राजस्थान में स्मार्ट मीटरों से बढ़ता रोष: जनता में बेचैनी, हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन

राजस्थान में स्मार्ट मीटरों को लेकर बिजली उपभोक्ताओं में बढ़ी बेचैनी और विरोध के कारण राज्यभर में आंदोलन की आहट महसूस हो रही है। बिजली के बिल में वृद्धि और तकनीकी खामियों के कारण यह मुद्दा गरमाया हुआ है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में बिजली के स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और किसान संगठनों ने इसे लेकर सख्त आपत्ति जताई है।

जिन घरों में ये स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, वहां उपभोक्ता बिजली के बिल में 10 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की शिकायत कर रहे हैं। कुछ उपभोक्ताओं ने बहुत ज्यादा बिल आने की शिकायत भी की है। इस बढ़ोतरी को लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावाल ने तो इसे "भ्रष्टाचार का स्मार्ट तरीका" बताया है।

इस बीच राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने अपने आवास पर स्मार्ट मीटर लगवा कर सभी बिजली उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर लगवाने की अपील की है। 

कांग्रेस और अन्य संगठनों का विरोध

जो संगठन और दल इस स्मार्ट मीटर योजना का विरोध कर रहे हैं, उनमें कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) प्रमुख रूप से शामिल हैं। जोधपुर जिले के फलोदी कस्बे में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

हनुमानगढ़ शहर और इसके आसपास के गांवों में भी इस परियोजना का विरोध जारी है। इसी तरह, सीकर क्षेत्र में किसान संगठन भी स्मार्ट मीटरों का विरोध कर रहे हैं। बढ़े हुए बिजली बिल और स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं।।

दूसरे राज्यों में भी विरोध, बंगाल में काम रोका

स्मार्ट मीटरों के विरोध का मुद्दा राजस्थान तक सीमित नहीं है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में भी लोग इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।

इन राज्यों में स्मार्ट मीटरों की स्थापना के बाद उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजे गए हैं, जिसके कारण बहुत से लोगों का बिल लाखों में आया है, जबकि उनका घर सामान्य है।

इन समस्याओं के कारण, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया है। बंगाल के ऊर्जा मंत्री अरूप बिस्वास ने घोषणा की है कि पहले से लगाए गए मीटरों को सामान्य मीटरों के रूप में माना जाएगा और अब उपभोक्ताओं को हर तीन महीने में बिल का भुगतान करना होगा।

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तकनीकी खामियां और बिलों में वृद्धि की शिकायतें

स्मार्ट मीटरों में कुछ तकनीकी खामियां पाई गई हैं, जिसके कारण गलत रीडिंग और अचानक बढ़े हुए बिल की शिकायतें हो रही हैं। उपभोक्ताओं को नई तकनीक पर भरोसा करने में समय लग रहा है, खासकर जब उन्हें इसका कोई स्पष्ट लाभ नहीं दिख रहा है।

संचार और तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी

कुछ इलाकों में संचार और तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी के कारण स्मार्ट मीटर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को कई समस्याएं आ रही हैं।

गोपनीयता का उल्लंघन

स्मार्ट मीटर वास्तविक समय (real-time) डेटा एकत्र करते हैं, जिसके कारण उपभोक्ताओं को यह चिंता है कि इससे उनकी दैनिक गतिविधियों और जीवनशैली का पता चल सकता है, जो उनकी गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है।

निजीकरण की आशंका

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि निजी कंपनियों के दबाव में स्मार्ट मीटर योजना शुरू की गई है, जो बिजली क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक कदम हो सकता है।

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स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम: एक राष्ट्रीय पहल

‘स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम’ के तहत भारत में लगभग 25 करोड़ मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलने का लक्ष्य है। सरकार का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को बिलों की जानकारी और भुगतान में आसानी होगी।

Smart Meter इंटरनेट से जुड़े होते हैं और सेंसरयुक्त होते हैं, जिससे यदि इन मीटरों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की जाती है तो बिजली कंपनी को तुरंत सूचना मिल जाएगी। इससे बिजली चोरी पर रोक लगेगी।

हालांकि, राजस्थान में बिजली बिलों में बढ़ोतरी और अन्य समस्याओं के कारण उपभोक्ता बेचैन हैं। उनकी बेचैनी समय-समय पर हो रहे प्रदर्शनों में सामने आ रही है, जो एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है।

राजस्थान में स्मार्ट मीटरों की स्थिति:

  • कुल लक्ष्य: 1 करोड़ 49 लाख स्मार्ट मीटरों का लक्ष्य।
  • अब तक लगाए गए मीटर: लगभग 7 लाख 45 हजार स्मार्ट मीटर।

विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और किसान संगठनों द्वारा विरोध।

अन्य राज्य: बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर में भी विरोध हुआ।

FAQ

1. राजस्थान में स्मार्ट मीटरों का विरोध क्यों हो रहा है?
स्मार्ट मीटरों का विरोध मुख्य रूप से गलत बिल, तकनीकी खामियों और बढ़े हुए बिलों के कारण हो रहा है। उपभोक्ताओं को नई तकनीक पर विश्वास करने में कठिनाई हो रही है।
2 स्मार्ट मीटरों के क्या फायदे हैं?
स्मार्ट मीटरों से बिजली बिलों की सही जानकारी मिलती है, और यह बिजली चोरी पर रोक लगाने में मदद करता है। लेकिन तकनीकी खामियों और बढ़े हुए बिलों के कारण उपभोक्ता इसे लेकर परेशान हैं।
3. बंगाल में स्मार्ट मीटरों का क्या हुआ?
बंगाल सरकार ने स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर रोक लगा दी है। राज्य के ऊर्जा मंत्री ने घोषणा की है कि लगाए गए मीटरों को सामान्य मीटरों की तरह माना जाएगा और उपभोक्ताओं को तीन महीने में बिजली बिल का भुगतान करना होगा।

 

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राजस्थान विरोध प्रदर्शन Smart Meter बढ़े हुए बिजली बिल और स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी