इंदौर के पास आशापुरा में 10 हजार गायों के लिए अब नई गौशाला का निर्माण किया जाएगा। यह गौशाला 17 हेक्टेयर में तैयार होगी। इसका भूमि पूजन 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे। यहां पर प्राकृतिक वातावरण में गायों को रहने व घूमने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी। इसका रखरखाव का जिम्मा जरूर नगर निगम का होगा, लेकिन इसमें संत समाज का सहयोग भी लिया जाएगा।
जिला प्रशासन और नगर निगम कर रहा तैयारी
गौवंश के संरक्षण के लिए महू के ग्राम आशापुरा में 17 हेक्टेयर जमीन पर गौशाला बनेगी। इसमें 10 हजार से ज्यादा गाय को प्राकृतिक परिवेश मिलेगा। आशापुरा में बनने वाली इस गौशाला का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इसका भूमिपूजन 12 अप्रैल को हो जाएगा। इसकी तैयारी में नगर निगम और जिला प्रशासन जुट गया है। इस गौशाला के निर्माण का काम नगर निगम के द्वारा किया जाएगा।
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अफसरों के साथ संतों ने भी किया निरीक्षण
नगर निगम इंदौर को गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से महू स्थित ग्राम आशापुरा में 17 हेक्टेयर शासकीय भूमि कलेक्टोरेट से आवंटित की गई है। पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने इस भूमि का निरीक्षण भी किया था। उनके साथ स्वामी अच्युतानंद महाराज भी थे। गौशाला के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की रहेगी। हालांकि इसमें संत समाज की भी मदद ली जाएगी। गौशाला निर्माण स्थल के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर और कमिश्नर ने पूरी प्लानिंग देखी और अफसरों से इसको समझा भी।
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गौवंश की चिकित्सा की भी रहेगी सुविधा
इस मामले में निगमायुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि आशापुरा में मिली जमीन पर गौशाला का निर्माण नगर निगम के द्वारा किया जाना है। इसके भूमिपूजन कार्याक्रम की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गौवंश की सुरक्षा, चिकित्सा एवं संवर्धन को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित 17 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर गौशाला बनाई जाएगी। इसके साथ ही भूमिपूजन होने के बाद पूरी जमीन की तार फेंसिंग कराई जाएगी।
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गौशाला के साथ बनेगा तालाब
गौशाला निर्माण कार्य शुरू करने के क्रम में शेड निर्माण, गौवंश के लिए पेयजल की व्यवस्था के लिए तालाब निर्माण व अन्य आवश्यक संरचनाओं की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है। निगमायुक्त वर्मा ने बताया कि गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर निगम की यह एक महत्वपूर्ण पहल है। जिसमें आवारा एवं असहाय गौवंश को सुरक्षित आश्रय मिलेगा। गौशाला निर्माण हो जाने के बाद लगभग 10 हजार से ज्यादा गाय को यहां पर आसरा मिले। साथ ही वन क्षेत्र से लगे होने के कारण गौशाला में गाय खुले क्षेत्र में भ्रमण कर सकेंगी।
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