इंदौर नगर निगम परिषद की बैठक में गुरुवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बजट पेश किया। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इसमें पहुंचे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इंदौर जनता की भागीदारी के चलते इंदौर नगर निगम को 1000 करोड़ रुपए का टैक्स मिला है, जो एमपी में आज तक किसी भी निगम को नहीं मिला। सभी की हालत ये है कि सरकार से आए पैसों से तनख्वाह बंटती है। लेकिन इंदौर को अब इसकी चिंता की जरूरत नहीं, उनके पास पर्याप्त राशि है और वह दिल्ली, भोपाल से आई राशि से विकास के काम कर सकती है।
जमकर कर्ज लो और काम करो
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि जरूरत के अनुसार खूब कर्ज लीजिए और खूब काम करिए। अब निगम इंदौर की पेइंग कैपिसिटी है। नगर निगम सतत चलता है यहां समस्याएं खत्म नहीं होती हैं, एक समस्या खत्म होगी तो जनता की दूसरी समस्या आ जाएगी।
मजा सबसे ज्यादा महापौर पद में आया: विजयवर्गीय
महापौर रहते हुए अपने कामों को भी उन्होंन याद किया और कहा कि मैं 1983 में पार्षद रहा और फिर महापौर और कई पदों पर आया लेकिन सबसे ज्यादा काम का आनंद महापौर के रूप में ही आया। इसलिए खूब काम कीजिए। नेत प्रतिपक्ष को भी बधाई, आज सभी मिलकर अच्छी तरह से परिषद को चला रहे हैं। अब मिलकर इंदौर को नंबर वन सफाई के बाद पर्यावरण और स्वास्थय में भी बनाना है। इसे देश का नंबर वन शहर बनाना है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और पूरी नगर निगम बढ़िया काम कर रही है।
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