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इंदौर नगर निगम के एआरओ (सहायक राजस्व अधिकारी) राजेश परमार के यहां शुक्रवार सुबह ईओडब्ल्यू के छापे में करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति सामने आई है। टीम उनके बीजलपुर स्थित आवास के साथ ही परिजन के कनाडिया श्रीजी वैली स्थित आवास पर भी पहुंची। सर्च शुरू होने के कुछ देर में ही करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति सामने आ गई। इंदौर में ही सात जगह पर उनके फ्लैट और प्लॉट मिले हैं। ज्वेलरी, बैंक खातों, लॉकर और नकदी की जांच जारी है। ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के आदेश पर टीम बनाकर यह छापा हुआ है।
बेलदार के पद पर हुआ था भर्ती
नगर निगम का एक करोड़पति बेलदार असलम खान पहले ही चर्चा में है, जिस पर लोकायुक्त ने छापा मारा था और बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस किया था। अब परमार भी निगम में पहले बेलदार के पद पर ही था और अब एआरओ बना था। उसने खुद व परिवार के सदस्यों के नाम पर आवासीय भवन व प्लॉट खरीदे। आरोपी परमार के विरुद्ध धारा 7सी 13(1) बी व 13(2) भ्रष्टाचार निवारण एक्ट 1988 में केस पंजीबद्ध हुआ।
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छापे में यह संपत्ति मिली
- बीजलपुर इंदौर में दो मंजिला 2 हजार 600 वर्गफीट में मकान
- संचार नगर में फ्लैट
- संपत ग्रीन में 1 हजार 600 वर्गफीट का प्लॉट
- श्री जी वैली में फ्लैट
- पिपल्याहाना में विकसित कॉलोनी उदयनगर में एक भूखंड
- खुशबू विला में फ्लैट
- सेटेलाइट वैली इंदौर में फ्लैट
यह भी मिला
कार्रवाई में दोनों निवास स्थल पर दस्तावेज, ज्वेलरी, बैंक खातों व नकदी को लेकर कार्रवाई जारी है। अभी तक की कार्रवाई में बहूमूल्य संपत्ति होने की बात आई है। ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के निर्देश पर डीएसपी मधुर वीणा गौड़, नंदिनी शर्मा, पवन सिंघल, आमोद सिंह राठौर, इंस्पेक्टर कैलाशचंद्र पाटीदार, योगेंद्र शर्मा, राजेश साहू, मनीषा शर्मा, संजय मिश्रा द्वारा कार्रवाई की गई।
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लगातार विवादों में रहे हैं परमार
परमार करीब डेढ़ माह से निलंबित है। वह पहले निगम के 16 में एआरओ पर थे, लेकिन यहां उनकी शिकायतें लगातार आ रही थी। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने उनकी शिकायतों के चलते सस्पेंड कर दिया था। इसके पहले भी वह जोन 19 में थे और वहां भी इनकी लगातार शिकायतें थी जिसके चलते जोन बदला गया था लेकिन फिर भी नहीं सुधरे और फिर निलंबित किया गया। परमार के खिलाफ शिकायतें हैं कि वह खातों को मेंटेन नहीं करते हैं और बड़ी रिकवरी में ध्यान नहीं रहता है।
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इसके पहले वीआरएस का पेंच चलाया था
परमार इतने विवादित है कि उन्होंने एक बार वीआरएस का पेंच चलाया था और कहा था कि निगम में काम का इतना दबाव है कि मुझे वीआरएस के लिए मजबूर किया जा रहा है। वह तत्कालीन आईएएस अपर आयुक्त श्रीकृष्ण चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी भी कर सड़क पर उतर चुके हैं। इस दौरान भी उन्हें सस्पेंड किया गया था।
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