इंदौर-देवास महाजाम पर कलेक्टर ने संभाला मोर्चा तब जाकर पहुंचे NHAI डायरेक्टर बांझल, भरवाए गड्ढे

इंदौर-देवास बायपास पर अर्जुन बड़ोद के पास पुल निर्माण से गुरुवार से महाजाम लगा था। शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने खुद पहल की। जिला प्रशासन और पुलिस की मेहनत से महाजाम से राहत मिली। कांग्रेस ने मुआवजे और कार्रवाई की मांग की है।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

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INDORE. इंदौर-देवास बायपास पर अर्जुन बड़ोद के पास बन रहे पुल के कारण गुरुवार से जो महाजाम लगा था, उसमें शनिवार शाम तक राहत मिलनी शुरू हुई। शनिवार सुबह हालात फिर भी खराब थे, लेकिन इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह खुद दोपहर 3:30 बजे मौके पर पहुंचे और शाम तक वहीं डटे रहे। उन्होंने सर्विस रोड पर मरम्मत का काम भी शुरू करवाया। वहीं, कांग्रेस ने टोल वसूली बंद करने, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर केस करने और जिन परिवारों में मौत हुई है, उन्हें एक-एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग की है।

NHAI डायरेक्टर बांझल अब जागे

कलेक्टर के मौके पर पहुंचने की खबर मिलने पर शनिवार को जाकर एनएचएआई के डायरेक्टर सुमेश बांझल मौके पर पहुंचे। शनिवार को जाकर गड्ढों को भरवाने का काम किया गया, जिससे ट्रैफिक चलने में तेजी आई। वहीं सर्विस रोड पर एक की जगह टू लेन शुरू की गई, जिससे वाहनों के निकलने में आसानी हुई। हालांकि अभी भी समय लग रहा है और इसे ठीक होने में एक-दो दिन और लगेंगे, जब तक सर्विस रोड की मरम्मत का काम पूरी तरह से नहीं हो जाता है। वहीं वाहनों को अब डायवर्ट करना भी शुरू कर दिया गया है, जिससे इंदौर-देवास के बीच में वाहनों की संख्या नियंत्रित रहे।

दो दिन में तीन मौत पर भी नहीं पहुंचे थे एनएचएआई वाले

इसके पहले महाजाम के चलते इंदौर-देवास के ब्रिज वाले एरिया में निकलने में घंटों लग रहे थे। इसी जाम में फंसने से दो तीन में तीन लोगों की जान चली गई। इसके बाद भी एनएचएआई के अधिकारी अपने एसी दफ्तर से बाहर नहीं निकले और ना ही जाम के यहां झांकने की जहमत नहीं उठाई। अब मांग उठ रही है कि इन तीन मौत को गैर इरादतन हत्या माना जाए और एनएचएआई के अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या के केस दर्ज किया जाए। 

इनकी हुई मौत

इस 8 किमी के हिस्से में लगे महाजाम में चार हजार से ज्यादा गाड़ियां फंसी रही। इसमें इंदौर के कमल पांचाल, शुजालपुर के बलराम पटेल और गारी पिपल्या गांव के संदीप पटेल) की मौत हो गई। इसमें दो को हार्ट अटैक आया और समय पर इलाज नहीं मिल सका तो वहीं एक मरीज का तो आक्सीजन सिलेंडर ही खत्म हो गया और मौत हो गई। 

दो दिन में फंस चुके हैं कई वीआईपी

इस जगह पर ट्रैफिक जाम की हालत इतनी खराब है कि मंगलवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का काफिला भी यहीं फंस गया था। पुलिस को रास्ता बनाने में 45 मिनट से ज्यादा का वक्त लग गया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इस जाम में गुरूवार को फंस गए थे। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग भी इसी जाम में फंस गए थे।

30 मिनट के सफर में लग रहे 3 घंटे

अर्जुन बड़ोद के पास एक नया पुल बन रहा है, लेकिन प्रशासन ने कोई वैकल्पिक मार्ग या सर्विस रोड नहीं बनाई है। पहले जो रास्ता 30 मिनट में तय होता था, वह अब 2 से 3 घंटे में पूरा होता है। स्कूल बच्चे, मरीज और कामकाजी लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहा, और ट्रैफिक पुलिस भी भीड़ को संभाल नहीं पा रही है।

वैकल्पिक मार्ग के दिए सुझाव

बायपास (indore dewas bypass) पर भारी वाहनों का लोड अत्यधिक होने से जाम की स्थिति बन रही है। इससे निपटने के लिये भारी वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे बायपास के वैकल्पिक मार्ग का उपयोग इंदौर से बाहर जाने के लिए करें। इसके लिये तीन वैकल्पिक मार्ग सुझाएं गए हैं।। बताया गया कि असुविधा से बचने के लिये भारी वाहन चालक एबी रोड़ पर देवास जाने के लिए मानपुर, घाटा बिल्लोद, लेबड़, बदनावर, बड़नगर, उज्जैन से देवास मार्ग का उपयोग कर सकते है। इसी तरह भोपाल जाने के लिए पुराने नेमावर रोड़ पर देवगुराड़िया, डबल चौकी, चापड़ा रोड़ का उपयोग किया जा सकता है। इसी प्रकार शिप्रा जाने के लिये डकाच्या, जयपुरिया मार्ग का उपयोग करें।

कांग्रेस की मांग 1-1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं देवास जिला मीडिया प्रभारी अमित चौरसिया एवं देवास जिला अध्यक्ष मनोज राजानी ने अपने संयुक्त प्रेस बयान में कहा कि दो दिनों से महाजाम के हालात बने हुए है। बारिश के पहले सभी सुस्ती में रहे और तीन मौत के बाद अब काम कराने की बात कह रहे हैं। यह मौत नहीं बल्कि हत्या है, गैर इरादतन हत्या, जो एनएचएआई के अधिकारियों ओर ठेकेदार ने की है। इस लापरवाही के लिए इन पर तत्काल प्रकरण दर्ज होना चाहिए। राजानी ने कहा कि जब जाम लग रहा है तो फिर टोल वसूली क्यों हो रही है इसे बंद किया जाना चाहिए। चौरसिया ने कहा कि जाम की स्थिति बन रही है लेकिन देवास और इंदौर के सांसद धृतराष्ट्र बने हुए है। किसी भी नेता ने भी अधिकारियों एवं ठेकेदार से यह पूछना जरुरी नहीं समझा कि जो विकास कार्य एक वर्ष पूर्व पूर्ण हो जाना चाहिए था वह अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ। कांग्रेस ने मांग की है इस सरकारी अवस्थाओं से हुई मौतो पर एनएचएआई के अधिकारियों और  ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि इन्हीं के लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है और राज्य सरकार को भी पीड़ित परिवार को 1- 1 करोड़ रुपए प्रति परिवार मुआवजा देना चाहिए।

क्या बोल रहे हैं डायरेक्टर बांझल और ठेकेदार सिसौदिया

वहीं इस मामले में बांझल की सफाई है कि स्टोन क्रेशर की हड़ताल से चलते माल नहीं आया और इसलिए सर्विस रोड को समय पर ठीक नहीं करा पाए थे। मांगलिया आरओबी व इंदौर-उज्जैन मार्ग पर काम के चलते भी अचानक ट्रैफिक बढ़ गया है। बारिश से और समस्या आ गई। व्यवस्था सुधारने की कोशिश की जा रही है, जल्द मरम्मत होगी, डामर प्लांट भी तैयार कर रहे हैं। वहीं ठेकेदेर समेंद्र सिसौदिया का कहना है कि प्रोजेक्ट लेट होने के कई कारण है। ट्रैफिक दबाव अधिक होने से समस्या आ गई। बारिश से और गड्ढे हो गए, पहले ही रोड कच्चा था। MP News

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