जल निगम में 184 करोड़ की बैंक गारंटी में घिरी तीर्थ गोपीकॉन की उज्जैन निगम में दी बैंक गारंटी CBI ने की जब्त

मध्य प्रदेश जल निगम में 184 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी देने के आरोप में इंदौर की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी सीबीआई जांच के घेरे में है। अब कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि...

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Sanjay Gupta
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मध्य प्रदेश जल निगम में फर्जी 184 करोड़ की बैंक गारंटी देने में उलझी इंदौर की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी मामले में सीबीआई जांच हो रही है। अब एक और बैंक गारंटी को लेकर कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई द्वारा की गई छापामारी में एक और बैंक गारंटी व दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

उज्जैन नगर निगम का ठेका भी उलझा

सीबीआई ने कंपनी के यहां की गई सर्च में एक बैंक गारंटी जो 87.88 लाख रुपए की है, उसे जब्त किया है। यह गारंटी कैनरा बैंक द्वारा जारी की गई है। यह गारंटी कंपनी ने उज्जैन निगमायुक्त के नाम से बनाई है, जो उन्हें अमृत 2.0 में वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट के एवज में देना है। सीबीआई ने इस गारंटी को जब्त किया है। इसके चलते उज्जैन निगम ने कंपनी गोपीकॉन को नोटिस दे दिया है कि क्यों ना आपका ठेका निरस्त कर दिया जाए

सीबीआई ने माना है संदिग्ध

इस बैंक गारंटी को वापस दिलाने के लिए कंपनी जिला कोर्ट भी गई थी। कंपनी की ओर से एमडी महेश कुंभानी, 105 अमर मेट्रो पगनिस पागा, इंदौर याचिका दायर की थी। इसमें सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बैंक गारंटी को संदिग्ध माना है और अभी मामले की जांच जारी होने की बात कही है। ऐसे में अब कंपनी बैंक गारंटी मामले में खुद ही घिर रही है।

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184 करोड़ की बैंक गारंटी में यह हो चुका

कंपनी को 950 करोड़ से ज्यादा का जल निगम का टेंडर मिला था। इसके लिए उसने पीएनबी कोलकाता की नॉर्थ 24 परगना ब्रांच की बैंक गारंटी 184 करोड़ की दी। यह बैंक गारंटी 20 मार्च 2023 की थी। 25 अप्रैल 2025 को कंपनी को जल निगम से नोटिस मिला कि यह बैंक गारंटी फर्जी है। कंपनी को तत्काल नई बैंक गारंटी देने के आदेश दिए गए। इस पर कंपनी हाईकोर्ट में गई और वहां कहा कि उनसे बैंक अधिकारी मिले और यह गारंटी दी गई। हमें भी अब पता चला कि यह फर्जी है जब जल निगम से नोटिस आया, तो इस मामले में धोखाधड़ी तो हमारे साथ हुई है, इसकी शिकायत हमने रावजी बाजार थाना इंदौर में की है। इस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने नौ मई को इस मामले में अज्ञात के खिलाफ 420, 467, 468 और 120 बी धारा में केस दर्ज कर जांच की और कोलकाता से दो को गिरफ्तार भी किया। पूरे मामले में जांच जारी है। इस मामले में अभी तक सीबीआई ने कंपनी को क्लीन चिट नहीं दी है।

कंपनी मूल रूप से गुजरात की, यह है एमडी, डायरेक्टर

कंपनी मूल रूप से अहमदाबाद (गुजरात) की है। मप्र में इसका ऑफिस इंदौर में 204, अमर मेट्रो पगनिस पागा इंदौर में है। कंपनी के एमडी महेश भाई कुंभानी हैं, इसमें प्रमोटर व डायरेक्टर चंद्रिकाबेन कुंभानी और नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पल्लव कुंभानी हैं। कंपनी मूल रूप से सरकार के सिविल इंजीनियरिंग वर्क्स के टेंडर लेती है। कंपनी ने इंदौर, उज्जैन, छतरपुर जैसे शहरों में कई प्रोजेक्ट किए हैं। इंदौर में नगर निगम और स्मार्ट सिटी के तहत सराफा प्रोजेक्ट, नाला टैपिंग, एसटीपी प्रोजेक्ट, सरवटे प्रोजेक्ट जैसे कई प्रोजेक्ट किए हैं, उज्जैन में अमृत 2.0 प्रोजेक्ट भी है।

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इंदौर में सबसे महंगा 454 करोड़ का सौदा भी अटका

कंपनी ने इंदौर में कुक्कुट पालन केंद्र की एमओजी लाइन की 7 लाख वर्ग फीट जमीन का सौदा 454 करोड़ में स्मार्ट सिटी इंदौर से अप्रैल माह में किया था। यह सबसे महंगे प्रॉपर्टी सौदों में से एक है। इसकी किश्त कंपनी को भरनी थी लेकिन अभी तक यह राशि नहीं भरी गई है और कंपनी को कुछ समय दिया गया है। लेकिन कंपनी के उलझने से स्मार्ट सिटी के साथ हुआ यह सौदा भी उलझन में फंस गया है। अभी तक स्मार्ट सिटी को कोई राशि नहीं मिली है। इस राशि से मास्टर प्लान की सड़कें भी बनाई जानी हैं। इससे पूरे काम में देरी हो चुकी है। Indore Latest News | Mp latest news

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