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Photograph: (The Sootr)
सुनील जैन
राजस्थान (Rajasthan) के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी (Bhiwadi) में बरसात के पानी की निकासी को लेकर बरसों से हरियाणा (Haryana) और राजस्थान में रार चल रही है। इस विवाद ने केंद्र सरकार के दो मंत्रियों भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) और राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) को आमने-सामने कर दिया है (भिवाड़ी जल निकासी विवाद)।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस संबंध में कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। राजस्थान के भिवाड़ी व हरियाणा के धारूहेड़ा के बीच तीन दिन पहले हुई बरसात के पानी को लेकर यह विवाद फिर तूल पकड़ गया (भिवाड़ी और धारूहेड़ा विवाद)। ये दोनों इलाके केंद्र सरकार में मंत्री भूपेंद्र यादव और राव इंद्रजीत सिंह के लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। भिवाड़ी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अलवर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, वहीं धारूहेड़ा केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के क्षेत्र में आता है।
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रैंप बना विवाद की जड़
इस इलाके में बारिश आती है तो भिवाड़ी की सड़कें जल मग्न हो जाती हैं। पानी धारूहेड़ा के रास्ते हरियाणा में प्रवेश करता है, जो धारूहेड़ा के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है। हरियाणा सरकार ने भिवाड़ी के पानी को रोकने के लिए धारूहेड़ा में रैंप बनाया हुआ है। यही रैंप दोनों राज्यों के बीच विवाद की जड़ बना हुआ है।
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फिर तोड़ दिया रैंप
बताया जाता है कि सोमवार देर रात भिवाड़ी-धारूहेड़ा सीमा पर नेशनल हाईवे 919 पर बना रैंप कुछ लोगों ने तोड़ दिया था। इससे भिवाड़ी का पानी धारूहेड़ा की ओर बहने लगा। हरियाणा सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए धारूहेड़ा नगर पालिका के जरिए रैंप को फिर से बनवा दिया। इस घटनाक्रम ने दोनों राज्यों के बीच सियासी हलचल तेज कर दी।
राव इंद्रजीत सिंह ने अपनाया कड़ा रुख
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कुछ दिन पहले हरियाणा के रेवाड़ी में एक कार्यक्रम में इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए अलवर सांसद व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और तिजारा विधायक महंत बाबा बालकनाथ पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन राजस्थान में तिजारा से भाजपा विधायक और पूर्व सांसद बाबा बालकनाथ ने पलटवार करते हुए रैंप निर्माण को अवैध करार दिया। इसे जनता के साथ छल बताया था।
दो साल से तनाव
बताया जाता है कि मंगलवार को जब रेवाड़ी के एसडीएम सुरेंद्र सिंह जेसीबी लेकर रैंप बंद करने के लिए पहुंचे तो फिर वहां विवाद हो गया। यह विवाद कोई नया नहीं है। पिछले दो साल से भिवाड़ी और धारूहेड़ा के बीच बरसात के पानी को लेकर तनाव बना हुआ है।
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दूषित पानी से टकराव बढ़ा
वर्ष 2019 में भिवाड़ी की कंपनियों के दूषित पानी के कारण राजस्थान और हरियाणा के बीच विवाद गहराया था। तब हरियाणा प्रशासन ने भिवाड़ी से आने वाले पानी को रोकने के लिए नेशनल हाईवे 919 पर 4 फीट ऊंचा रैंप बनाया था। इससे हरियाणा के धारूहेड़ा को थोड़ी राहत मिल गई, लेकिन भिवाड़ी में जलभराव की समस्या बढ़ गई। भिवाड़ी की कई कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है।
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जलभराव भिवाड़ी की बड़ी समस्या
बताया जाता है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही के अपने दौरे में माना कि दूषित जलभराव भिवाड़ी की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से प्रशासन के साथ मिलकर इस समस्या को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ प्रयास अब रंग ला रहे हैं, जिससे काफी हद तक समाधान भी हुआ है। उनका मानना है कि इस समस्या को जड़ से समाप्त करने में करीब एक वर्ष और लग सकता है। उसके बाद भिवाड़ी एक साफ और स्वच्छ शहर के रूप में सामने आएगा।
आज भिवाड़ी में अलवर बाईपास टी-पॉइंट पर जलभराव की समस्या के लिए किए जा रहे उपायों का निरीक्षण किया। भिवाड़ी को जल्द इस समस्या का निवारण मिलेगा जिससे इस क्षेत्र के विकास को और गति मिलेगी।
Posted by Bhupender Yadav BJP on Saturday, July 5, 2025
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राजस्थान व हरियाणा के सीएम की बातचीत
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भिवाड़ी में जलभराव और सफाई व्यवस्था का छह जुलाई को निरीक्षण किया था और जल्द समाधान का भरोसा दिलाया था (हरियाणा और राजस्थान विवाद)। उनके अनुरोध पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों राजस्थान के भजनलाल शर्मा और हरियाणा के नायब सैनी ने इस मुद्दे पर फोन पर चर्चा की थी। सूत्रों के अनुसार इसमें सीईटीपी और एसटीपी की क्षमता बढ़ाने जैसे कदमों पर सहमति बनी थी। लेकिन, रैंप टूटने के बाद यह सहमति धरी रह गई। फिर दोनों राज्य आमने—सामने आ गए।
भिवाड़ी में काम करते हैं दो लाख लोग
भिवाड़ी देश के नक्शे पर एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। दिल्ली के निकट होने के कारण राजस्थान का यह सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। भिवाड़ी सहित आसपास के कई औद्योगिक क्षेत्र में देसी विदेशी सहित करीब 5000 से ज्यादा कंपनियां हैं। इनमें करीब 2 लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। थोड़ी सी बारिश होन पर जल निकासी का समुचित प्रबंधन नहीं होने से भिवाड़ी जलमग्न हो जाता है।
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