इंदौर के डेली कॉलेज कैंपस को मिला ग्रीन सर्टिफिकेशन, पर्यावरण संरक्षण में बना मिसाल

डेली कॉलेज का 83 प्रतिशत हिस्सा पेड़ों, झाड़ियों और स्थानीय प्रजातियों के पौधों से ढका हुआ है। इससे न सिर्फ गर्मी में ठंडक मिलती है, बल्कि बायोडायवर्सिटी को भी बढ़ावा मिलता है।

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Sandeep Kumar
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Indore. इंदौर का नाम देशभर में स्वच्छता के लिए जाना जाता है। अब यहां का डेली कॉलेज पर्यावरण संरक्षण में भी नई पहचान बना रहा है। यह प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान बच्चों को बेहतर एजुकेशन देने के साथ उन्हें प्रकृति से जुड़ने और उसे सहेजने की असली समझ भी दे रहा है। डेली कॉलेज का ग्रीन क्लब वर्ष 2024 में प्राचार्या डॉ.गुनमीत बिंद्रा की लीडरशिप में नई ऊंचाई पर पहुंचा है।

इस अभियान की शुरुआत छात्रा वंषिका संगला की पहल से हुई। छात्रों ने ऐसा काम किया कि डेली कॉलेज को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) से ग्रीन कैंपस सर्टिफिकेशन जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाज़ा गया। यह सर्टिफिकेट किसी भी संस्थान के लिए गौरव है, जो उसके हरित और पर्यावरण के अनुकूल प्रयासों की आधिकारिक मान्यता देता है।

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डेली कॉलेज में पर्यावरण बचाने की ये बड़ी पहल

1. हरियाली से ढका कैंपस

डेली कॉलेज का 83 प्रतिशत हिस्सा पेड़ों, झाड़ियों और स्थानीय प्रजातियों के पौधों से ढका हुआ है। इससे न सिर्फ गर्मी में ठंडक मिलती है, बल्कि बायोडायवर्सिटी को भी बढ़ावा मिलता है। कार्बन एमिशन में कमी आती है।

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2. सोलर एनर्जी का इस्तेमाल 

डेली कॉलेज परिसर की छतों पर दो बड़े 125 किलोवॉट के सोलर प्लांट लगाए गए हैं, जो बिजली की खपत को कम कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले संसाधनों पर निर्भरता घटाते हैं।

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3. स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट 

कॉलेज परिसर में स्पेशल वॉटर मीटरिंग सिस्टम लगाया गया है, जो पानी की सप्लाई और उसकी खपत पर निगरानी रखता है। इससे पानी की बर्बादी पर लगाम लगी है और उपयोग का संतुलन बना है।

4. कचरा प्रबंधन और कंपोस्टिंग 

कॉलेज में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था है। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है, रीसाइक्लिंग की जाती है और जैविक कचरे से खाद तैयार की जाती है। इसके लिए कंपोस्टिंग यूनिट्स एक्टिव हैं।

5. ईको-फ्रेंडली ट्रैफिक

कॉलेज कैंपस में चलने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए खास वॉकवे बनाए गए हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, गोल्फ कार्ट और साइकिल्स जैसे पर्यावरण के अनुकूल साधनों का इस्तेमाल होता है, ताकि प्रदूषण न बढ़े।

अब आगे क्या...

डेली कॉलेज का यह सफर यहीं नहीं रुकेगा। संस्थान की योजना है कि भविष्य में और भी इनोवेटिव ग्रीन टेक्नोलॉजी और पॉलिसी अपनाई जाएं, ताकि बच्चों को स्वच्छ, सुरक्षित और सस्टेनेबल भविष्य दिया जा सके।

इंदौर के डेली कॉलेज | मध्य प्रदेश 

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