राजस्थान ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा, बदल डाली 50 से ज्यादा मार्कशीट

राजस्थान राज्य ओपन स्कूल में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, 50 से अधिक फर्जी मार्कशीट में बदलाव, जांच जारी। संविदाकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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Nitin Kumar Bhal
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RSOS

Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान राज्य ओपन स्कूल (Rajasthan State Open School) में 2019-20 के दौरान हुए एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। इसमें एक छात्र दीपक की मार्कशीट को 20 फरवरी 2025 को करेक्ट करके शालिनी के नाम से जारी किया गया। इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हलचल मच गई। आरोप है कि एक नहीं, बल्कि 50 से ज्यादा छात्रों की मार्कशीट में बदलाव किए गए, जिसमें जेंडर तक बदल दिए गए।

फर्जीवाड़े के तरीके और विभागीय खामियां

फर्जीवाड़े का खुलासा 24 जून 2025 को हुआ जब सहायक निदेशक उमेश कुमार शर्मा ने संविदाकर्मी राकेश कुमार शर्मा के खिलाफ बजाज नगर में मामला दर्ज करवाया। पुलिस और शिक्षा विभाग इस मामले की जांच में जुटे हैं। इस घोटाले में केवल नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि और फोटो ही नहीं बदले गए, बल्कि छात्रों के जेंडर भी बदल दिए गए। जैसे, ध्रुव जैन को कोमल गहलोत बना दिया गया, पंकज उदानिया को पारुल बाला, और फिरदौस को रोहित की मार्कशीट दे दी गई।

मंत्री तक पहुंच चुकी हैं शिकायतें

RSOS के इस घोटाले (राजस्थान ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा) की शिकायतें मंत्री तक भी पहुंच चुकी हैं (शिकायती फाइलें 00130/00061), लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यदि और मामले सामने आए तो वे जांच करवाएंगे और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फाइलें अभी उनके पास नहीं आई हैं, लेकिन जैसे ही वे पहुंचेंगी, कार्रवाई की जाएगी।

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डेटा और करेक्शन के फर्जी तरीके

इस घोटाले में आरोपी संविदाकर्मी राकेश कुमार शर्मा ने अपनी एसएसओ आईडी (RKX 4161) का इस्तेमाल करके दर्जनों करेक्शन किए। इन करेक्शनों में छात्र के व्यक्तिगत डेटा, जैसे नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि में बदलाव शामिल थे। शिक्षा विभाग ने पिछले 7 साल का डेटा डीओआईटी से मांगा है, जिसमें 2017 से 2022 तक के अधिकांश एनरोलमेंट नंबर शामिल हैं।

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पुनर्मूल्यांकन में भी घपला

इस घोटाले के तहत केवल नाम, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी में ही नहीं, बल्कि अंकों में भी हेरफेर किया गया है। 1440 नामांकनों में से 400 छात्रों को गलत तरीके से पास करवा दिया गया। 2025 में 162 संशोधन किए गए, जिनमें से 1107 संशोधन फर्जी थे। इसमें कई अंकों में भी हेरफेर हुआ, और यह सब एसएसओ आईडी (RKX 4161) और अकादमी विभाग के शैक्षिक अधिकारी की आईडी से किया गया।

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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमने एफआईआर करवाई है। अगर और मामले सामने आते हैं तो मैं दिखवाऊंगा। फाइल अभी मुझ तक नहीं आई है, लेकिन जैसे ही यह मेरे पास आएगी, मैं उचित कार्रवाई करूंगा। मैं किसी को भी नहीं छोड़ता।"

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RSOS के बारे में जानें 

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (Rajasthan State Open School) राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्तशासी संस्थान है जो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्रदान करता है, खासकर उन छात्रों के लिए जो नियमित स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
उद्देश्य: RSOS का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को शिक्षा प्रदान करना है जो विभिन्न कारणों से नियमित स्कूलों में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, जैसे कि महिलाएं, ग्रामीण युवा, कामकाजी व्यक्ति, और अन्य वंचित समूह। 
पाठ्यक्रम: RSOS माध्यमिक (कक्षा 10) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 12) स्तरों पर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। 
क्रेडिट ट्रांसफर: RSOS में, अन्य शिक्षा बोर्डों से उत्तीर्ण छात्र अधिकतम दो विषयों के लिए क्रेडिट ट्रांसफर (TOC) सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। 
परीक्षा: RSOS साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित करता है, एक बार मार्च-मई में और दूसरी बार अक्टूबर-नवंबर में।
अध्ययन केंद्र: RSOS के पास राजस्थान राज्य में प्रत्येक क्षेत्र में अध्ययन केंद्र हैं, जो छात्रों को सहायता प्रदान करते हैं। 
मान्यता: RSOS द्वारा जारी 10वीं और 12वीं के प्रमाण पत्र केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

FAQ

1. राजस्थान ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा क्या है?
फर्जीवाड़ा इस तरह हुआ कि छात्रों की मार्कशीट में नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि और जेंडर तक में बदलाव किए गए। 50 से ज्यादा छात्रों के डेटा में हेरफेर हुआ और उनकी मार्कशीट में झूठी जानकारी डाली गई।
2. शिक्षा विभाग ने इस मामले पर क्या कार्रवाई की है?
शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू की है। सहायक निदेशक उमेश कुमार शर्मा ने आरोपी राकेश कुमार शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। मंत्री ने कहा है कि जब फाइल उनके पास पहुंचेगी, तो कार्रवाई की जाएगी।
3. इस घोटाले में कितने छात्रों की मार्कशीट में बदलाव किया गया?
इस घोटाले में 50 से ज्यादा छात्रों की मार्कशीट में बदलाव किया गया है। इन छात्रों के नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि और जेंडर तक में हेरफेर किया गया।

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