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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में भाजपा की भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) सरकार प्रदेश के महत्वपूर्ण मसलों पर तत्काल निर्णय लेने के लिए चार महीने से कैबिनेट बैठक (Rajasthan Cabinet Meeting) ही नहीं कर पा रही है। पिछली बैठक आठ मार्च को हुई थी। यह बैठक भविष्य में कब होगी, इस बारे में किसी को पता नहीं है।
एक फाइल भेजी 14 मंत्रियों को
कैबिनेट बैठक नियमित नहीं होने होने के कारण दो दर्जन से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। कुछ मामलों पर निर्णयों के लिए सर्कुलर के जरिए मंत्रियों की सहमति ली गई है। यह जानकारी में आया है कि एक प्रस्ताव पर निर्णय के लिए फाइल 14 मंत्रियों को फाइल भेजी गई।
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बैठक कब होगा, फैसला नहीं
कैबिनेट की पिछली बैठक चार मार्च को हुई थी। अब यह बैठक होगी, इस पर अभी कुछ तय नहीं किया गया है। बैठक में चर्चा के लिए दो दर्जन से अधिक प्रस्ताव सरकार के पास भेजे गए हैं। पिछली बैठक के निर्णय भी अभी अनुमोदित किए जाने हैं।
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पहले की सरकार करती थी हर हफ्ते बैठक
प्रदेश में पूर्ववर्ती अशाोक गहलोत सरकार अपने कार्यकाल में तेजी से फैसले करने के लिए हर बुधवार को कैबिनेट बैठक करती थी। इसको लेकर कैबिनेट सचिवालय ने आदेश भी जारी किया था। इससे पहले की वंसुधरा राजे सरकार ने भी हर महीने के दूसरे और चौथे मंगलवार को कैबिनेट बैठक करने का निर्णय लिया था।
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क्या आ रही दिक्कत
सवाल यह है कि जब केंद्र और अधिकतर भाजपा शासित राज्यों में प्रत्येक सप्ताह कैबिनेट बैठक होती है तो राजस्थान में कैबिनेट बैठक क्यों लंबे समय से नहीं हो पा रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आम तौर पर हर बुधवार को कैबिनेट बैठक करती है। यहां तक कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार प्रत्येक मंगलवार को कैबिनेट बैठक कर रही है।
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ये हैं लंबित प्रमुख प्रस्ताव
भूमि आवंटन और ऊर्जा क्षेत्र के मुद्दों सहित दो दर्जन से अधिक प्रस्ताव कैबिनेट में चर्चा और अनुमोदन की प्रतीक्षा में हैं। इनमें कार्मिक विभाग से जुड़े राजस्थान सचिवालय सेवा नियम 1954 में संशोधन, रिक्तियों की संख्या में 100 फीसदी तक वृद्धि करने के साथ ही विविध सेवा नियमों में संशोधन, राजस्थान सिविल सेवा 1956 के नियम 62 व 67 में संशोधन और सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन करना, संसदीय कार्य विभाग में विधानसभा सचिवालय भर्ती तथा सेवा नियम में संशोधन, जल संसाधन विभाग की विभिन्न श्रेणियों के नियमों में संशोधन, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से कराए जाने के लिए संशोधन, पर्यटन विभाग में सहायक पर्यटन अधिकारियों के पद पर अनुकंपा नियुक्ति नियमों में शिथिलता संबंधी प्रस्ताव पर फैसले नहीं हो पा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि यह अपने—आपमें ही आश्चर्य है कि प्रदेश की भाजपा सरकार चार महीने से कैबिनेट बैठक नहीं कर पा रही है। इस सरकार के पास प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। सरकार दिशाहीन है। वह अहम फैसले को भी लंबा खींच रही है।
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