इंदौर में श्री गुरुसिंघ सभा पर बकाया टैक्स, निगम ने कर दिया गुरुद्वारे का ऑफिस सील
इस मामले में गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू हरपाल भाटिया और सचिव प्रीतपाल सिंह भाटिया शाम को प्रतिनिधिमंडल के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मिले। इस दौरान मोनू भाटिया ने साफ कहा कि दुकानें सील करना था तो कर देते।
इंदौर में नगर निगम की टीम ने राजस्व वसूली की कार्रवाई करते हुए जवाहर मार्ग स्थित इमली साहब गुरुद्वारे के ऑफिस सहित दुकानों को सील कर दिया। इन पर लगभग 60 लाख रुपए का टैक्स बकाया बताया गया है। यह टैक्स श्री गुरु सिंघ सभा के पूर्व अध्यक्ष रिंकू भाटिया के समय का है। वहीं, खास बात यह है कि वर्तमान अध्यक्ष मोनू भाटिया और उनकी टीम निगम की इस कार्रवाई को रुकवा नहीं पाई और दफ्तर व दुकानें सील हो गईं।
गुरुसिंघ सभा अध्यक्ष, सचिव मिले महापौर से
इस मामले में गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू हरपाल भाटिया और सचिव प्रीतपाल सिंह भाटिया शाम को प्रतिनिधिमंडल के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मिले। इस दौरान मोनू भाटिया ने साफ कहा कि दुकानें सील करना था तो कर देते, लेकिन गुरुद्वारे में इस तरह की कार्रवाई सहन नहीं की जा सकती है। इस पर महापौर ने भी कहा कि यह गलत किया गया है, संबंधित को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद शाम को ऑफिस व दुकानें खोल दी गईं। इससे पहले सिख समाज ने कार्रवाई से नाराज होकर चेतावनी दी थी कि प्रशासन का अगर इस तरह का ही रवैया रहेगा तो वे खुद गुरुद्वारे, मंदिर और मस्जिदों का संचालन करके देख लें।
श्री गुरु सिंघ सभा के सचिव प्रीतपाल सिंह भाटिया ने बताया कि हमारी कमेटी मात्र चार महीने पुरानी है, लेकिन जो टैक्स बकाया बताया जा रहा है, वह काफी पुराना है। हमारा आग्रह है कि पहले बैठकर चर्चा करें। पुराने टैक्स को लेकर बजट व्यवस्था फाइनेंस से होती है। हम इसको लेकर बात करने के लिए तैयार थे, उसके बावजूद नगर निगम की एक टीम ऑफिस सील करके चली गई, जो कि घोर निंदनीय है। इससे सिख समाज में काफी रोष है और यह कार्रवाई हमारे लिए असहनीय है।
उन्होंने बताया कि बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि नगर निगम की टीम द्वारा दुकानें सील करने तक तो समझा जा सकता है कि टैक्स जमा कराए जाने में कोई परेशानी रही होगी। राष्ट्र के निर्माण में सिख समाज का योगदान रहा है। आज नगर निगम की टीम द्वारा गुरुद्वारा साहिब परिसर में सीढ़ियां चढ़कर ऑफिस को सील करना बहुत ही निंदनीय है। सिख समाज इस बात को काफी दूर तक लेकर जाएगा।
उन्होंने बताया कि श्री गुरु सिंघ सभा की सभी दुकानों का कुल टैक्स लगभग 60 लाख रुपए है। इसको लेकर हम निगम अफसरों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे। हम इसे किश्तों में जमा कर सकते हैं, लेकिन इतनी बड़ी राशि को एकमुश्त देना हमारे लिए संभव नहीं है। हमारी प्रशासन से अपील है कि अगर ऐसी ही स्थिति आगे भी रही तो गुरुद्वारे, चर्च, मंदिर आप स्वयं ही चलाकर देख लें। हमें इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी।
नगर निगम के एआरओ मयूर पाटिल का कहना है कि मंगलवार को की गई कार्रवाई में अलग–अलग जगह पर 26 दुकानों को सील किया गया है। इसमें से जवाहर मार्ग पर स्थित गुरुद्वारे की 9 दुकानें हैं। गुरुद्वारा कमेटी का ऑफिस और बैंक को भी सील किया गया है। इसके अलावा वार्ड 62 में जूनी इंदौर की मस्जिद की 13 दुकानों को भी सील किया गया है। उन पर टैक्स का 12 लाख 35 हजार रुपए बकाया है।
गुरुद्वारे में नोटिस लगाने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग
विरोध जताते हुए उक्त अधिकारी पर कार्रवाई करने को लेकर सिख समाज का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष हरपाल मोनू भाटिया, सचिव प्रीतपाल भाटिया व सभी सदस्यों के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मिला। महापौर ने गुरुद्वारा साहिब के अंदर कार्रवाई को गलत बताया व नोटिस चस्पा करने वाले बिल कलेक्टर पर एक्शन के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। सिख यूथ एसोसिएशन ऑफ इंदौर के अध्यक्ष सच सलूजा ने कहा कि इंदौर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब के कार्यालय पर नोटिस लगाकर सील करने की कार्रवाई पर सिख समाज में गहरी नाराजगी है।
12 साल से रिंकू भाटिया ने संगत को धोखे में रखा
श्री गुरु सिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू भाटिया का कहना है कि रिंकू भाटिया संगत में 12 साल से जमे हुए थे। यह टैक्स उनके समय का ही है। उन्होंने संगत को हमेशा धोखे में रखा और टैक्स भरा ही नहीं, जो कि आज काफी ज्यादा हो गया है। वे बड़े-बड़े आयोजन करवाते रहे, लेकिन टैक्स नहीं भर पाए। जब भी टैक्स भरने की बारी आती, तो वे एक या दो लाख रुपए भरवा देते थे। असल में उतना तो टैक्स का ब्याज ही बन जाता था। ऐसे में जो पैसे अभी तक भरे, वे भी बेकार ही चले गए। अब कल पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और देखेंगे कि इसे कैसे जमा कर सकते हैं।