इंदौर में भावांतर योजना पर किसानों की ट्रैक्टर रैली: सीएम डॉ. मोहन यादव वर्चुअली बोले- किसान की आय में कमी नहीं आने देंगे

इंदौर में भावांतर योजना के समर्थन में सुपर कॉरिडोर पर ट्रैक्टर रैली निकाली गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे वर्चुअली संबोधित किया। सीएम ने कहा कि भावांतर योजना से किसानों को पूरा मूल्य मिलेगा।

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Sanjay Gupta
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INDORE. मप्र में लागू हुई भावांतर योजना के समर्थन में और इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देने के लिए बड़ी ट्रैक्टर रैली निकली। सुपर कॉरिडोर पर सभी किसान ट्रैक्टर के साथ जमा हुए। इसे सीएम डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअली संबोधित किया। देपालपुर विधायक मनोज पटेल के नेतृत्व में यह किसान रैली निकली थी। 

सीएम ने लगाए जय श्री महाकाल के नारे

सीएम मोहन यादव ने श्योपुर से वर्चुअली जुड़कर किसानों के इस स्नेहपूर्ण आभार प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली ही हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। भावांतर योजना के माध्यम से हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य मिले। बाजार में यदि दाम घटते भी हैं तो सरकार किसानों की आय में कोई कमी नहीं आने देगी। 

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सालों बाद ऐसी ट्रैक्टर रैली देखी- सीएम

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज इंदौर में चारों तरफ ट्रैक्टर नजर आ रहे हैं, ऐसी ट्रैक्टर रैली सालों बाद देखी है। अन्नदाताओं ने भव्य रैली निकालकर अहिल्या माता की नगरी को धन्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। भावांतर योजना केवल एक भुगतान व्यवस्था नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच है। 

किसानों की सुविधा के लिए पूरे प्रदेश में लगभग 1700 पंजीयन केन्द्र बने हैं। इसमें अब तक 5 लाख से अधिक किसानों ने अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन कराया है। अकेले इंदौर जिले में ही अब तक 35 हजार से अधिक किसानों ने सोयाबीन फसल के लिए अपना पंजीयन कराया है और पंजीयन का कार्य सतत जारी है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर तक रखी गई है। 

किसानों को फसल बेचने के 15 दिवस के भीतर राशि वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी किसानों को उनकी मेहनत और हक का पूरा पैसा दिया जाएगा। सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि मंडियों में उपस्थित रहकर किसानों के लिए सभी व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे। 

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नेताओं ने कांग्रेस पर साधा निशाना

देपालपुर विधायक विशाल पटेल और राऊ विधायक मधु वर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार से पिछली सरकार की तुलना कर लीजिए तो पता चल जाएगा कौन किसान हितैषी है। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मप्र की सरकार, किसानों के हित में है। कांग्रेस ने किसानों को डिफाल्टर बनाया बीजेपी ने किसानों को लाभ में पहुंचाया।

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रैली में यह नेता भी हुए शामिल 

इस अवसर पर इंदौर में आयोजित ट्रैक्टर रैली कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायकगण मनोज पटेल, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला, उषा ठाकुर, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय,  नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष श्रवण चावड़ा सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं हजारों की संख्या में कृषकगण मौजूद थे।

पहले भी निकल चुकी थी यात्रा

इसके पहले बुधवार को इंदौर में जिलाध्यक्ष ग्रामीण श्रवण चावड़ा द्वारा इस रैली का आयोजन दशहरा मैदान में कराया गया था। इसमें किसान सैकड़ों की संख्या में पहुंचे थे। इसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व अन्य नेता शामिल हुए थे। 

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भावांतर के विरोध में भी ट्रैक्टर रैली

उधर भावांतर योजना और ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के विरोध में भी इंदौर में किसान ट्रैक्टर रैली निकाल चुके हैं। यह संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा निकाली गई थी। उधर किसान एक बार फिर 15 अक्टूबर को कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। मोर्चा के किसान नेता रामस्वरूप मंत्री, बबल जाधव, चंदनसिंह बड़वाया, शैलेंद्र पटले, अरुण चौहान, रूद्रपाल यादव आदि ने कहा कि अधिक बारिश से फसल खराब हुई है।

भावांतर योजना की आड़ में किसानों को ठगा जा रहा है खाद का संकट है, भूमि अधिग्रहण से किसान परेशान है। इन सभी के विरोध में यह प्रदर्शन करेंगे। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को रद्द किया जाए, भावांतर बंद करके एमएसपी पर सोयाबीन खरीदा जाए, खाद संकट दूर हो, किसानों को 12 घंटे बिजली मिले और स्मार्ट मीटर योजना बंद की जाए। 

किसान संघ भी भावांतर पर जता चुका विरोध

भारतीय किसान संघ इस योजना के खिलाफ है। संघ के इंदौर नगराध्यक्ष दिलीप मुकाती ने कहा कि हमारी सीधी मांग है कि एमएसपी पर सोयाबीन खरीदी हो। पंजीयन के साथ ही सरकार को सोयाबीन लेना चाहिए, जो किसान पंजीयन कराते जा रहे हैं, उनकी सोयाबीन भी खरीदी शुरू होना चाहिए, क्योंकि 24 अक्टूबर तक तो अधिकांश किसान सोयाबीन बेच चुके हैं, खासकर छोटे, मध्यम किसान। उधर मॉडल रेट करने के फार्मूले का भी विरोध है। संघ का कहना है कि साल  2018 में भी यह योजना आई थी लेकिन इसकी राशि आज तक किसानों को नहीं मिली।

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