संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सायबर सेल ने सायबर ठगी ( Cyber Fraud ) करने और इस ठगी का पैसा फर्जी खातों में डलवाने वाली गैंग का खुलासा किया है। इसमें इंदौर इंडसइंड बैंक ( Indore IndusInd Bank ) का बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर मोहम्मद जाबाज मुख्य आरोपी है। उसने यूपी के व्यक्ति राकेश त्रिपाठी के साथ मिलकर आरके इंटरप्राइजेस फर्म नाम से बैंक में खाता खुलवाया और इसमें सायबर ठगी का पैसा जमा कराया। इसमें दो माह में 6.18 करोड़ की सायबर ठगी राशि जमा हुई।
बैंक मैनेजर के पास कई बैंक कर्मचारियों के नाम
आरोपी जाबाज के मोबाइल में कई बैंक कर्मियों के नंबर मिले हैं, इससे आशंका है कि इनके द्वारा मिलकर कई बैंक खाते फर्जी तरीके से खुलवाए गए, ताकि सायबर ठगी की राशि इसमें डलवाई जा सके। ऐसे तीन दर्जन खाते मिले, जिसमें से एक दर्जन खाते राज्य सायबर सेल इंदौर द्वारा फ्रीज करवाए गए हैं। यह भी सामने आया कि जाबाज का एक नेटवर्क था जिसके जरिए वह गुमाश्ता लाइसेंस और अन्य दस्तावेज तैयार करता था जिसकी मदद से फर्जी बैंक खाते खुलते थे।
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12 लाख में बैंक खाते बेच रहे थे
यह भी सामने आया कि इन फर्जी खातों को बेचा भी जाता था। गढ़वाल इंटरप्राइजेस के नाम से इंडसइंड बैंक सियागंज इंदौर में खुले खाते को दुबई में बैठे सायबर ठगों को 12 लाख में बेचने की बात चली थी यह बात फरीदाबाद-हरियाणा पुलिस को एक जांच में सामने आ चुकी है।
इस टीम द्वारा की गई पूरी जांच
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल योगेश देशमुख के तहत इंदौर एसपी सायबर सेल जितेंद्र सिंह द्वारा यह केस की जांच शुरू की गई। सिंह के पास एक फरियादी ने 85 लाख की ठगी की बात कही थी। इसकी जांच डीएसपी सायबर सेल नरेंद्र सिंह रघुवंशी, इंस्पैक्टर अंजू पटेल द्वारा टीम भारती विश्वकर्मा, रमेश भिडे, राकेश बामनिया, गजेंद्र राठौर, राहुल भौंसेल, दिनेश सौराष्ट्रीय के साथ की गई।
इंदौर इंडसइंड बैंक ठगी