इंदौर की ब्रेन डेड महिला को अस्पताल में घायल पति ने मांग भरकर दी विदाई

3 नवंबर को मक्सी रोड पर दुर्घटना में पति-पत्नी गंभीर घायल हुए। इसके बाद इन्हें सीएचएल अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां पति की हालत सुधरी लेकिन मनीषा को 7 नवंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

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Sanjay gupta
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brain dead wife donated organ
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INDORE. इंदौर में एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बना और एक महिला ने अपनी जिंदगी देकर किडनी, आंखे दान कर चार लोगों के जीवन को बचाया। इस मामले में सभी की आंखे नम करने वाला वह लम्हा भी रहा जब महिला के पति ने आंखों में आंसू लिए ब्रेन डेड पत्नी को विदाई दी। 

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घायल पास के बेड में भर्ती पति ने यह किया

मनीषा और उनके पति भूपेंद्र राठौर शाजापुर के हैं। 3 नवंबर को मक्सी रोड पर दुर्घटना में दोनों गंभीर घायल हुए। इसके बाद इन्हें सीएचएल अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां पति की हालत सुधरी लेकिन मनीषा को 7 नवंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजनों की मंशानुसार आर्गन डोनेट हुए। अस्पताल में मनीषा और भूपेंद्र अगल-बगल बेड पर ही भर्ती थे। ब्रेन डेड होने के बाद पति ने पत्नी के माथे पर बिंदी लगाई और मांग में सिंदूर भरकर आंखों में आंसू लिए विदाई दी। इस दौरान अस्पताल स्टॉफ, डॉक्टर और मौजूद परिजन व अन्य सभी की आंखें भर आई। 

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शुक्रवार को बना ग्रीन कॉरिडोर 

शुक्रवार शाम को दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। मनीषा की दोनों किडनी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ट्रांसप्लांट की गईं। यह इंदौर में बनाया गया 58वां ग्रीन कॉरिडोर था। दोनों आंखें शंकरा आई अस्पताल को दान की गईं।

वह दूसरों में जीवित रहेगी

महिला के पति भूपेंद्र शिक्षक हैं और बेटी पुणे में आईटी कंपनी में है। परिजनों ने कहा कि वह अब दूसरों में जीवित रहेगी। लगातार हो रहे अंगदान से प्रेरित होकर हमने यह फैसला लिया। इससे लोगों को नया जीवन मिलेगा, उनकी जिदंगी में रोशनी आएगी।

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