INDORE. इंदौर बीजेपी दफ्तर के नीचे खुली शराब दुकान को हटाने का सबसे ज्यादा विरोध नगराध्यक्ष बनने के बाद सुमित मिश्रा ने किया। विरोध के बाद दुकान एक अप्रैल को नहीं खुली और दो अप्रैल को आखिरकार दुकानदार ने बोर्ड हटा लिया। इस बोर्ड हटाने के बीच एक और दो अप्रैल के दरिमयान एक घटना हुई, जिसके बाद यह बोर्ड निकला।
शराब ठेकेदार पहुंच गया मिश्रा के पास, 15 लाख दूंगा
शराब ठेकेदार (जायसवाल) मिश्रा के पास पहुंच गया। कहा कि जो चाहिए ले लो, शराब दुकान बंद मत कराईए, काफी नुकसान हो जाएगा। फिर उसने ऑफर दिया पांच लाख रुपए का। लेकिन बात नहीं बनी और ऑफर 15 लाख तक पहुंच गया। मिश्रा ने एक ही लाइन कही बीजेपी दफ्तर मेरा और हम सभी का मंदिर है, यहां दुकान तो नहीं चलने देंगे, खुली तो ताला लगा देंगे। इसके बाद दो अप्रैल को दुकान से बोर्ड उतर गया और अब दुकान शिफ्ट होगी। इसके लिए ठेकेदार जगह तलाश रहा है।
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महापौर ने पत्र लिखा था
इस मामले में कुछ दिन पहले ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी कलेक्टर को पत्र लिखा था और इस दुकान का विरोध किया था। मिश्रा ने इसे लेकर कहा कि महापौर जी महू नाका की दुकान के विरोध में कलेक्टर को पत्र लिख रहे थे, तभी इस दुकान को लेकर भी बात हुई और इसके साथ ही इस दुकान को लेकर भी उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखा और दुकान यहां से शिफ्ट करने की मांग की।
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मिश्रा ने कहा हां आया था आफर
मिश्रा ने इस मामले में पुष्टि करते हुए कहा कि शराब ठेकेदार आफर लेकर आया था, उसे समझा दिया कि दुकान नहीं चलेगी। मिश्रा ने यह भी बताया कि यह जगह पूर्व विधायक विशाल पटेल की थी, उनसे भी मैने आग्रह किय़ा था कि किरारा रिन्यू नहीं करें, उन्होंने भी यही किया। उधर प्रशासन और आबकारी विभाग लगा हुआ था कि पहले कुछ दिन का समय मिल जाए, ताकि ठेकेदार तब तक नई जगह देख लें, लेकिन बीजेपी ने साफ इंकार कर दिया इसके बाद दुकान पर ताला डल गया।
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