इंदौर में पार्षदों की पाठशाला (अभ्यास वर्ग) में बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के सामने ही विवाद हो गया। पार्षदों को अपने वार्ड में क्या–क्या काम किया, वह बताना था और आगे की प्लानिंग पर भी चर्चा होनी थी। इसी दौरान पार्षद रूपाली पेंढ़रकर का महापौर के ओएसडी से विवाद हो गया और वह पाठशाला छोड़कर चली गईं। उधर एमआईसी मेंबर मनीष मामा के खिलाफ भले ही अधिकारियों ने पत्र लिख दिया हो, लेकिन महापौर पुष्यमित्र भार्गव उनके साथ हो गए हैं।
यह हुआ था मनीष मामा को लेकर विवाद
शुक्रवार को अपर आयुक्त अनिल बनवारिया, उपायुक्त व अन्य अधिकारियों ने निगमायुक्त शिवम वर्मा को पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि एमआईसी मेंबर मनीष मामा का व्यवहार सही नहीं है और उनके विभाग में काम नहीं कर सकते हैं। उन पर उचित कार्रवाई की जाए। पहले भी वह अधिकारियों को भरी एमआईसी बैठक में धौंस दिखा चुके हैं।
अब महापौर ने यह कहा-
पार्षद मनीष मामा का पक्ष लेते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कार्यशाला में स्पष्ट कर दिया कि अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि हर बार जनप्रतिनिधि ही गलत हो, यह संभव नहीं है। जिसने भी यह लेटर लिखा है, उनको भी विचार करना चाहिए कि उनको कोई तकलीफ थी तो कमिश्नर से या मुझसे बात करते। इस पक्ष में एमआईसी के जो भी साथी हैं, उनके द्वारा लगातार शिकायत की जा रही है कि अधिकारी काम करने से पहले जानकारी नहीं देते हैं। अगर जानकारी नहीं दी और जानकारी देने के लिए कहा है, तो वह ठीक है। इसके पहले मामा ने भी कहा था कि अधिकारियों को जानकारी तो देना होगी, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, फाइल देखना हमारा अधिकार है।
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आप अपने वार्ड में महापौर के फोटो ही नहीं लगते हो
सूत्रों के मुताबिक, पार्षद रूपाली को कार्यशाला में महापौर के ओएसडी निखिल कर्मी भी मिल गए तो उन्हाेने बोला कि आप हमारे काम ही नहीं करते हैं। तो निखिल ने बोला कि आप आपके वार्ड में होने वाले आयोजनों में महापौर के फोटो ही नहीं लगते हैं। इस पर रूपाली भड़क गईं और बोलीं कि फोटो नहीं लगाएंगे तो काम नहीं होंगे क्या। तो कुर्मी ने भी कह दिया कि फोटो नहीं लगाओगे तो फिर आपके काम कैसे होंगे। तो वो रूठकर चली गईं। इस संबंध में पार्षद रूपाली का कहना है कि उन्हें घर में कुछ जरूरी काम था, इसलिए वे अभ्यास वर्ग के कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर आ गईं। साथ ही वे प्रेजेंटेशन देने के लिए वीडियो भी लेकर गई थीं, जो कि नहीं दे पाईं।
रूपाली को घर जाने की थी जल्दी
भाजपा के अभ्यास वर्ग में वार्ड 59 की पार्षद रूपाली को भी प्रेजेंटेशन देना था। हालांकि इसके लिए सभी का प्रेजेंटेशन उनके वार्ड क्रमांक के अनुसार ही तय किया गया था। अब चूंकि रूपाली का वार्ड 59 था, तो उनका नंबर काफी देर से आना था। उन्हें घर पर कुछ जरूरी काम था, तो घर जाने की जल्दी हो रही थी। इस पर उन्होंने वहां अपनी बात रखी कि उनका प्रेजेंटेशन जल्दी ले लिया जाए। इस पर वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आपत्ति ली कि यह संगठन का काम है। इसमें अनुशासन महत्वपूर्ण है और सभी अपने क्रम के अनुसार ही प्रेजेंटेशन देंगे। इससे भी वे नाराज हो गईं।
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यह बताना था प्रेजेंटेशन में
अभ्यास वर्ग में भाजपा के कुल 60 पार्षदों का प्रेजेंटेशन रखा गया था। इसमें सभी को अपने अभी तक किए गए काम को बताना था। जिसमें उन्होंने अपने वार्ड में क्या–क्या काम किए हैं, उसमें संगठन की दृष्टि से किए गए काम कौनसे हैं। आगामी समय को लेकर उनकी प्लानिंग वार्ड और संगठन को लेकर क्या है, क्या प्रस्ताव बनाकर लाए थे।
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रूपाली के पिता चलाते हैं वार्ड, हो चुकी हैं शिकायतें
वार्ड 59 की पार्षद रूपाली इसके पहले भी विवादों में रह चुकी हैं। कुछ दिन पूर्व उनके पिता का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उनके पिता ना केवल नगर निगम के अफसरों को साथ में लेकर वार्ड में दौरा कर रहे थे, बल्कि निगम अफसरों की बैठक कर उन्हें निर्देशित भी कर रहे थे। इसी कड़ी में 7 मार्च 2025 की सुबह वार्ड 59 के पार्षद के पिता ने निगम और नर्मदा के अफसरों की बैठक ले ली।
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अभ्यास वर्ग में ये पदाधिकारी थे मौजूद
अभ्यास वर्ग में संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा और भाजपा के सभी वार्ड के पार्षद मौजूद थे।