इंदौर नगर निगम ने 531 कॉलोनियों में संपत्तिकर बढ़ाया, वसूली बढ़ रही, घोटाले रुक नहीं रहे

इंदौर में वोटिंग के बाद खुद महापौर पुष्यमित्र भार्गव कह चुके हैं कि वह तो केवल खुद के काम की गारंटी ले सकते हैं। फिर नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों की गारंटी कौन लेगा? घोटालेबाजों को भुगतान नहीं होगा, कमीशन खोरी नहीं होगी इसकी गारंटी कौन लेगा? 

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता, INDORE. सफाई में नंबर वन इंदौर नगर निगम अब घोटालों और विवादों में नंबर वन है। फर्जी बिल घोटाला चल ही रहा है और आर्मी वर्दी कांड हो चुका है, अब नया बखेड़ा संपत्तिकर में बदलाव से हुआ है। निगम ने शहर की 531 कॉलोनियों के रेट जोन में बदलाव कर दिया है और इसमें खासा इजाफा हुआ है। यह नई स्लैब चुनाव खत्म होते ही इसी वित्तीय साल से लागू भी हो चुकी है। इस कारण से लोगों पर वर्तमान संपत्तिकर के मुकाबले 12 से लेकर 63 फीसदी का अतिरिक्त बोझ आएगा। निगम ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। हालांकि इसमें एमआईसी के 21 मार्च 2023 के प्रस्ताव का जिक्र है, ताकि आचार संहिता की अड़चन न आए। (  Indore Corporation )

अब लोगों का सवाल इस राशि को दोगे तो घोटालेबाजों को

इस पूरे मामले में लोगों का सीधा सवाल है- विकास काम तो गड्‌ढे में चले गए, जो राशि मिल रही है उससे घोटालेबाजों की फर्जी फाइलों पर करोडों के भुगतान हो रहे हैं। घोटाला 150 करोड़ का सामने आ चुका है और 6000 करोड़ का भुगतान 14 साल का जांच के दायरे में हैं। फिर क्या हमसे वसूली की गई इस राशि को घोटालेबाजों को ही दोगे और कमीशन खाओगे। इसकी बात की क्या गारंटी है कि इसे शहर के विकास काम में लगाओगे।

महापौर खुद बोल चुके मैं तो खुद की ही गारंटी ले सकता हूं

इंदौर में वोटिंग के बाद खुद महापौर पुष्यमित्र भार्गव कह चुके हैं कि वह तो केवल खुद के काम की गारंटी ले सकते हैं। फिर नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों की गारंटी कौन लेगा? घोटालेबाजों को भुगतान नहीं होगा, कमीशन खोरी नहीं होगी इसकी गारंटी कौन लेगा? मोदी जी के वचन ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा का क्या निगम के महापौर पालन नहीं करेंगे? समस्या यह है कि यह प्रस्ताव एमआईसी में पास हुआ यानी खुद महापौर और सत्ताधारी पार्षदों ने मिलकर पास किया, और उधर निशाने पर अधिकारी आ रहे हैं। 

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इधर कांग्रेस ने खोला मोर्चा

इस मामले में निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि यह जनता के साथ धोखाधड़ी है। एकदम से चुनाव के बाद ऐसा बोझ डाला गया है। एमआईसी में जो भी प्रस्ताव आया था उसे अधूरी चर्चा में पास किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस सड़कों पर उतरने की बात कर रही है। दोपहर में वह अधिकारियों को ज्ञापन देंगे और इसका विरोध करेंगे। 

इस तरह से होगा बदलाव

अभी 5 रेट जोन, जो सबसे महंगा इलाका, वह रेट जोन 1 में

शहर की 2210 कॉलोनियां 5 रेट जोन में बंटी हैं। जोन-1 में सबसे अधिक रेट हैं, तो 5 नंबर में सबसे कम। निगम ने जिन 531 कॉलोनियों के रेट जोन बदले हैं, उनमें कुछ को 5 से 2 में कर दिया है तो कुछ को 5 से 4 में। इसी तरह 4 वाले को 3 या 1 नंबर रेट जोन में डाला है। इससे सबकी दरें बढ़ जाएंगी।

इस तरह लगता है रेटजोन

अभी जोन 1 में 30 रुपए, जोन 2 में 26 रुपए, जोन 3 में 21 रु., जोन 4 में 18 रु. और जोन 5 में 16 रु. प्रति वर्गफीट का रेट है और इसके हिसाब से संपत्तिकर की गणना होती है। जैसे किसी व्यक्ति का घर 1000 वर्गफीट का है और उसकी कॉलोनी अभी रेट जोन 4 में है तो संपत्तिकर 1749 रुपए होता है। अब अगर वह रेट जोन 2 में चला गया है तो उसका संपत्तिकर बढ़कर 2526 रुपए सालाना हो जाएगा।

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71 वार्ड में इस तरह कॉलोनियां प्रभावित

नगर निगम ने संपत्तिकर के रेट जोन में जो बदलाव किया है, उसका असर शहर के 71 वार्डों की 531 कॉलोनियों पर पड़ेगा। निगम ने फिलहाल 14 वार्डों में स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। ये रेट जोन बदलाव तुरंत लागू हो गए हैं, लिहाजा सोमवार से ही टैक्स भरने जाने वाले लोगों को नई दरों से पैसा जमा करना होगा।

इस तरह हो रहा प्रभाव

रेट जोन 3 से दो में 74 कॉलोनी, रेट जोन 2 से 1 में 12, रेट जोन 3 से 1 में 17, रेट जोन 5 से 3 में 95 कॉलोनियां, रेट जोन 4 से 3 में 125, रेट जोन 4 से 2 में 40 और रेट जोन 5 से 4 में 167 कॉलोनियां शामिल की गई है। कुल 71 वार्ड की 531 कॉलोनियों के हजारों परिवार प्रभावित होंगे।

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