इंदौर में द्वारकापुरी TI राजपूत काम में लापरवाही पर हटाए गए, ASI वर्मा पर बैठाई जांच
द्वारकापुरी थाने में महिला की शिकायत पर लापरवाही बरतना एक टीआई और ड्यूटी अफसर को भारी पड़ गया। डीसीपी ने सोमवार रात थाना प्रभारी राहुल राजपूत को लाइन अटैच कर दिया।
इंदौर का द्वारकापुरी थाना 5 महीने में दूसरी बार विवादों में आ गया है। यहां एक महिला घरेलू हिंसा और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन थाने के स्टाफ ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर संबंधित डीसीपी ने कार्रवाई करते हुए टीआई राहुल राजपूत को लाइन अटैच कर दिया है और एएसआई के खिलाफ भी जांच बैठाई है।
यह है पूरा मामला
द्वारकापुरी थाने में महिला की शिकायत पर लापरवाही बरतना एक टीआई और ड्यूटी अफसर को भारी पड़ गया। डीसीपी ने सोमवार रात थाना प्रभारी राहुल राजपूत को लाइन अटैच कर दिया। वहीं ड्यूटी पर मौजूद एएसआई रामगोपाल वर्मा के खिलाफ जांच बैठा दी है। मामला एक महिला की घरेलू हिंसा और जान से मारने की धमकी को लेकर की गई शिकायत से जुड़ा है। जिसकी एफआईआर दर्ज करने में थाने स्तर पर लापरवाही बरती गई।
अपराधी पर कार्रवाई करने के बजाए थाने में बैठाए रखा था पीड़िता को
आरोपी ने मारपीट कर जान से मारने की दी धमकी
पीड़िता ने बताया कि वह वर्ष 2021 से आरोपी रोहित मराठा निवासी परिवहन नगर के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी। दो माह पहले झगड़े के बाद दोनों अलग हो गए थे। 25 मई की रात रोहित उसके घर पहुंचा, दरवाजा खुलवाकर जबरदस्ती अंदर घुसा, गाली-गलौज की, मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। महिला का आरोप है कि आरोपी काफी देर तक घर में रुका रहा और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहा।
पीड़िता ने बताया कि घटना के अगले दिन जब वह शिकायत लेकर द्वारकापुरी थाने पहुंची, तो ड्यूटी पर मौजूद एएसआई रामगोपाल वर्मा ने गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने महिला को काफी देर तक थाने में बैठाए रखा। आवेदन देने की बात कही और एफआईआर दर्ज किए बिना रवाना कर दिया। इस दौरान महिला थाने में रोती रही, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बताया गया कि दोपहर बाद जब थाना प्रभारी राहुल राजपूत थाने पहुंचे, तब तक पीड़िता थाने से जा चुकी थी। महिला सीधे डीसीपी के पास पहुंची और पूरी आपबीती सुनाई। इस पर डीसीपी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए टीआई राहुल राजपूत को लाइन अटैच कर दिया। साथ ही ड्यूटी अफसर एएसआई रामगोपाल वर्मा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए।
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी रोहित मराठा के खिलाफ IPC की धारा 331(6), 115(2), 296, 351, 324(4) के तहत केस दर्ज किया। रोहित पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक वह एक कांग्रेस नेता के यहां गोली चला चुका है और दो माह पहले एक महिला के घर के बाहर खड़ी एक्टिवा में आग लगाने का भी आरोपी है।
द्वारकापुरी थाना 5 महीने पहले भी तब विवाद में आ गया था जबकि एक युवक की मौत के मामले में कार्रवाई करने को लेकर टीआई ने लापरवाही बरती थी। बताते हैं कि खाकी का मान नहीं रखने वाले द्वारकापुरी थाना प्रभारी आशीष सप्रे खिलाफ पुलिस ने सख्ती दिखाई थी। उनकी कार्यप्रणाली व कार्यक्षमता में खामी मानते हुए डीसीपी ने उन पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगाया था। टीआई साहब ने चायनीज मांझे से हुई 20 साल के युवक की मौत को लेकर कार्रवाई में लापरवाही की थी। वहीं, थाने के एचसीएम प्रताप पटेल और सउनि कमलेश डाबर पर लापरवाही के लिए एक-एक हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
जनवरी 2025 में यह मामला आया था सामने
टीआई के लिए आदेश में यह लिखा था
टीआई सप्रे को लेकर डीसीपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि गंभीर प्रकृति की घटना संज्ञान में आने पर भी अधीनस्थों द्वारा टीआई को इसकी जानकारी नहीं देना बताता है कि टीआई सप्रे का अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं है और परस्पर संवाद की कमी है। इसके पहले भी टीआई द्वारा थाने पर आने वाले फरियादी, सूचनाकर्ता को इसी प्रकार संवादहीनता की कमी से टाला गया। इनके इस असंवेदनशील बर्ताव की वजह से बीते 15 दिनो में थाना क्षेत्र में दो बार चक्काजाम की स्थिति व कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। जो ना केवल पुलिस की छवि को धूमिल करती है बल्कि टीआई की कार्यप्रणाली व कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। उनके द्वारा पदीय कर्त्तव्य में लापरवाही बरती गई है।
यह पत्र लिखा था डीसीपी ने तत्कालीन टीआई सप्रे को लेकर
अधीनस्थों के लिए आदेश में यह लिखा था
वहीं डीसीपी ने द्वारकापुरी थाने के एचसीएम प्रताप पटेल व सउनि कमलेश डाबर के खिलाफ एक-एक हजार अर्थदंड का आदेश दिया था। इनको लेकर कहा गया कि गंभीर मामले में भी मौके पर जाकर तस्दीक नहीं की गई। जबकि सूचना पाई गई थी कि घटना गोपुर चौराहे से फूटी कोठी के बीच हुई है और युवक की मौत हुई है। इनके द्वारा काम में लापरवाही बरती गई।