इंदौर ED में गिरफ्तार आसिफ थारा को 141 करोड़ के मामले में मिली जमानत

आसिफ हनीफ थारा के खिलाफ 141 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के सात दिन बाद हाईकोर्ट इंदौर का आदेश आ गया है। इसमें ईडी को झटका लगा है।

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Sanjay gupta
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ED इंदौर ( प्रवर्तन निदेशालय ) में चल रहे बैंगलुरु के रसूखदार आसिफ हनीफ थारा के खिलाफ 141 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के सात दिन बाद हाईकोर्ट इंदौर का आदेश आ गया है। इसमें ईडी को झटका लगा है और थारा की जमानत याचिका विविध शर्तों के साथ मंजूर कर ली गई है। उल्लेखनीय है कि थारा की गिरफ्तारी के बाद से ही बैंगलुरू से इंदौर और दिल्ली तक हड़कंप मच गया था और गिरफ्तारी के बाद से ही थारा को लेकर बड़े हलकों में जोर आजमाइश का दौर शुरू हो गया था।

हाईकोर्ट ने यह दिए आदेश

हाईकोर्ट ने पांच लाख की बाउंड गारंटी पर यह जमानत दी है। साथ ही सात दिन में थारा को पासपोर्ट भी जमा करना होगा और बिना कोर्ट मंजूरी के वह देश को छोड़कर नहीं जा सकेंगे। साथ ही किसी भी गवाह को धमका नहीं सकेंगे और कोर्ट में पेशी के दौरान आना होगा और जांच अधिकारी को हर तरह जांच में सहयोग करना होगा।

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इस आधार पर मिली जमानत

हाईकोर्ट ने कहा कि इस केस में आरोपी को गिरफ्तारी से पहले ईडी ने कोई समन नहीं दिया और ना ही कोई बयान लिए। उन्हें सीधे गिरफ्तार किया गया जबकि इस मामले में मुरार थाना ग्वालियर में 16 जून 2023 को केस दर्ज हुआ था और ईडी में 2 नवंबर 2023 को केस हुआ। लेकिन इसमें नई दिल्ली एसटीएफ ईडी ने सीधे चार अक्तूबर 2024 को गिरफ्तार किया और वह भी सह आरोपियों के बयान के आधार पर। बाद में 27 व 28 अक्टूबर को गिरफ्तारी के दौरान ही बयान हुए, इसके पहले नहीं लिए गए। ना ही किसी तरह की मनी ट्रैल सामने आ सकी है।

कौन हैं रसूखदार थारा

यह रसूखदार हैं कर्नाटक बैंगलुरु के बडे़ मसाला कारोबारी आसिफ पिता हनीफ थारा। इनकी कंपनी का नाम है यूनिक ट्रेडर्स। इन्हें 4 अक्टूबर को दिल्ली एसटीएफ ने गिरफ्तार किया और फिर इसे ईडी इंदौर के हवाले कर दिया। कारण है कि इस पर केस ग्वालियर जिले के मुरार थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है और क्षेत्र ईडी इंदौर के दायरे में आता है। इसे जेल भेज दिया गया है। इसकी जमानत याचिका ईडी स्पेशल कोर्ट इंदौर में लगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद हाईकोर्ट इंदौर में अपील हुई और 11 नवंबर को सुनवाई के बाद आदेश रिजर्व रख लिया था, जिसे 19 नवंबर को जारी किया गया।

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क्या है पूरा केस, ग्वालियर कहां से आया

आसिफ पर आरोप है कि उसने अपने ही कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर नौ बोगस संस्थाएं, कंपनी बनाई और तुर्की व चाइना से तय मानकों से अधिक खसखस (पॉपी सीड्स) का आयात किया। इसके जरिए उसने 141 करोड़ का अवैध रूप से मुनाफा कमाया। आयात के लिए बोगस कंपनियों ने लाइसेंस सेंट्रल ब्यूरो नारकोटिक्स (सीबीएन) ग्वालियर से लिया था। इसके चलते ग्वालियर के मुरार थाने में साल 2023 में केस दर्ज हुआ। इसमें दिल्ली एसटीएफ जांच कर रही है और इसी एफआईआर के आधार पर उस पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज किया गया है।

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