BHOPAL. मध्य प्रदेश के बहुचर्चित इंदौर हनी ट्रैप मामले ( Indore Honey Trap case ) से जुड़े मानव तस्करी केस ( human trafficking case ) के सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, अभिषेक को कोर्ट ने बरी किया है। फरियादी की ओर से CID ने एफआईआर दर्ज की थी।
लंबी बहस के बाद यह केस भी समाप्त
प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले से जुड़े मानव तस्करी केस के सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, अभिषेक को बरी कर दिया है। फरियादी की ओर से सीआईडी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें कहा गया था कि विजय जैन, श्वेता स्वप्निल, आरती दयाल, अभिषेक ने फरियादि युवती का कई महत्वपूर्ण लोगों से शोषण करवाया। इस मामले में ट्रायल के दौरान कोर्ट ने चार्ज के स्तर पर आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को बरी किया था। बता दें कि मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान लाने वाला हनी ट्रैप केस जो की इंदौर में चल रहा है। लंबी बहस के बाद मानव तस्करी का यह केस भी समाप्त हो गया है।
कमलनाथ का भी आया था नाम
दरअसल, 21 मई 2021 को पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि उनके पास हनी ट्रैप मामले की सीडी और पेन ड्राइव है। इस पर कोर्ट में आपत्ति लेते हुए आरोपियों में से एक ने पूछा था कि उनके पास पेन ड्राइव और सीडी कहां से आई, किसने दी, इसका खुलासा होना चाहिए। कमलनाथ से दोनों चीज जब्त करने के लिए एसआईटी ने नोटिस जारी किया था। इसके बाद कमलनाथ ने नया बयान दिया था कि उन्होंने सिर्फ 29 सेकंड की क्लिप देखी है।
अपने बयान से पलटे गवाह
इस मामले में गवाही के दौरान फरियादी को उज्जैन जेल से भोपाल में बुलाकर कोर्ट ने गवाही ली थी। फरियादी खुद भी इस हनी ट्रैप केस में आरोपी है। पहले फरियादी ने सभी आरोपियों के खिलाफ बयान दिए थे और कहा था कि इन सभी ने मिलकर उसका और कई महत्वपूर्ण लोगों का राजनेताओं से शोषण करवाया है। इसके बाद हनी ट्रैप केस में फरियादी की जब जमानत हो गई तो जमानत के बाद उसने कोर्ट में आकर फिर बयान दिए कि उसके साथ किसी ने कोई शोषण नहीं किया है। कोर्ट में बताया गया कि पुलिस के दबाव में पहले उनके खिलाफ बोला था- सभी गवाहों के कथन लेख करने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है।
2019 में सामने आया था मामला
17 सितंबर 2019 को जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब हनी ट्रैप कांड सामने आया था। इंदौर में नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया पुलिस थाने में ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। इसके बाद हनी ट्रैप की परतें खुलनी शुरू हुई थी। पुलिस ने 6 महिलाओं समेत आठ को आरोपी बनाया। आरती, मोनिका, श्वेता (पति विजय), श्वेता (पति स्वप्निल), बरखा को गिरफ्तार कर कोर्ट ने जेल भेज दिया था। इनके अलावा गाड़ी ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। बाद में सभी की जमानत हो गई थी।