राजस्थान: नसबंदी के लिए महिलाओं को ही किया जा रहा आगे, पुरुष हैं बहुत पीछे

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 और राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2020-2024 के बीच राजस्थान में 8.50 लाख महिलाएं नसबंदी करवा चुकी हैं, जबकि पुरुषों का आंकड़ा महज 10,000 है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में परिवार नियोजन की जिम्मेदारी अधिकांशतः महिलाओं पर निर्भर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 और राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि 2020 से 2024 के बीच, जहां 8,50,500 महिलाओं ने नसबंदी करवाई, वहीं पुरुषों का आंकड़ा मात्र 10,100 था। इस आंकड़े से यह साफ पता चलता है कि पांच वर्षों में पुरुषों की तुलना में महिला नसबंदी की संख्या कहीं अधिक रही है।

पुरुषों की भागीदारी नगण्य

इस असंतुलन की वजह यह है कि राजस्थान में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी में कमी है। परिवार नियोजन को लेकर पुरुषों में जागरूकता की कमी और महिलाओं की ओर से इस जिम्मेदारी को लेने का दबाव प्रमुख कारण हैं। जब तक पुरुषों की भागीदारी नहीं बढ़ेगी, तब तक यह असंतुलन जारी रहेगा।

महिला स्वास्थ्य पर बढ़ता बोझ

राजस्थान में महिला साक्षरता दर 52.17 प्रतिशत और लिंगानुपात 928 (2024) के आसपास है। इसका मतलब यह है कि महिलाओं को न सिर्फ सामाजिक बल्कि स्वास्थ्य संबंधी अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी उठानी पड़ती हैं। 25.4 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है, जिससे कम उम्र में ही गर्भनिरोधक उपायों की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ जाती है। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से पुरुषों को इस चर्चा से अलग रखा जाता है।

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परिवार नियोजन उपायों में पुरुष पीछे

राजस्थान में पिछले 5 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, कॉपर-टी का उपयोग 61,300 बार हुआ, जबकि गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग 1,82,710 बार हुआ। यह दर्शाता है कि परिवार नियोजन के हर उपाय में महिलाओं की भूमिका प्रमुख रही है, जबकि पुरुषों का योगदान बहुत कम है।

 सामाजिक मिथक और भ्रांतियां

 समाज में कई भ्रांतियां हैं। कई पुरुषों का मानना है कि नसबंदी से शारीरिक कमजोरी, यौन क्षमता में कमी या सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, 70 प्रतिशत पुरुष परिवार नियोजन को महिलाओं का काम मानते हैं। इसके अलावा, शिक्षा की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच भी वजह है।

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पुरुषों की नसबंदी में रुचि नहीं

1 अप्रैल 2025 से 31 मई 2025 तक, जैसलमेर में 2913 महिला और 3 पुरुष नसबंदी ऑपरेशन किए गए। 1 अप्रैल 2025 से अब तक सिर्फ एक पुरुष ने ऑपरेशन कराया है। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि पुरुषों में नसबंदी के प्रति कोई खास रुचि नहीं दिखाई देती है।

FAQ

1. राजस्थान में महिलाओं की नसबंदी की संख्या पुरुषों की तुलना में ज्यादा क्यों है?
पारंपरिक सोच और सामाजिक दबाव के कारण पुरुष इस प्रक्रिया से बचते हैं। परिवार नियोजन का काम महिलाओं पर छोड़ दिया जाता है ।
2. क्या भ्रांतियां समाज में प्रचलित हैं?
हां, समाज में यह भ्रांति है कि पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी, यौन क्षमता में कमी या सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। यह धारणा पुरुषों को नसबंदी करवाने से रोकती है।
3. क्या राजस्थान में पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं?
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन अभी तक पुरुषों की भागीदारी कम ही रही है।

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