Indore Law College Case : मध्यप्रदेश में इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्यवाही और FIR को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने रद्द कर दिया है। शासकीय लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली कथित विवादित किताब मामले में निलंबित प्रिंसिपल प्रो. इनामुर्रहमान को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। प्रो. इनामुर्रहमान मई के आखिर में रिटायर होने वाले हैं। इंदौर हाईकोर्ट से याचिका निरस्त होने के बाद प्रिंसिपल ने इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने FIR रद्द करने की पुष्टि प्रो. इनामुर्रहमान के एडवोकेट अभिनव धनोतकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने टिप्पणी में ये कहा...
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करने के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की जमकर खिंचाई की। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कार्यवाही और एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि यह मामला सिलेबस के बारे में है। सुनवाई के दौरान SC ने टिप्पणी की कि राज्य ऐसे मामले में उत्पीड़न करने के लिए इतना उत्सुक क्यों है। प्रो.इनामुर्रहमान पहले से ही अग्रिम जमानत पर बाहर थे। यह पुस्तक तो सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी में भी मिल सकती है। न्यायमूर्ति गवई ने पूछा कि राज्य (मध्य प्रदेश) ऐसे मामले में एक अतिरिक्त महाधिवक्ता को पेश करने में क्यों दिलचस्पी रखता है? वह भी चेतावनी पर?! जाहिर है, यह उत्पीड़न का मामला लगता है! किसी को उसे (याचिकाकर्ता को) परेशान करने में दिलचस्पी है! हम आईओ (जांच अधिकारी) के खिलाफ नोटिस जारी करेंगे! राज्य को कैविएट दाखिल करने में दिलचस्पी क्यों है?
इंदौर हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
प्रिंसिपल ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें रिटायरमेंट की बात कहते हुए एफआईआर निरस्त करने की मांग की थी। याचिका में यह भी उल्लेख किया कि लाइब्रेरी में किताब पहले से रखी हुई थी। पुलिस ने बगैर जांच किए सीधे केस दर्ज कर लिया। रिटायरमेंट के बाद की सुविधाओं पर इस एफआईआर से असर होगा। पुलिस ने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा था कि एफआईआर पर रोक लगने से पूरी जांच प्रभावित हो जाएगी। पुलिस इस बारे में जल्द ही चालान पेश करने वाली है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
ये था पूरा मामला
दिसंबर 2022 में नवीन लॉ कॉलेज में प्रोफेसर्स पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगा। मामला पुलिस तक पहुंचा। छात्रों ने आरोपों को लेकर सबूत पेश करने के साथ ही भंवरकुआं थाने में एक आवेदन भी पुलिस को दिया। जिसमें किताब के लेखक डॉ. फरहत खान, इंदौर शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के प्राचार्य इनामुर्रहमान, कॉलेज के प्रोफेसर मिर्जा मोईज के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस को दिए आवेदन के साथ किताब सामूहिक हिंसा और दाण्डिक न्याय पद्धति का लेखन संलग्न की गई। आरोप लगाया कि किताब में लेखक ने जानबूझकर असत्य और बिना किसी साक्ष्य के आधार पर हिन्दू धर्म के विरुद्ध नितांत झूठी टिप्पणियां की गई। विषयांतर्गत पुस्तक को इंदौर शासकीय विधि महाविद्यालय के मुस्लिम शिक्षकों द्वारा जानबूझ कर छात्रों को रेफर किया जा गया। लेखक ने राष्ट्र विरोधी मुहिम के तहत पुस्तक में हिन्दू धर्म और आरएसएस के विरुद्ध असत्य और झूठे तथ्यों को लिखा है। बाद में चारों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। प्रिंसिपल रहमान को निलंबित कर उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय जांच बैठा दी। तब से रहमान निलंबित है और सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं।