इंदौर का चूड़ी वाला दोषमुक्त, कोरोना में लगा था छेड़छाड़ का आरोप

इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में बहुचर्चित चूड़ी वाले मामले में जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि तस्लीम चूड़ी वाले को दोष मुक्त कर दिया गया है।

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Sanjay Gupta
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इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में बहुचर्चित चूड़ी वाले मामले में जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि तस्लीम चूड़ी वाले को दोष मुक्त कर दिया गया है। दरअसल, साल 2021 में तस्लीम चूड़ी वाले पर गंभीर धाराओं में पुलिस ने मामला दर्ज किया था, जिसके बाद तस्लीम चूड़ी वाले को चार महीने की जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। अब इस पूरे मामले में जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए तस्लीम चूड़ी वाले को दोष मुक्त कर दिया है।

साल 2021 में इंदौर के बहुचर्चित चूड़ी वाले तस्लीम के खिलाफ दर्ज हुई 9 गंभीर धाराओं के मामले में नया मोड़ आया है। इंदौर जिला न्यायालय के पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने तस्लीम के पिता मोहरअली को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।

क्या था आरोप?

दरअसल 2021 में बाणगंगा थाना क्षेत्र में तस्लीम उर्फ गोलू पर फर्जी आधार कार्ड रखने और नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था। पुलिस ने तस्लीम के खिलाफ पॉस्को एक्ट समेत 9 गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस दौरान तस्लीम को चार महीने तक जेल में रहना पड़ा था। इस पूरे मामले में ट्रायल के दौरान तस्लीम के वकील ने कोर्ट के समक्ष बताया क्रॉस रिपोर्ट का मामला था। तस्लीम ने अपनी पिटाई करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके जवाब में कुछ संगठनों ने दबाव बनाकर पुलिस से तस्लीम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया।

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फर्जीवाड़ा नहीं हो पाया था साबित

साथ ही तस्लीम के पास दो आधार कार्ड मिले थे, लेकिन उनमें से एक केवल आधार कार्ड करेक्शन के कारण बना था। पुलिस इसे कोर्ट में साबित नहीं कर पाई कि तस्लीम ने फर्जीवाड़ा किया था। न्यायालय ने पाया कि पुलिस आरोपों को सही तरीके से प्रमाणित नहीं कर पाई। इस लिए छेड़छाड़ और षड्यंत्र के आरोप पूरी तरह निराधार साबित हुए। फर्जी आधार कार्ड रखने का भी कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। 

तस्लीम ने क्या कहा?

वहीं कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद तस्लीम ने कहा, "मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मैं अब इस मामले को खत्म करना चाहता हूं और किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहता।"

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तस्लीम ने बताया हुई न्याय की जीत

इस मामले ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस ने संगठनों के दबाव में आकर एफआईआर दर्ज की थी? क्या मामले की जांच निष्पक्षता से हुई थी? तस्लीम ने इस पूरे मामले में दोष मुक्त होने के बाद कहा कि न्याय की जीत हुई है मैंने गलत नहीं किया था इसलिए आज न्यायालय ने मुझे बारी कर दिया

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