लोकायुक्त का एक्शन, हेड कॉन्स्टेबल का सहयोगी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इंदौर लोकायुक्त ने सरदारपुर में प्रधान आरक्षक के सहयोगी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मामले में आरक्षक को भी आरोपी बनाया गया है। जानें मामला

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Vikram Jain
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मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोकायुक्त द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला धार जिले के सरदारपुर से मामने आया है जहां इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने राजोद थाने के प्रधान आरक्षक के सहयोगी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस मामले में लोकायुक्त ने प्रधान आरक्षक को भी आरोपी बनाया है। आरोपी आरक्षक ने एक झूठे मामले में नाम हटाने के बदले 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

जानें पूरा मामला

दरअसल, पूरा मामला सरदारपुर तहसील के झिंझापाड़ा गांव निवासी नानूराम ओसारी से जुड़ा है। गांव में 14 मार्च को भगवान सिंह और सुरेश ओसारी के बीच विवाद हुआ था। इस मामले में भगवान सिंह की पत्नी छन्नुबाई ने राजोद थाने पहुंचकर सुरेश समेत नानूराम के परिवार के 8 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि 14 मार्च को नानूराम ओसारी भजन संध्या में शामिल होने के लिए ग्राम बोला गया हुआ था।

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केस से नाम हटाने के एवज में मांगी रिश्वत

गांव में झगड़े की शिकायत के बाद मामले में राजोद थाने के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा जांच की जा रही थी। जिसको लेकर 15 मार्च को नानूराम को थाने बुलाया गया था। नानूराम ने बताया कि उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की गई है, क्योंकि वह घटना के समय गांव में मौजूद नहीं था। इस नानूराम ने इस मामले में नाम हटवाने के लिए प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार से संपर्क किया। परमार ने केस से नाम हटाने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत की डिमांड की।

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लोकायुक्त से झूठी FIR और रिश्वत की शिकायत

इसके बाद नानूराम ने इंदौर लोकायुक्त से मामले में शिकायत करते हुए बताया कि गांव में हुए विवाद के मामले में राजोद थाने के उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज हुई है, केस से नाम हटाने के एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी गई है। यह शिकायत इंदौर लोकायुक्त कार्यालय के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय से की गई। मामले में इंदौर लोकायुक्त के महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने सख्त कार्रवाई करने निर्देश दिए।

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प्रधान आरक्षक के सहयोगी को रिश्वत लेते पकड़ा

मामले में शिकायत की जांच सही पाए जाने के बाद इंदौर लोकायुक्त की टीम ने सरदारपुर पहुंचकर ट्रैप की कार्रवाई की गई। लोकायुक्त की टीम ने प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार के सहयोगी भारत डामर को 22 हजार 500 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सहयोगी भारत डामर प्रधान आरक्षक के कहने पर रिश्वत लेने पहुंचा था।

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प्रधान आरक्षक को भी बनाया आरोपी, कार्रवाई जारी

मामले में लोकायुक्त पुलिस ने प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार को भी आरोपी बनाया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 और धारा 61(2) के तहत कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में लोकायुक्त की टीम के सदस्य डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक राहुल राजभिये, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष आर्य और शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।

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