इंदौर-देवास महाजाम पर विवादित तर्क रखने वाली वकील हाईकोर्ट में मौजूद थीं, NHAI ने वहीं हटा दिया

इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी के समक्ष पिछले दिनों सीनियर एडवोकेट गिरीश पटवर्धन और एडवोकेट अक्षत पहाड़िया के माध्यम से जाम को लेकर मीडिया में प्रसारित खबरों व अन्य तथ्यों के आधार पर एक जनहित याचिका लगाई थी।

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Vishwanath Singh
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Sourabh903
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इंदौर-देवास बायपास पर की खराब स्थिति और जानलेवा जाम को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान तीन अहम चीजें हुईं। जिसमें एनएचएआई ने जाम को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाली अपनी वकील अनीता शर्मा को केस से हटा दिया है। वहीं, कंस्ट्रक्शन कंपनी को अपना जवाब पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। साथ ही इसके संबंध में पिछले दिनों लगाई गई जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया है। अब अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

यह हुआ हाईकोर्ट की सुनवाई में

इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी के समक्ष पिछले दिनों सीनियर एडवोकेट गिरीश पटवर्धन और एडवोकेट अक्षत पहाड़िया के माध्यम से जाम को लेकर मीडिया में प्रसारित खबरों व अन्य तथ्यों के आधार पर एक जनहित याचिका लगाई थी। बताया गया कि उस याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कोर्ट ने उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब पहले से ही इसको लेकर एडवोकेट तनिष्क पटेल द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई चल रही है तो फिर नई याचिकाओं पर सुनवाई करना ठीक नहीं है। इतना कहकर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। इस केस में हाईकोर्ट एडवोकेट और याचिकाकर्ता तनिष्क पटेल की तरफ से एडवोकेट नवनीत किशोर ने पैरवी की।

एनएचएआई ने ऐन वक्त पर बदला वकील

हाईकोर्ट एडवोकेट और याचिकाकर्ता तनिष्क पटेल ने बताया कि एनएचएआई की तरफ से एडवोकेट अनीत शर्मा सुबह 11 बजे तक को कोर्ट में मौजूद थीं, लेकिन अचानक एनएचएआई की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि अब उनकी तरफ से इस केस में पक्ष रखने के लिए किसी और वकील को कर लिया गया है। इसके बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो एडवोकेट अनीता शर्मा की जगह पर दिल्ली की एडवोकेट फर्म एमवी किनी की तरफ से एडवोकेट ऑनलाइन शामिल हुईं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगली पेशी में उन्हें यहीं पर आकर अपना पक्ष रखना होगा। एनएचएआई द्वारा वकील बदले जाने की पुष्टि एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण यादव ने की है।

 

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यह कहा था एनएचएआई ने

कंस्ट्रक्शन कंपनी को जवाब के लिए दिया समय

एडवोकेट पटेल ने बताया कि इस बार की सुनवाई में बायपास का फ्लाईओवर बना रही कंस्ट्रक्शन कंपनी डीजी बाहिलकर को अपना जवाब देना था, लेकिन उनकी तरफ से कोर्ट में कोई जवाब पेश नहीं किया गया। ऐसे में कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का समय और दिया है और कहा है कि 23 जुलाई तक वे अपना जवाब कोर्ट में पेश करें।

यह बयान दिया था एनएचएआई की पूर्व वकील ने

इंदौर देवास बायपास पर लगे जानलेवा जाम को लेकर एनएचएआई की वकील शर्मा ने तब कहा था कि – "लोग निकलते ही क्यों हैं बिना काम इतनी जल्दी, जाम तो लगेगा ही।" यहां तक कह दिया कि "बायपास पर मॉल खुल गए, होटल, रेस्टारेंट और मैरिज गार्डन भी हैं। कई टाउनशिप भी विकसित हो गई हैं। इससे लोड बढ़ रहा है।"

 

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यह कहा था एनएचएआई ने

हाईकोर्ट भी कह चुका, हम खुद समस्या को महसूस कर चुके

हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा कि "बायपास में वाकई में जाम लग रहा है। हम खुद इस समस्या को महसूस कर चुके हैं।" कोर्ट ने एनएचएआई को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। यह भी कहा गया कि जो डायवर्शन लागू किया गया है वह फिलहाल जारी रहेगा। 

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जाम पर यह सफाई दे चुका है NHAI

इंदौर–देवास बायपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्जन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बाईपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।

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बोला, जांच में पता चला जाम में नहीं हुई मौत

एनएचएआई की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि– जांच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं। बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते समय हुई थी, जबकि दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।

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