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इंदौर नगर निगम के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सुबह से देर शाम तक बहस चली। इसी दौरान जुमे की नमाज के लिए ब्रेक दिया गया। इसके बाद निगम हाल के बाहर कांग्रेस की मुस्लिम महिला पार्षदों ने नमाज अदा की। लेकिन इसे लेकर बीजेपी घिरा गई है और निगम सभापति मुन्नालाल यादव ने सफाई जारी की है कि उन्होंने नमाज के लिए कोई ब्रेक नहीं दिया था। लेकिन द सूत्र ने इस घटना के दौरान की बजट लाइव लिंक को ध्यान से देखा और सुना इसके बाद साफ हो रहा है कि सभापति सरासर झूठ बोल रहे हैं।
क्या हुआ घटनाक्रम
बजट सत्र के दौरान बहस चल रही थी और वार्ड 53 की कांग्रेस पार्षद फौजिया शेख अलीम बहस कर रहीं थी। वार्ड 39 का कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान उठती हैं और कहती हैं कि- सभापति जी,नमाज की व्यवस्था करवा दें हमारी।
एक पार्षद कहते हैं- भोजन ही करवा दो साहब
इस बीच रूबीना खान कहती हैं- डेढ़ बज गया है हम सभी को नमाज पढ़ना है जुमे का दिन है, थोडा सा हमको इंटरवल कर दो तो नमाज पढ़ लेंगे (इस दौरान शेख अलीम बजट पर अपनी बात रखती है, महापौर कहते हैं समय हो गया है)
क्या बातचीत हुई
सभापति कहते हैं- पांच मिनट का ब्रेक
पार्षद- फिर एक पार्षद कहते हैं कि भोजन ही करवा दो साहब
महापौर- अरे एक साथ ही कर दो
सभापति- भोजन के लिए ब्रेक
क्या सफाई दे रहे सभापति मुन्नालाल यादव
निगम परिषद के सभापति मुन्नालाल यादव ने इस मुद्दे पर बवाल के बाद सफाई दी कि पार्षद द्वारा नमाज के लिए अनुमति चाही जाने पर अनुमति दी जाने और बैठक ब्रेक करने की जानकारी गलत है। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि सभापति द्वारा बैठक के दौरान निगम परिसर में नमाज पढ़ने के लिए किसी भी प्रकार कोई अनुमति नहीं दी गई और ना ही नमाज के लिए बैठक को ब्रेक किया गया।
पार्षद की बर्खास्तगी की उठी मांग
संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि इंदौर में जिस प्रकार शासकीय कार्यालय में महिलाएं नमाज पड़ रही हैं। कल संस्कृति बचाओ मंच वहां पर हनुमान चालीसा और अखंड रामायण के पाठ भी करना प्रारंभ करेगी। इसलिए सरकार इनको सस्पेंड करें।
पार्षद बोलीं पहले भी पढ़ चुकी नमाज
वहीं पार्षद रुबीना इकबाल खान बोलीं कि मैं 12 साल से पार्षद हूं और पहले भी यहां कई बार नमाज पढ़ चुकी हूं। यह यूपी नहीं इंदौर है, अगर नमाज पढ़ ली तो क्या फांसी पर चढ़ा दोगे। हम नमाज पढ़ रहे थे, बम लेकर नहीं गए थे। अब क्या बैठकर उल्टी नमाज पढ़ें। यह इंदौर है और यहां पर हिंदू मुस्लिम आपस में भाई हैं। जुम्मे की नमाज अदा करना जरूरी होता है और अगर अन्य कोई दिन होता तो घर जाकर नमाज अदा कर लेते।
महापौर भी बोले सभापति ने नहीं दी मंजूरी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सभापति से व्यक्तिगत बात की है उन्होंने किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी है। सामान्य ब्रेक अवकाश होता है वही हुआ है। मेरा यह भी मानना है कि दिन भर में पार्टी व्हिप जारी नहीं करें तो पार्षद किसी जरूरी काम के लिए जाकर आते भी हैं।
महापौर ने आगे कहा निगम परिसर के आसपास भी कई सारे अच्छे स्थान हैं जहां नमाज पढ़ने की व्यवस्था भी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्होंन बिना मंजूरी के उस परिसर में नमाज पढ़ी थी। भविष्य में इस बात का बहुत ध्यान रखा जाएगा। मैं सभापति से इस बारे में और परिषद के और परिषद के नियों में इस बारे में बात करेंगे कि भविष्य में इस तरह की कोई अनुमति नहीं हो और परिसर का उपयोग हम सब जिस काम के लिए है उसी के लिए करें।
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