इंदौर में कपड़ा दुकान में घुसा निगमकर्मी उठा ले गया डमी, विवाद के बाद हटाया
इंदौर रिटेल गारमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि बुधवार को नगर निगम का सुपरवाइजर धर्मेंद्र सिंह बैस अपनी टीम लेकर राजवाड़ा क्षेत्र की संजोग गारमेंट दुकान पर पहुंचा और वहां रखे डमी उठा लिए।
इंदौर में नगर निगम के एक सुपरवाइजर द्वारा मनमानी करते हुए दुकान के अंदर से रखी डमी उठाकर ले जाने को लेकर बुधवार को विवाद हो गया। इससे नाराज राजबाड़ा क्षेत्र के कपड़ा व्यापारी नगर निगम में अपर आयुक्त लता अग्रवाल के दफ्तर पहुंच गए और कर्मचारी पर कार्रवाई को लेकर धरना देने लगे। लगभग तीन घंटे तक वे अपर आयुक्त के दफ्तर में बैठे रहे और कर्मचारी पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद ही वहां से बाहर निकले।
कपड़ा व्यापारियों ने दुकानें रखी बंद
इंदौर रिटेल गारमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि बुधवार को नगर निगम का सुपरवाइजर धर्मेंद्र सिंह बैस अपनी टीम लेकर राजवाड़ा क्षेत्र की संजोग गारमेंट दुकान पर पहुंचा और वहां रखे डमी उठा लिए। इससे मामला तूल पकड़ गया और व्यापारी एकजुट हो गए। उन्होंने निगमकर्मियों की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई। धीरे-धीरे विवाद बढ़ गया और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस भी हुई। निगम कर्मचारी की इस कार्रवाई से नाराज व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर नगर निगम मुख्यालय शिकायत करने पहुंच गए। व्यापारियों का आरोप था कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है।
जैन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से राजबाड़ा क्षेत्र के फुटपाथ पर दुकानें लगनी शुरू हो गई थीं। इसकी शिकायत संजोग गारमेंट के व्यापारी द्वारा लगातार महापौर और नगर निगम कमिश्नर को कर रहे थे। इसके चलते सुपरवाइजर बैस जब बुधवार को कार्रवाई करने पहुंचा तो उसने व्यापारियों से विवाद करते हुए कहा कि हमारी शिकायत करोगे तो कार्रवाई तो होगी ही।
नगर निगम की अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने बताया कि राजवाड़ा व्यापारी एसोसिएशन के प्रतिनिधि शिकायत लेकर आए थे। उनका कहना था कि निगमकर्मी धर्मेंद्र बेस ने व्यापारियों को पहचान कर चुनिंदा दुकानों से सामान निकाला। व्यापारियों ने इस संबंध में वीडियो भी दिखाए, जो मेयर और निगमायुक्त को भी भेजे गए हैं।
उन्होंने बताया कि व्यापारियों ने जो वीडियो दिखाए हैं उसमें से कुछ में दिख रहा है कि कार्रवाई जानबूझकर किया जाना प्रतीत होता है। असल में किसी भी सुपरवाइजर का तबादला एक नियमित प्रक्रिया है। हाल ही में यहां एक नया सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है। निगमायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों की जांच की जाए। बताया जा रहा है कि पूर्व सुपरवाइजर की जगह अब सहायक रिमूवल अधिकारी विनीत तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।