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सांची ब्रांड में सबसे बड़ा नाम इंदौर सांची का है, जो मुनाफे में भी है। हालांकि, दिवाली में यहां के बने पेड़े में फंगस मिला है। इसकी शिकायत खुद सांची के उत्पाद बेचने वाले दुकानदार ने ही सांची के डीलर और अधिकारियों से की है।
शंखेश्वर सिटी में सांची के उत्पाद बेचने वाले दुकानदार हरीश प्रजापत ने द सूत्र को बताया कि दिवाली के समय एक ग्राहक दस पैकेट सांची के पेड़े के लेकर गया था। इसमें दो में फंगस निकली और वह हमें लौटा गया और शिकायत की। मैंने इस बारे में पहले सांची के डीलर को शिकायत की लेकिन वह बोले ऐसा नहीं होता है। मैंन सांची के अधिकारियों को भी मेल करके इस बारे में जानकार दी है।
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पैकेट की फोटो भी दुकानदार हरीश प्रजापत ने द सूत्र को दी है। ढाई सौ ग्राम के इस पैकेट की कीमत 115 रुपए है। यह पेड़े 20 अक्टूबर को बने हैं और इसकी एक्सपायरी डेट 19 नवंबर तक है। हालांकि, पेड़े इसके पहले ही खराब निकले हैं और इन पर फंगस जमा है। ऐसे में सांची ब्रांड को धक्का लगा है।
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सांची सहकारी दुग्ध संघ हाल ही में खासा चर्चा में आया क्योंकि मप्र शासन और एनडीडीबी (नेशनल डेयरी डेवलमेंट बोर्ड) के बीच इसे लेकर करार हो रहा है कि कैसे सांची को और बेहतर किया जाए। इससे सांची से जुड़े लोगों को लग रहा है कि बोर्ड उन्हें टेकओवर कर लेगा। हालांकि सीएम डॉ. मोहन यादव ने इंदौर सांची में आकर कहा था कि सांची ब्रांड बना रहेगा, केवल डेवलपमेंट के लिए बोर्ड से करार हो रहा है।