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The Sootr
हाईप्रोफाइल मामलों में पिटती पुलिस, हिंदू संगठनों के थाने घेरने में मुहं ताकते टीआई, लव जिहाद रोकने में फेल होती इंदौर पुलिस और दिनदहाड़े गोली चलने, कनपटी पर पिस्टल हटाकर दिनदहाड़े होते अपहरण जैसे मामलों को खारिज कर इंदौर पुलिस का पूरा जोर अब रात को ब्रीथ एनालाइजर में फूंक मरवाने पर हो गया है।
इसी फूंक मरवाने के कांड में कभी पुलिस पिट रही है तो कभी पुलिस आमजन को पीट रही है। ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों को काबू करने के लिए पुलिस कमिशनर संतोष सिंह की अच्छी पहल को मैदानी पुलिस अमले ने खिलवाड़ और अपनी धमक दिखाने का मामला बनाकर रख दिया है। ताजा मामाला आजादनगर पुलिस का सामने आया है, जहां फूंक मारने की बात पर विवाद हुआ और पुलिस ने पत्नी के साथ बदतमीजी करते हुए पति को कूट डाला।
बिना साफ किए मुंह में डाल रहे थे ब्रीथ एनालाइजर
दूधिया के रहने वाले रवि चौधरी की पत्नी रौशनी ने बताया कि वे एक बंगाली चौराहे के पास एक शादी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान मूसाखेड़ी चौराहे पर आजादनगर पुलिस द्वारा बेरिगेटिंग लगाकर चेकिंग की जा रही थी। इसमें ब्रीथ एनलाइजर से ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर चेकिंग हो रही थी। रौशनी ने बताया कि हमारा सिर्फ इतना सा आग्रह था कि जिस ब्रीथ एनालाइजर को पुलिस जवान उसके पति के मुंह में डाल रहे थे। उसे वह पहले साफ कर लें, क्योंकि उसे वह पहले से ही 8 से 10 लोगाें के मुंह में डाल चुके थे। इस पर जवान महेश तिवारी ने पत्नी के सामने ही ना केवल उसके साथ बदसलूकी की और कहा कि वो कहीं का कलेक्टर है क्या जो साफ करके चेकिंग करें। बात सुनने के बजाए पुलिस जवानों ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट कर डाली। साथ खड़ी पत्नी जब बीच–बचाव करने दौड़ी तो उसके साथ भी धक्का मुक्की कर जमीन पर गिरा दिया।
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पुलिस कमिश्नर से की है शिकायत
पीड़ित की पत्नी रौशनी ने बताया कि उनके साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत की गई है। इसमें उन्होंने कहा है कि घटना के दौरान कोई भी महिला पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी। उसके बावजूद पुलिस जवान महेश तिवारी व अन्य ने उसके साथ भी धक्का मुक्की करते हुए जमीन पर गिरा दिया। मारपीट में उसके पति व साथ आए परिजनों को चेहरे व छाती पर काफी चोटें लगी हैं।
फोटो वीडियो डिलीट करवा दिए, मोबाइल छीन लिया
रौशनी ने बताया कि पुलिस जवानों द्वारा उसके पति और परिजनों के साथ पुलिस जवानों द्वारा बुरी तरह से मारपीट किए जाने को लेकर उसने अपने मोबाइल से फोटो और वीडियो भी बनाए थे। यह देख वहां पर खड़े अन्य पुलिस जवानों ने रौशनी के हाथ से मोबाइल छीना और उसमें से फोटो व वीडियो डिलीट करवा दिए।
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एक अफसर से चार बार फुंकवाया
पुलिस का फूंक मारकर ड्रिंक एंड ड्राइव का केस बनाने का मूल आधार ब्रीथ एनलाइजर भी कई चौराहों पर कई बार दम तोड़ते देखा जाता है। यह कई बार पुलिस चेकिंग में चलता ही नहीं है। इसके कारण पुलिस वाहन चालक को तब तक चौराहे पर ही खड़ा रखती है। सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पूर्व पुलिस की चौराहे पर चेकिंग के दौरान एक बड़े अफसर से भी पुलिस जवानों ने फूंक मरवाई। जब कोई रीडिंग नहीं आई तो उन्हें दोबारा फूंक मारने का कहा गया। ऐसा पुलिस जवानों ने चार बार करवाया, क्योंकि ब्रीथ एनलाइजर ठीक से काम ही नहीं कर रहा था। इसी दौरान पास ही खड़े एक पुलिस जवान ने कार में बैठे बड़े अफसर को पहचान लिया और फिर उन्हें जाने दिया।
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वीक एंड पर पुलिस को मिला 10 केस बनाने का टार्गेट
सूत्रों के मुताबिक चौराहों पर वीकएंड पर बेरिगेटिंग करके ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में शहर के सभी पुलिस थानों के द्वारा सख्ती से चेकिंग करने का कहा गया है। इसके साथ पुलिस को टार्गेट दिया गया है कि हर वीक एंड पर कम से कम 10 केस बनाए जाएं। इसी आदेश के पालन में पुलिस रात 10 बजे से ही सख्ती करने लगती है और तकरीबन 5 किलोमीटर के हिस्से से गुजरने में लोगों को तीन से चार चेकिंग प्वाइंट का सामना करना पड़ता है।
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लॉ एंड ऑर्डर ताक पर, पुलिस का पूरा जोर फूंक पर
पुलिस का इन दिनों अब लॉ एंड ऑर्डर पर से ध्यान हटकर पूरी तरह से चौराहों पर चेकिंग के बहाने लोगों से फूंक मरवाने पर शिफ्ट होता नजर आ रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों आजाद नगर में एक शादी समारोह में गोली चल गई थी। उसके बाद लोगाें के घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ या फिर सिरफिरों के द्वारा चाकूबाजी की घटनाओं पर रोक नही लग पा रही है। आजादनगर में ही सरेआम पिछले दिनों एक युवक का कुछ लोगों जरा से रुपए की उधारी को लेकर दिन दहाड़े अपहरण कर लिया था और कार में बैठाकर सरेआम घुमाया था। पुलिस का खौफ अब केवल चेकिंग में ही देखने को मिलता है। गुंडों व अपराधियों में पुलिस का खौफ पूरी तरह से खतम होता दिखाई दे रहा है।
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पुलिस आरोपी पकड़ नहीं पा रही, खुद कर रहे सरेंडर
पुलिस का लॉ एंड ऑर्डर किस तरह से दम तोड़ रहा है। इसको साफ तौर पर देखा जा सकता है। आजाद नगर गोली कांड के आरोपी हेमू ठाकुर और चिंटू ठाकुर को पुलिस एक महीने बाद भी पकड़ नहीं पाई है। वहीं, गुंडा हेमंत यादव एक शराब कारोबारी के माथे पर बंदूक रखकर उसे कार में बैठाकर अपहरण करता है और शहर में घुमाता रहता है। इसके बाद वह हाई कोर्ट के बाहर आकर उसे सरेआम उतारकर भाग जाता है। इसके बावजूद पुलिस उसे कई दिन तक पकड़ ही नहीं पाई। बाद में गुंडा हेमंत खुद ही थाने पहुंचा और सरेंडर किया।
मामूली सी एफआईआर में विधायक को करना पड़ता है फोन
एक पूर्व पार्षद को अपने साथ हुई जमीन की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर कराने में इसी पुलिस ने पसीने ला दिए। सारे दस्तावेज देने और उसके सही होने की पुष्टि होने के बावजूद पूर्व पार्षद के आवेदन पर एफआईआर नहीं की गई थी। एफआईआर के लिए खुद विधानसभा 4 की विधायक मालिनी गौड़ तक ने फोन किया। उसके बावजूद पुलिस ने सुनवाई नहीं की। इसके बाद पिछले दिनों वे पुलिस व कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे, तब कहीं कलेक्टर आशीष सिंह के हस्तक्षेप के बाद उनकी एफआईआर हुई।
पहले से आरोपों में घिरी आजाद नगर पुलिस
असल में आजाद नगर पुलिस का आम जनता से बदसलूकी और मारपीट को लेकर किस्सा नया नहीं है। वह पहले से ही बदनाम है और आए दिन लोगों के द्वारा इसकी शिकायत की जाती रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। वहीं, आजाद नगर थाने के जवान की पिछले दिनों एमडी ड्रग्स के तस्कर के साथ सांठ–गांठ भी सामने आई थी।