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इंदौर के राऊ–देवास बायपास पर गुरूवार को एक बार फिर 10 घंटे का जाम लग गया, लेकिन एनएचएआई के अफसरों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस मामले में कलेक्टर शिवम वर्मा ने संज्ञान लिया और भारी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने एनएचएआई अफसरों और ठेकेदार को आड़े हाथों लेते हुए यहां तक कह दिया कि अब अगर बायपास जाम होता है तो एफआईआर कराई जाएगी।
5 घंटे तक खराब ट्रक हटाया ही नहीं
गुरुवार सुबह 6 बजे के करीब एक ट्रक की कमानी टूटने से वह अटक गया। इसके कारण वहां पर जाम लगना शुरू हो गया। इसके बावजूद सुबह 11 बजे तक एनएचएआई वालों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसकी जानकारी मिलते ही कलेक्टर शिवम वर्मा ने अपर कलेक्टर गौरव बैनल और एसडीएम को मौके पर भेजा।
यह हालत थी बायपास की
हर 100 से 200 मीटर की दूरी पर खराब ट्रक थे।
3 दिन बाद नवरात्रि शुरू हो रही है, देवास का ट्रैफिक और बढ़ेगा
2022 जुलाई से चल रहा काम, अभी भी 60% ही काम हुआ है।
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NHAI डायरेक्टर और ठेकेदार को कलेक्टर की फटकार
अपर कलेक्टर बैनल ने मौके पर ठेकेदार और एनएचएआई वालों से बात की तो वे कई तरह के बहाने बनाने लगे। अफसरों ने कहा कि डामर और गिट्टी माल नहीं आ पा रहा है। फिर बारिश हो गई, इसके चलते सर्विस रोड का काम नहीं हो पा रहा। अधिकारी ने कहा कि ट्रक सुबह 6 बजे खराब हुआ तो इसे फिर अभी तक हटवाया क्यों नहीं? इस पर फिर बहानेबाजी करने लगे। लापरवाही पूर्वक जवाब देने और बहाने बनाने की जानकारी जब कलेक्टर वर्मा को लगी तो उन्होंने एनएचएआई डायरेक्टर प्रवीण यादव और ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। कलेक्टर ने कहा कि यह लगातार हो रहा है। अब दोबारा हुआ तो फिर सीधे ठेकेदार, एनएचएआई के जिम्मेदारों पर केस ही दर्ज कराएंगे।
यह है पूरा मामला
बुधवार शाम हुई 2 इंच बारिश से इंदौर-देवास रोड़ पर फिर 10 घंटे का महाजाम लगा। अर्जुन बड़ोद पर गुरुवार सुबह 6 बजे से गाड़ियां फंसना शुरू हुई, जो शाम 4 बजे तक रेंगती रहीं। मात्र 800 मीटर की दूरी तय करने में गाड़ियों को डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा था। सिर्फ इंदौर से देवास के बीच ही नहीं, देवास से इंदौर के हिस्से में भी स्थिति ऐसी ही थी। गहरे गड्ढों में पानी भर गया था। कीचड़ और गिट्टी की वजह से गाड़ियां स्लिप होती रहीं।
वाहनों की लंबी कतारें थीं
लौटते समय शिप्रा नदी के ब्रिज से ही जाम शुरू हो गया था। अर्जुन बड़ोद जंक्शन के दोनों तरफ बने छोटे अंडरपास के ऊपर और सर्विस रोड दोनों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें थी। यह तब है जब अगस्त में महाजाम से तीन लोगों की मौत के बाद एनएचआई ने पूरी व्यवस्था सुधारने का दावा किया था।
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