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Indore : बीजेपी संगठन ने जिलाध्यक्ष और नगराध्यक्ष बनने के दौरान आदेश दिए थे कि जो भी पदाधिकारी बने वह किसी किसी सांसद, विधायक के यहां नहीं जाएं, पार्टी दफ्तर में ही सभी से मिले। लेकिन इंदौर बीजेपी नगराध्यक्ष बनते ही सुमित मिश्रा ने इस पार्टी आदेश को ताक पर रख दिया और सबसे पहले वह विधायक गोलू शुक्ला के घर गए और उनसे व परिजनों से मुलाकात की। कुल मिलाकर पहले गोलू की चौखट गए और फिर बीजेपी दफ्तर की चौखट पर शीश झुकाया। उधर नवनियुक्त इंदौर ग्रामीण जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह चावड़ा ने भी पद संभाला।
घोषणा होते ही निकल गए गोलू के घर
गुरूवार दोपहर करीब 1 बजे सुमित मिश्रा के नगराध्यक्ष बनने की घोषणा हुई। इसके बाद ही उनके घर के बाहर समर्थकों का मजमा लग गया और ढोल-नगाड़े बजने लगे। पटाखे फोडे गए। इसके बाद सुमित मिश्रा समर्थकों से मिलने के बाद तत्काल विधायक गोलू शुक्ला के यहां पहुंच गए।
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यहां परिजनों से मुलाकात की, फोटो खिंचवाई
यहां पर सुमित ने गोलू शुक्ला के साथ ही उनकी पत्नी और उनके दोनों बेटों से मुलाकात की और साथ में फोटो खिचंवाई। गोलू ने इन फोटो के साथ टिव्ट किया कि- सुमित मिश्राजी के नगर अध्यक्ष बनने के उपरांत आज निज निवास पर पहुंचकर माताजी का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वजनों से आत्मीय भेंट कर उन्हें नगर अध्यक्ष बनने की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी।
श्री सुमित मिश्रा जी के नगर अध्यक्ष बनने के उपरांत आज निज निवास पर पहुंचकर माता जी का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वजनों ने आत्मीय भेंट कर उन्हें नगर अध्यक्ष बनने की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।#SangthanParv#sangthanparv2024pic.twitter.com/5Y9iv3dugM
— Golu Shukla (@GoluShuklaInd) January 30, 2025
कार्यकर्ता करते रहे इंतजार
उधर नगराध्यक्ष की घोषणा होते ही कार्य़कर्ता बीजेपी दफ्तर जमा होने लगे और सुमित का इंतजार होने लगा। लेकिन वह देर शाम वहां पर पहुंचे और फिर बीजेपी दफ्तर की चौखट पर शीश झुकाया और फिर प्रवेश किया। इस दौरान वहां भी समर्थकों ने जमकर ढोल-नगाड़े बजाए।
क्यों गए गोलू के घर
सुमित मिश्रा इंदौर विधानसभा तीन में गोलू का टिकट घोषित होने के बाद पूरी तत्परता से उनके लिए लग गए थे। चुनाव में लगातार उनके लिए सक्रिय रहे और सहयोग किया। इधर नगराध्य़क्ष की बात चली तो ब्राह्मण लॉबी और समर्थक होने के चलते विधायक रमेश मेंदोला के साथ ही गोलू शुक्ला ने भी सुमित का नाम आगे बढ़ाया। सूत्रों के अनुसार सुमित के लिए गोलू ने भोपाल तक जमकर दौड़-भाग की। इसी के चलते सुमित उनके यहां पहले गए।
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पद संभालने पर क्या बोले सुमित मिश्रा
सुमित मिश्रा ने पद संभालने के बाद कहा कि- बीजेपी एक परिवार है, कई दावेदार थे, मुझसे अच्छे भी थे लेकिन सब मिलकर साथ चलेंगे। कार्य़कर्ताओं के मान-सम्मान का ध्यान रखा जाएगा। जनता के कारण बीजेपी की सरकार है। मुझे सभी विधानसभाओं से समर्थन मिला। बीजेपी के कामों के कारण ही सभी विधायक बीजेपी के हैं, सांसद और महापौर लगातार बीजेपी का है। जीतू कांड पर बोले कि इस मामले का अब पटाक्षेप हो चुका है, और पहले ही दिन इतना कठिन सवाल मत पूछिए।
सुमित मिश्रा का राजनीतिक सफर
सुमित मिश्रा 46 साल के हैं (जन्मदिन 1 नवंबर 1977), वह पेशे से वकील है। एलएलएम के साथ ही पत्रकारिता में स्नातक भी है। बोलने में माहिर है और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में 17 बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बचपमन से ही संघ की शाखाओं में जाते रहे हैं। एनसीसी का भी सी सर्टिफिकेट है। एबीवीपी में रहे और छात्रसंघ अध्यक्ष भी बने। बीजेपी युवा मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश मंत्री, नगर महामंत्री जैसे पद पर रह चुके हैं।