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इंदौर के राऊ-देवास बायपास पर हुए गड्ढे को लेकर अब लापरवाह एनएचएआई अफसरों ने कोर्ट में माना है कि उनकी सड़क खराब है। वहीं, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी एनएचएआई अफसरों को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी, जिसमें कहा था कि इतनी खराब सड़क पर टोल क्यों वसूल रहे हैं।
उस खबर को द सूत्र ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था और इंदौर के हाईवे की खराब हालत का मुद्दा उठाया था। उसके बाद अब निर्माणाधीन इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन रोड पर जिला प्रशासन की तरफ से टोल टैक्स में 70 फीसदी तक राहत देने का प्रस्ताव आया है। हालांकि देवास बायपास पर टोल वसूली लगातार जारी है। उसके टोल में रियायत देने को लेकर एनएचएआई अफसरों ने कोई कदम अभी तक नहीं उठाया है।
बायपास पर गड्ढों और जाम की समस्या स्वीकारी
हाई कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने मान लिया है कि इंदौर बायपास की हालत बेहद खराब है। सोमवार को हाई कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में एनएचएआई ने कहा कि बायपास पर जगह-जगह गड्ढे हैं और इससे जाम की स्थिति बन रही है।
हाई कोर्ट ने 30 दिन में मांगी थी रिपोर्ट
23 जुलाई को हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने आदेश दिया था कि बायपास पर बताई गई समस्याओं का समाधान कर 30 दिन में प्रतिवेदन पेश किया जाए। इसी के तहत सोमवार को एनएचएआई ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी।
यह लिखा है रिपोर्ट में
गड्ढों की मौजूदगी मानी – एनएचएआई ने स्वीकार किया कि बायपास पर कई स्थानों पर गड्ढे हैं।
जाम पर निगरानी – एमआर–10 (बेस्ट प्राइस के पास) पर ट्रैफिक पर लगातार नजर रखी जा रही है।
मार्शल तैनात – प्रमुख स्थानों पर 24 घंटे ट्रैफिक मार्शल लगाए गए हैं।
साइनबोर्ड बदले – क्षतिग्रस्त बोर्ड हटाकर नए लगाए गए हैं।
क्रेन की व्यवस्था – खराब हो रहे वाहनों को हटाने के लिए क्रेन भी तैनात की गई है।
हकीकत एनएचएआई के दावों से अलग
स्थानीय हालात अब भी एनएचएआई की रिपोर्ट से बिल्कुल अलग तस्वीर दिखाते हैं।
बेस्ट प्राइस के सामने – पिछले दिनों ही शाम से देर रात तक भारी जाम लगा रहा।
सर्विस रोड जर्जर – तेजाजी नगर से रालामंडल और बिचौली मर्दाना से बेस्ट प्राइस तक सर्विस रोड की हालत बेहद खराब है।
ओवरब्रिज पर जानलेवा गड्ढे – राऊ से मांगलिया तक हर ओवर ब्रिज पर गहरे गड्ढे बने हुए हैं।
हादसे बढ़े – टू–व्हीलर चालकों के हादसे बढ़ रहे हैं, वहीं कार और ट्रकों के एक्सल टूटने की घटनाएं आम हैं।
राऊ-देवास बायपास पर हो चुकी हैं तीन मौतें
इंदौर के राऊ-देवास बायपास पर पिछले दिनों लगे 20 घंटे के लंबे जाम में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। उसके बावजूद एनएचएआई ने यहां पर टोल वसूली जारी रखी थी। अगर राऊ-देवास बायपास और मांगलिया रोड़ इन दोनों ही टोल टैक्स वसूली की बात करें तो यहां से प्रतिदिन लगभग 45 लाख रुपए की टोल वसूली हो रही है। वहीं, मेंटेनेंस के लिए डीजी बाहिलकर कंपनी को 68 करोड़ रुपए में काम दे रखा है। इसके बावजूद बायपास और सर्विस रोड़ दोनों पर ही गढ्ढों की भरमार है। ये गढ्ढे लगभग 1 फीट तक गहरे हैं।
गड्ढे के कारण हो चुकी है मौत
राऊ सर्कल पर 1.22 किमी के इस फ्लाईओवर का ठेका 47 करोड़ रुपए में दिया गया था। इसे रीवा की कंपनी विंध्या कंस्ट्रक्शन ने बनाया है। इसका लोकार्पण 21 दिसंबर 2024 को किया था। ब्रिज बनने के 8 महीने के अंदर ही इसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं, जिनसे रोजाना हादसे हो रहे हैं। पिछले दिनों एक कार सवार ने इसी ब्रिज पर गड्ढा बचाने के दौरान एक बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी। जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
इंदौर-उज्जैन रोड के टोल में 70% कटौती का प्रस्ताव
सिंहस्थ–2028 की तैयारियों के बीच इंदौर–उज्जैन सिक्स लेन प्रोजेक्ट से गुजर रहे वाहन चालकों को जल्द राहत मिल सकती है। सड़क निर्माण के चलते लगातार जाम और असुविधा झेल रहे लोगों को देखते हुए जिला प्रशासन ने टोल टैक्स कम करने का प्रस्ताव एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) को भेजा है।
हफ्ते में पांच दिन 70% टोल घटेगा
प्रस्ताव के अनुसार, प्रोजेक्ट के पूरे होने तक (जनवरी 2027 तक) सोमवार से शुक्रवार तक निजी वाहनों से मौजूदा टोल टैक्स में 70% की कटौती की जाएगी। यानी वर्तमान में 35 रुपए वसूले जा रहे हैं, वह घटकर 10.5 रुपए रह जाएंगे।
शनिवार-रविवार को टोल फ्री
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि शनिवार और रविवार को निजी वाहनों से कोई टोल वसूला नहीं जाएगा। हालांकि यह छूट केवल कारों और छोटे वाहनों तक सीमित रहेगी। कमर्शियल और हेवी व्हीकल्स पर टोल पूर्ववत लागू रहेगा।
दो जगह हो रही वसूली
अभी 46 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर बारोली और निनोरा टोल प्लाजा से निजी वाहनों से 35–35 रुपए लिया जा रहा है। छूट लागू होने पर यहां वाहन चालकों का खर्च और परेशानी दोनों कम होंगी।
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1692 करोड़ का प्रोजेक्ट
यह सिक्स लेन प्रोजेक्ट 15 जनवरी 2025 को शुरू हुआ था।
शुरुआत में इसकी लागत 624 करोड़ रुपए तय की गई थी, लेकिन अब यह बढ़कर 1692 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
प्रोजेक्ट को जनवरी 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इसमें 3 फ्लायओवर, 6 अंडरपास और 8 ग्रामीण इंटरचेंज शामिल होंगे।
वर्तमान में इंदौर से उज्जैन पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यह समय घटकर करीब एक घंटा रह जाएगा।
अब निर्णय बोर्ड करेगा
इंदौर कलेक्टर और उज्जैन मेला अधिकारी आशीष सिंह ने यह प्रस्ताव एमपीआरडीसी के एमडी भरत यादव को भेजा है। अंतिम निर्णय एमपीआरडीसी बोर्ड करेगा, जिसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पीडब्ल्यूडी मंत्री शामिल हैं।
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