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इंदौर-देवास बायपास पर अर्जुन बड़ोद के पास बन रहे पुल के कारण दो दिन से लगातार लंबा जाम लग रहा है। मात्र 35 किमी और 40 मिनट का यह रास्ता पार करने में घंटों लग रहे हैं। गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन तक चले महाजाम में एक नहीं बल्कि तीन-तीन जिंदगी खत्म हुई हैं। साफ-साफ एनएचएआई के अधिकारियों की लापरवाही है। बारिश के पहले सभी सुस्ती में रहे और तीन मौत के बाद अब काम कराने की बात कह रहे हैं। यह मौत नहीं बल्कि हत्या है, गैर इरादतन हत्या, जो एनएचएआई के अधिकारियों ने की है।
इनकी हुई मौत
इस 8 किमी के हिस्से में लगे महाजाम में चार हजार से ज्यादा गाड़ियां फंसी रहीं। इसमें इंदौर के कमल पांचाल, शुजालपुर के बलराम पटेल और गारी पिपल्या गांव के संदीप पटेल की मौत हो गई। इसमें दो को हार्ट अटैक आया और समय पर इलाज नहीं मिल सका तो वहीं एक मरीज का तो ऑक्सीजन सिलेंडर ही खत्म हो गया और मौत हो गई।
पहली मौत ऐसे हुई- कमल पांचाल
परिजनों ने बताया कि गुरुवार को कमल पांचाल की बहन की तेरहवीं कार्यक्रम के लिए वह पत्नी शारदा, बेटे विजय और बहू प्रियंका के साथ कार में जा रहे थे। अर्जुन बड़ोद के पास जाम में उनकी भी कार फंसी, कुछ देर बाद उन्हें घबराहट होने लगी। बेटे ने कार निकालने की काफी कोशिश की लेकिन जाम में आगे नहीं बढ़ सके। डेढ़ घंटे बाद जब जाम से निकले और देवास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दूसरी मौत ऐसे हुई, संदीप पटेल की
गारी पिपल्या गांव के रहने वाले संदीप पटेल (32) भी जाम में फंसने के चलते बच नहीं सके। चाचा सतीश पटेल ने बताया कि गुरुवार शाम संदीप के सीने में दर्द उठा। मांगलिया स्थित अस्पताल ले जाने के लिए निकले, लेकिन रेलवे ब्रिज का काम चलने से जाम में फंस गए। दूसरी जगह से निकलने की कोशिश की, लेकिन वहां भी फंस गए। हालत गंभीर थी अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने इंदौर रेफर किया, लेकिन यहां आने के दौरान तलावली चांदा और देवास नाके के पास जाम में 3 घंटे फंसे और संदीप ने दम तोड़ दिया।
तीसरी मौत समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली- बलराम पटेल
शुजालपुर के कैंसर पीड़ित बलराम पटेल तो कैंसर की जगह जाम से ही जान खो बैठे। उन्हें इंदौर लाया जा रहा था, कार में दो ऑक्सीजन सिलेंडर थे। एक सिलेंडर देवास में, दूसरा 2 घंटे जाम में फंसे रहने के दौरान खत्म हो गया। हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार बलराम पटेल ने दम तोड़ दिया। मौत के बाद शव लेकर लौटने में भी जाम में फंसे रहे।
दो दिन में फंस चुके हैं कई वीआईपी
इस जगह पर ट्रैफिक जाम की हालत इतनी खराब है कि मंगलवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का काफिला भी यहीं फंस गया था। पुलिस को रास्ता बनाने में 45 मिनट से ज्यादा का वक्त लग गया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इस जाम में गुरुवार को फंस गए थे। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग भी इसी जाम में फंस गए थे।
30 मिनट के सफर में लग रहे 3 घंटे
अर्जुन बड़ोद के पास एक नया पुल बन रहा है, लेकिन प्रशासन ने कोई वैकल्पिक मार्ग या सर्विस रोड नहीं बनाई है। पहले जो रास्ता 30 मिनट में तय होता था, वह अब 2 से 3 घंटे में पूरा होता है। स्कूली बच्चे, मरीज और कामकाजी लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहा, और ट्रैफिक पुलिस भी भीड़ को संभाल नहीं पा रही है।
जाम से अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बंद
एबी रोड पर अर्जुन बड़ोद गांव से शुरू हुआ ट्रैफिक जाम कई किलोमीटर तक पहुंच चुका है। टोल नाके के बाद से ही गाड़ियां रेंगने लगी हैं। सबसे ज्यादा परेशानी इंदौर से देवास की तरफ जाने वाले रास्ते पर है। देवास से इंदौर आ रहे रास्ते पर भी वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। जाम से बचने के लिए लोगों ने खेत में गाड़ियां उत्तार दीं और आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन वे वहां पर भी फंस गए।
डकाच्या वाले रास्ते पर भी फंसे गए वाहन
डकाच्या से जयपुरिया कॉलेज होकर जाने वाला वैकल्पिक रास्ता भी बंद हो गया है। उस पर भी कई वाहन फंस गए हैं। वहीं, जाम के दौरान भी लिए जा रहे टोल टैक्स का भारी विरोध हो रहा है। यात्रियों का कहना है कि जब एनएचएआई के अफसर हमें सुविधा नहीं दे सकते तो फिर किस बात का टोल टैक्स वसूला जा रहा है। न सड़क सुधारते हैं, न ट्रैफिक की कोई व्यवस्था है। बताया जा रहा है कि जाम से निपटने के लिए इंदौर की 15वीं बटालियन से सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि उसके बावजूद जाम के खुलने की राह आसान नहीं हुई है।
कलेक्टर बोले चालानी कार्रवाई नहीं ट्रैफिक पर ध्यान दो
जाम से बढ़ती परेशानी को देखते हुए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार शाम को एनएचएआई अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें सर्विस रोड बनाने, ट्रैफिक कंट्रोल के बेहतर उपाय के आदेश दिए। इसमें मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के लिए कहा गया, इसका खर्च एनएचएआई उठाएगा। वहीं कलेक्टर ने शहर में भी अधिकारियों को कहा है कि वह बारिश में ट्रैफिक जाम के दौरान चालानी कार्रवाई नहीं करें, बल्कि जाम खुलवाने पर ध्यान दें। इस दौरान चालानी कार्रवाई स्थगित रखी जाए। नगर निगम को भी जल जमाव को दूर करने और व्यवस्थाएं बनाने के लिए कहा गया है।
बैठक में यह बताए अधिकारियों ने कारण
बैठक में बताया गया कि बायपास पर भारी वाहनों का लोड अत्यधिक होने से जाम की स्थिति बन रही है। इससे निपटने के लिये भारी वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे बायपास के वैकल्पिक मार्ग का उपयोग इंदौर से बाहर जाने के लिये करें। इसके लिये तीन वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए हैं। बताया गया कि असुविधा से बचने के लिये भारी वाहन चालक एबी रोड पर देवास जाने के लिए मानपुर, घाटा बिल्लोद, लेबड़, बदनावर, बड़नगर, उज्जैन से देवास मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। इसी तरह भोपाल जाने के लिए पुराने नेमावर रोड पर देवगुराड़िया, डबल चौकी, चापड़ा रोड का उपयोग किया जा सकता है। इसी प्रकार शिप्रा जाने के लिए डकाच्या, जयपुरिया मार्ग का उपयोग करें। कलेक्टर ने शहर की यातायात व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने शहर की मुख्य और अंदरूनी सड़कों पर जल-जमाव की समस्या को रोकने के लिए त्वरित जल निकासी की व्यवस्था करने और ड्रेनेज सिस्टम को सक्रिय रखने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
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