मप्र में राजस्व के काम में पटवारियों का भ्रष्टाचार नासूर बनता जा रहा है। हजारों की जगह अब बात छोटे से कामों के लिए भी लाख रुपए से शुरू हो रही है। ऐसे ही एक मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यूइंदौर ने शिकायत पर कार्रवाई की और पीथमपुर के पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को रंगे हाथ पकड़ा। मामला 3 लाख रुपए की रिश्वत का है। अब इसमें ईओडब्ल्यू अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
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1 लाख रुपए ले चुका, फिर 1 लाख लेते पकड़ा
पीथमपुर में तैनात पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। वहीं पटवारी पहले भी एक लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था। काम के लिए उसने बाणगंगा इंदौर निवासी देवेंद्र नरवरिया और कैलाश नरवरिया से तीन लाख रुपए मांगे थे। फरियादियों ने 21 फरवरी 2025 को EOW में शिकायत करवा दी।
यह था जमीन का मामला
फरियादियों ने बताया कि उनकी मां और मामा की पीथमपुर में जमीन है। इसका बंटवारा आवेदन तहसीलदार के पास लगा हुआ था। इस मामले में पटवारी को मौका मुआयना रिपोर्ट लगाना था। इसके लिए पटवारी प्रशांत ने 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। आरोपी पहले ही एक लाख रुपए ले चुका था और इसके बाद भी काम के लिए दूसरी किस्त मांग रहा था। पटवारी ने उन्हें पीथमपुर के हाउसिंग चौराहा स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास बुलाया और अपनी गाड़ी में एक लाख रुपए लिए। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7(सी) के तहत केस दर्ज किया गया है। कार्रवाई में एक डीएसपी, 4 निरीक्षक समेत 8 अन्य सदस्य शामिल थे।
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