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राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों की कैशलेस योजना RGHS को लेकर सरकार और निजी अस्पतालों में ठन गई है। इस योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों के बिलों का भुगतान नहीं होने पर राजस्थान में निजी अस्पतालों की यूनियन RAHA ने 15 जुलाई से RGHS के तहत इलाज बंद करने की घोषणा कर दी है।
इसके पीछे वजह भजनलाल सरकार द्वारा 701 निजी अस्पतालों को 7 महीने से 980 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया जाना बताया जा रहा है। उधर, इस मामले में राज्य सरकार फर्जी बिलों को लेकर सख्ती के मूड में है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार विशेष टीम गठित कर फर्जी बिलों की जांच कराएगी।
निजी अस्पतालों में RGHS के नाम पर घोटाला
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में निजी अस्पताल RGHS के नाम पर सरकार और आम लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं। निजी अस्पतालों में RGHS के नाम पर अनावश्यक दवाएं और जांचें लिखी जा रही हैं। इससे सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि जयपुर में एक बड़े निजी अस्पताल ने RGHS के नाम पर 30 करोड़ रुपए से अधिक के बिल बनाकर सरकार को भेज दिए। सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में RGHS में 141 निजी अस्पतालों के 100 करोड़ से भी अधिक के बिल फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। अब राज्य सरकार ने RGHS के तहत सभी बिलों को रोक लिया है।
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राज्य सरकार विशेष टीम गठित कर कराएगी जांच
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने RGHS योजना के तहत सभी बिलों का भुगतान रोक लिया है। अब राज्य सरकार इन बिलों की जांच करवाने के बाद ही भुगतान प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। इसके लिए सरकार एक विशेष टीम का गठन करेगी, जो RGHS के फर्जी बिलों की जांच करेगी। फिलहाल के सरकार ने सभी बिलों के भुगतान को रोक लिया है। RGHS के बिलों का भुगतान रुक जाने की वजह से निजी अस्पतालों की एसोसिएशन RAHA ने 15 जुलाई से RGHS के तहत इलाज बंद करने की घोषणा की है।
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निजी अस्पतालों के फर्जीवाड़े से आमजन परेशान
सूत्र बताते हैं कि राजस्थान (rajasthan) में RGHS योजना के तहत निजी अस्पतालों में चल रहे फर्जीवाड़े से आमजन परेशान हो चुका है। लोग अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं। उन पर दवाइयों और जांचों का भारी-भरकम बिल लाद दिया जाता है। विरोध करने पर निजी अस्पताल प्रबंधन का कहना होता है कि बिल का भुगतान कौनसा आपको करना होगा, लेकिन इलाज के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़े का बिल RGHS के लाभार्थी के खाते में ही जुड़ता है। राजस्थान में RGHS योजना के तहत लाभार्थी को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
RGHS योजना क्या है?
RGHS स्कीम का पूरा नाम राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना है। यह एक तरह से स्वास्थ्य बीमा योजना है। इस योजना में राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और पात्र लाभार्थियों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जाती है। RGHS योजना का मतलब प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य की देखभाल की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना में कैशलेस इलाज और विभिन्न चिकित्सा सेवाओं के लाभ दिए जाते हैं। कर्मचारियों को यह सुविधा देने के लिए सरकार एक नियत पैसा उनके वेतन में से काटती है।
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पूर्व सीएम गहलोत और नेता प्रतिपक्ष जूली ने उठाए सवाल
RGHS में 701 निजी अस्पतालों के 7 महीने में 980 करोड़ रुपए के बिलों के भुगतान नहीं होने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने X पर पोस्ट कर लिखा कि भाजपा सरकार का प्रबंधन पूरी तरह फेल हो चुका है, क्योंकि हर महीने सरकारी कर्मचारियों के वेतन से RGHS के लिए कटौती होती है, पर इसका भुगतान अस्पतालों को नहीं किया जा रहा। एक जनहित की बेहतरीन योजना को भाजपा सरकार बर्बाद करने पर आमादा है। राज्य सरकार को तत्काल इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स व उनके परिजनों को अनावश्यक तकलीफ नहीं हो।
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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी सोशल मीडिया पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए लिखा कि भाजपा सरकार का वित्तीय प्रबंधन बुरी तरह फेल हो चुका है l यह केवल प्रशासनिक विफलता ही नहीं है l यह सरकार का गैर-जिम्मेदार रवैया है, जो सरकार अपने कर्मचारियों का पैसा लेकर भी ख्याल नहीं रख सकती, वो आमजन की भलाई का तो सोच भी नहीं सकती l उन्होंने आगे लिखा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि इस गम्भीर समस्या का तत्काल समाधान करेंl ताकि प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिजन चिंतामुक्त होकर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें और उन्हें अनावश्यक मानसिक और आर्थिक संकट से गुजरना न पड़े।
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