इंदौर में हाईकोर्ट खंडपीठ के सामने अजीब केस आया, इसमें 18 साल के युवक व युवती ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने की मंजूरी मांगी थी। इसे हाईकोर्ट ने मंजूर तो कर लिया है, लेकिन इतनी कम उम्र में लिव इन में रहने पर चिंता भी जताई है।
कॉलेज में पढ़ते हैं दोनों, इसलिए लगी याचिका
जानकारी के अनुसार दोनों ही कॉलेज में पढ़ते हैं। परिवार के विरोध के बाद यह याचिका दोनों की ओर से दायर की गई है। याचिका में था कि भले ही युवक-युवती 21 साल से कम उम्र के हैं, लेकिन बालिग हैं और अभी शादी में सक्षम नहीं है, लेकिन दोनों साथ में रहना चाहते हैं। याचिकाकर्ता युवती की मां का निधन हो चुका है। उसके घर का माहौल ठीक नहीं है, वह ऐसे माहौल में नहीं रह सकती है और युवक के साथ अच्छे से रह सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र
हाईकोर्ट ने अपनी मंजूरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ताओं की पसंद को बाहरी ताकतों से बचाव की जरूरत है। अधिवक्ता मनोज बिनीवाले कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ आदेश दे चुका है, बालिग होने के बाद किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। शादी के लिए उम्र युवक के लिए 21 व युवती के लिए 18 साल तय है।
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