भेज दिया। लेकिन इसके बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ।

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सिंघम की तरह गाड़ी पर चड़कर किया था स्टंट

इंदौर के आजाद नगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। जिसमें वे अपनी सरकारी जीप पर लटकते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 29 मार्च को आयोजित बजरंग दल के शौर्य दिवस कार्यक्रम के दौरान का था। जब वे सरकारी जीप पर लटकते हुए दिखाई दे रहे थे। उस दिन आजाद नगर पुलिस के साथ एसीपी भी ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान उन्होंने ट्रैफिक को क्लियर करने के लिए जीप पर लटक कर काम किया था। इस घटना को मौके पर मौजूद लोगों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया और बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

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इंदौर एसीपी पुलिस डीसीपी पत्र