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इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहाें के कुतरने के बाद हुई दो नवजातों की मौतों के मामले में आज (गुरुवार) मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। उनकी टीम आज इंदौर आएगी और एमवाय अस्पतालों में हुई मौतों को लेकर पूछताछ करेगी। इसके पूर्व कलेक्टर आशीष सिंह और विधायक गोलू शुक्ला एमवाय अस्पताल पहुंचे थे और अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की थी। उन्होंने भी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। वहीं, डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने पिछले दिनों बेशर्म हंसी के साथ कहा था कि हमने एजाइन कंपनी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया है।
मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया, कमेटी करेगी जांच
नवजात की मौत के मामले में बुधवार को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने अस्पताल के अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं। एक महीने में जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। वहीं, उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी में डॉ. एसबी बंसल, डॉ. शशि शंकर शर्मा, डॉ. अरविंद शुक्ला, डॉ. निर्भय मेहता, डॉ. बसंत निगवाल और नर्सिंग ऑफिसर सिस्टर दयावती दयाल शामिल हैं। कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शासन ने भी संज्ञान लेकर की कार्रवाई
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जो घटना विगत दिवस हुई थी और उसका एक वीडियो भी सामने आया था। जो कि बच्चों को चूहों द्वारा काटे जाने का था। वह दुर्भग्यपूर्ण घटना थी। उसके संबंध में अस्पताल प्रबंधन और विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई थी। जिसमें दो लोगों को सस्पैंड किया गया था और कुछ लोगों को शोकाज नोटिस भी दिया गया है। शासन की तरफ से भी जिम्मेदार लोगों को नोटिस दिया गया है। निश्चित रुप से ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए थी। इसमें जो एजेंसी है या कोई और भी अलग जांच में दोषी पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई उसमें की जाएगी।
मौत पर उठे सवाल, डीन ने दी सफाई
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि मृतक नवजात का वजन मात्र 1.2 किलो था, हीमोग्लोबिन बेहद कम था और जन्म से ही कई जटिलताएँ थीं। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। डीन ने स्पष्ट किया कि “चूहे के काटने का घाव बहुत छोटा था, मौत का कारण सेप्टिसीमिया (इन्फेक्शन) और जन्मजात समस्याएँ हैं। डीन ने कहा कि चूहों की सक्रियता की जानकारी समय पर न देने और सतर्कता में चूक के चलते कंपनी व स्टाफ पर कार्रवाई की गई।
अस्पताल अधीक्षक बोले, 5 साल से पेस्ट कंट्रोल नहीं हुआ
इस संबंध में सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने कहा अस्पताल में पांच साल पहले पेस्ट कंट्रोल कराया गया था। उसके बाद अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। मरीजों के परिजन अक्सर खाद्य सामग्री वार्ड तक ले आते हैं, जिसकी वजह से चूहों की संख्या बढ़ गई है। इस पर जल्द ही नियंत्रण के उपाय किए जाएंगे। दोनों बच्चों की मौत का कारण चूहों द्वारा कुतरा जाना नहीं है। एक बच्चा बेबी ऑफ मंजू 3 दिन का था। वह देवास से रैफर होकर आया था। उसके परिजन बच्चे को मरा हुआ समझकर छोड़कर चले गए थे। वहीं, दूसरा बच्चा 12 दिन का बच्चा था। वह अज्ञात है, क्योंकि उसे भी परिजन छोड़कर चले गए थे। दोनों को जन्मजात कई तरह की बीमारियां थीं।
इन पर हुई कार्रवाई
- डॉ. ब्रजेश लाहोटी विभागाध्यक्ष, पीडीयाट्रिक सर्जरी विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
- डॉ. मुकेश जायसवाल, सहायक अधीक्षक एवं भवन प्रभारी को निलंबित किया गया।
- मारग्रेट जोजफ, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को हटाया।
- आकांक्षी बेंजामिन, नर्सिंग ऑफिसर को सस्पेंड किया।
- श्वेता चौहान नर्सिंग ऑफिसर को सस्पेंड किया।
- कलावती बलावी सहायक प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर (NICU) को शोकाज नोटिस दिया।
- प्रवीणा सिंह प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर (PICU) को निलंबित किया गया।
- डॉ. मनोज जोशी प्रभारी व प्राध्यापक (पीडियाट्रिक सर्जिकल) को शोकाज नोटिस दिया।
- एजाइल कंपनी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया।