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इंदौर-देवास पर टोल मांगने पर गुंडागर्दी करने वाले और टोल में तोड़फोड़ करने वाले मंत्री समर्थकों को आखिर पुलिस ने पकड़ लिया है। हालांकि अभी तीन ही आरोपियों को पकड़ा है जबकि दस से ज्यादा घटना में आरोपी शामिल है। इस मामले में पुलिस शुरू से ही दबाव में थी और पहले समझौते की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था लेकिन जब नेशनल हाईवे अथारिटी ने जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दी, इसके बाद पुलिस जागी और गिरफ्तारी की।
इनकी हुई है गिरफ्तारी
डकाच्या के पूर्व सरपंच के पोते सहित तीन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा है, एक फरार है। मांगलिया चौकी प्रभारी विश्वजीत सिंह तोमर ने बताया कि पुलिस ने कुलदीप पटेल, अमन पटेल, अंकित शर्मा को पकड़ा है। कुलदीप के दादा डकाच्या के पूर्व सरपंच प्रहलाद पटेल हैं। पुलिस का कहना है, टोल के सीसीटीवी फुटेज में 15-20 लोग दिख रहे हैं, लेकिन अभी फरियादी ने सिर्फ चार आरोपियों के नाम बताए हैं, इसलिए उन्हें पकड़ा है। प्रतिबंधात्मक धाराएं लगाकर एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया।
टोल वालों ने दिया था पुलिस को आवेदन
टोल पर काम करने वाले फरियादी ने पुलिस को आवेदन दिया था कि भोपाल पासिंग कार (एमपी 04 वी 9992) में आया था। उसके फास्ट टैग में बैलेंस नहीं था। राशि मांगी तो विवाद किया। बाद में आगे बढ़ाकर साथियों को बुलाया और फिर टोल पर तोड़फोड़ की। फरियादी का कहना है कि पहले भी ऐसी घटनाएं हुई लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। उल्लेखनीय है कि इस बार भी साधारण प्रतिबंधात्मक धाराएं ही लगी है।
मंत्री समर्थक से कराया फोन, बनाया दबाव
आरोपी मारुति 800 कार का टोल नहीं देना चाहते थे। इस पर कार चालक ने फोन पर किसी से बात भी कराई, लेकिन टोल माफ नहीं हुआ तो उन्होंने फोन करके अपने अन्य 10 से 12 साथियों को बुला लिया। उसके बाद टोल के केबिन में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की गई। मामले में टोल कंपनी की तरफ से क्षिप्रा थाने में शिकायत हुई । राऊ–देवास बायपास पर इंद्रदीप कंपनी टोल संभाल रही है। यहां पर शुक्रवार 4 अप्रैल की रात एक कार चालक ने टोल कर्मचारी से फोन पर मंत्री समर्थक से बात करवा कर अपनी कार को बिना टोल दिए जाने का कहा। इस पर टोल कर्मचारी ने यह कहते हुए कार चालक को मना कर दिया कि टोल तो देना पड़ेगा। इस पर बहस भी हो गई। बस फिर क्या था कार चालक ने फोन करके अपने समर्थकों को टोल पर बुला लिया।
कई गाड़ियों से पहुंचे मंत्री समर्थक, की तोड़फोड़
इसके बाद कई गाड़ियों से स्वयं को मंत्री समर्थक बताते हुए लोग पहुंचे और उन्होंने टोल कर्मचारियों से विवाद करते हुए तोड़फोड़ कर दी। वे टोल के केबिन में घुसे और वहां रखे कम्प्यूटर को उठाकर बाहर सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान वहां से गुजरने वाली गाड़ियां बिना टोल दिए ही गुजरती रहीं।
टीआई ने कहा था समझौता हो गया
घटना को लेकर क्षिप्रा टीआई का कहना था कि हमारे पास टोल कंपनी की तरफ से टोल पर तोड़फोड़ को लेकर शिकायत का आवेदन आया है। इस पर हमने दोनों पक्षों को बात करने के लिए बुलाया है। अभी तक दोनों पक्षों में से कोई भी हमारे पास नहीं आया है। हालांकि ऐसी जानकारी मिली है कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। तोड़फोड़ करने वाले लोगों के एक मंत्री समर्थक होने की बात पर टीआई का कहना था कि ऐसा नहीं है, वे आसपास के गांव के ही लोग हैं। वहीं, टोल कंपनी का कहना है कि घटना के सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं।
आरोपियों ने काफी बुरी तरह से तोड़फोड़ की है। साथ ही जिस टोल मैनेजर ने कार को टोल माफ करने से मना किया था वह घटना के बाद काफी डरा हुआ है और काम पर वापस ही नहीं लौटा है। अभी मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं हुआ है। हम घटना को लेकर आरोपियों पर एफआईआर कराएंगे।
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