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भूमाफिया दीपक मद्दा, चंपू अजमेरा का नाम तो इंदौर में कुख्यात है, यह जेल भी जा चुके हैं। लेकिन इंदौर में इस लिस्ट में एक और नाम आया है, जो चुपचाप करोड़ों के जमीन के खेल कर गया। हितेंद्र सिंह परमार पर एक-दो नहीं बल्कि 21 केस हैं। इसके बाद भी गिरफ्तारी से बाहर है। वजह सीधी है, पुलिस ने जमीन धोखाधड़ी के कई केस को आपसी लेन-देन बनाकर टाल दिया है। वहीं क्राइम ब्रांच और कनाडिया में गंभीर धाराओं में केस भी हैं तो गिरफ्तारी नहीं की गई है। इस बात से अब पीड़ित भारी नाराज हैं और वह इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से कर रहे हैं। पीएमओ, सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायतें की गई हैं।
कौन है भूमाफिया हितेंद्र सिंह परमार
हितेंद्र सिंह परमार इंदौर का ही रहने वाला है। इसके पिता का नाम विक्रम सिंह परमार है। भूमाफिया हितेंद्र सिंह परमार रायल विक्रम बिल्डर प्रालि कंपनी का डायरेक्टर बनकर दीपचित्रा पार्क टाउनशिप सहित कई अन्य जगहों पर जमीनों पर प्लॉट काटकर बेचे हैं। करोड़ों रुपए की बुकिंग ले ली, लेकिन इसके बाद भी ना प्रॉपर्टी दी और ना ही राशि लौटाई। दीपचित्रा में उसने रो हाउस के नाम से बुकिंग की थी। यह रो हाउस आठ साल पहले 50-50 लाख रुपए में थे। कई पीड़ितों से पूरी राशि ली जा चुकी है और इसके बाद भी ना राशि दी और ना ही जमीन, रो हाउस। इसमें कई शासकीय अधिकारी भी पीड़ित हैं जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपनी जमापूंजी इस प्रोजेक्ट में लगाई थी।
हितेंद्र सिंह परमार के खिलाफ केस की लिस्ट देखिए
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क्या बोल रहे हैं पीड़ित
दीप चित्र पार्क टाउनशिप के कॉलोनाइजर/बिल्डर हितेंद्र परमार एवं बालकृष्ण कूलवाल द्वारा रो हाउस दिए जाने के नाम पर धोखाधड़ी करने को लेकर पीड़ितों ने पीएम हाउस सहित अन्य जगह शिकायतें की हुई हैं।
प्रार्थी अशोक कुमार त्यागी सेवानिवृत्त सहायक अभियंता मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी इंदौर उम्र 66 वर्ष ने शिकायतों में कहा है कि- दीप चित्र पार्क टाउनशिप का डेवलपमेंट कार्य मेसर्स रॉयल विक्रम बिल्डर डायरेक्टर हितेंद्र परमार एवं बालकृष्ण कूलवाल द्वारा किया जा रहा था।
वर्ष 2018 में जानकारी मिलने पर प्रार्थी द्वारा श्रीराम पाटीदार के माध्यम से दीप चित्रा पार्क में 880 वर्ग फीट प्लॉट पर 3 मंजिला भवन को लेकर 52 लाख में सौदा हुआ। जिसका भुगतान किस्तों मार्च 2018 से अक्टूबर 2020 तक 50 लाख दे दिए गए और बाकी दो लाख रजिस्ट्री के समय देने और 13 माह में रो हाउस तैयार करके देने का भी उल्लेख किया गया। लेकिन काम ही नहीं हुआ। परमार बहाने बनाते रहे कि टीएंडसीपी में बदलाव है। एग्रीमेंट की दिनांक से लगभग 3 वर्ष का समय व्यतीत होने पर भी इनके द्वारा दीप चित्रा टाउनशिप में कोई विकास कार्य नहीं होने पर बिल्डर से रो हाउस देने या पैसा वापस करने की बात की गई जिस पर बिल्डर द्वारा पैसे लेने/रो हाउस देने से मना कर दिया गया एवं कहा कि मेरे पास ना पैसा है ना ही रो हाउस तुमसे कुछ बन पड़े करलो।
इस संबंध में बाद में और पीड़ित सामने आए। इसकी 2023 में शिकायत भी हुई। मामला क्राइम ब्रांच भेजा गया इसमें 15 माह बाद अपराध 043 दिनांक 06/03/2025 दर्ज हुआ। रॉयल विक्रम बिल्डर कंपनी 2 डायरेक्टर्स द्वारा संचालित है जिसमें हितेंद्र परमार के साथ दूसरे डायरेक्टर विक्रम परमार हैं। एफआईआर के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हितेंद्र परमार डायरेक्टर रॉयल विक्रम बिल्डर द्वारा अन्य बहुत लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है। ऐसे 22 प्रकरणों की सूची भी शिकायत में लगाई गई।
महिला पीड़िता ने पीएम हाउस में की शिकायत
इसी तरह महिला पीड़िता कल्पना खंडेलवाल उम्र-64वर्ष निवासी द्वारा भी परमार द्वारा धोखाधड़ी की जाने की शिकायत पीएमओ को की है। इसमें बताया है कि दीप चित्रा पार्क टाउनशिप का डेवलपमेंट कार्य मेसर्स रॉयल विक्रम बिल्डर डायरेक्टर हितेंद्रसिंह परमार द्वारा किया जा रहा था। वर्ष 2015 में जानकारी मिलने पर प्रार्थिया द्वारा राजेश गुप्ता एवं श्रीराम पाटीदार के माध्यम से दीप चित्रा पार्क टाउनशिप में 55 लाख में सौदा किया गया एवं अग्रिम राशि रूपए 11,00,000/-(रो-हाउस की कुल कीमत का 20%) हितेंद्रसिंह परमार द्वारा लिया गया। अनुबंध (दिनांक 09/11/2015 को खरीदे गए स्टांप पर) संपादित किया गया जिसमें 24 माह में रो-हाउस तैयार करके देने का भी उल्लेख किया गया था। लेकिन ना काम शुरू हुआ और ना ही परमार ने राशि दी।
कई जगह भी की है जमीन, कॉलोनियों के नाम पर धोखाधड़ी
पीड़ितों ने बताया कि केवल दीपचित्रा मूसाखेड़ी के रो हाउस प्रोजेक्ट के नाम पर ही इसने धोखाधड़ी नहीं की है। बल्कि उज्जैन रोड मगरखेड़ा में चित्रा मानक सिटी के नाम पर, बड़ोदिया ग्राम सांवेर रोड पर चित्रा ड्रीम सिटी के नाम पर, खुडैल में पुष्पा रत्न पार्क कॉलोनी के नाम पर भी कई लोगों को ठगा है। यह सभी पीड़ित भी दीपचित्रा वालों के साथ ही जनसुनवाई में शिकायत कर रहे हैं और पहले भी कई जगह शिकायत कर चुके हैं।
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