संजय गुप्ता @ INDORE
कुछ दिन पहले डिपो मैनेजर के यहां हुई डकैती के मामले में इंदौर पुलिस ने भारी लापरवाही ( Indore Police Negligence ) की है। कई जिलों में खोजबीन के बाद पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा और रिमांड पर भी लिया, लेकिन जब अगली सुनवाई पर जिला कोर्ट में पेश किया गया तो वहां न टीआई पहुंचे और ना ही जांच अधिकारी। पुलिस उसके खिलाफ कोई सबूत ही पेश नहीं कर पाई और उसे जमानत मिल गई। हल्ला मचने के बाद अब टीआई नीरज बिरथरे और जांच अधिकारी एसआई कमल किशोर को हटा दिया है।
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19 केस के आरोपी को मिल गई जमानत
सौमला ( Soumla ) को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ( Indore Police ) ने उसे कोर्ट पर पेश किया, लेकिन पुलिस कोर्ट में सोमला का डकैती में हस्तक्षेप साबित नहीं कर पाई। यहां तक की उसके पास से कोई भी सामान नहीं मिला। ऐसे में जिला कोर्ट ने पहली सुनवाई में जमानत दे दी। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने इस हाईप्रोफाइल हो चुके केस में अपने हाथ बचाने के लिए टीआई और एसआई को रात को हटाने के आदेश दे दिए।
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आलीराजपुर से गिरफ्तार किया था
23 फरवरी को इंडियन ऑयल कंपनी के मैनेजर पुष्पेंद्र सिंह के घर पर डकैती में बांणगंगा पुलिस ने शक के आधार पर सौमला पिता बदनसिंह निवासी बड़ी कदवाल को आलीराजपुर से गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि सोमला और उसके साथियों ने लंदन विला में इंडियन ऑयल कंपनी के मैनेजर के घर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने दावा किया था कि डकैती के पीछे सोमला गैंग का हाथ है।
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पुलिस यह बता ही नहीं सकी
1- पुलिस की टीम अलग-अलग से सोमला की गिरफ्तारी बताती रही। बाद में घर के पास खेत से पकड़ने की बात कही गई।
2- केवल आवाज के आधार पर मुखबिर सूचना से आरोपी माना, डकैती में उसकी स्पष्ट भूमिका पुलिस नहीं बता सकी
3- फिंगर प्रिंट भी जांच के दौरान नहीं मिले, कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने के चलते आरोपी की पुलिस रिमाडं भी नहीं हुई और ना ही जेल भेजा गया, जमानत हो गई।
जबकि सौमला पर हैं 19 केस
सौमला का आपराधिक रिकार्ड भी पुलिस ने पेश किया था, इसमें बताया गया कि उसके खिलाफ 19 केस है, जिसमें से 11 केस लूट और डकैती के ही। लंदन विलाज डकैती में पुलिस ने चेन, पुष्पेंद्र और आकांक्षा के वोटर आईडी व पैन कार्ड के साथ चेक भी जब्त किए थे, जो पेश किए गए लेकिन इन सभी की लिंक पुलिस साबित नहीं कर पाई, जिसके चलते जमानत मिल गई। पुलिस अब रिवीजन में जाएगी।
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आरोपी के वकील ने लगाए आरोप
आरोपी के वकील संतोष खोवारे ने कोर्ट में कहा कि पुलिस ने अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए सौमला को आरोपी बनाकर गिरप्तार किया, उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। कोर्ट में वकील ने बताया कि सौमला तो अस्पताल में भर्ती था, उसका एक्सीडेंट हुआ था। पुलिस ने मारपीट कर अपराध कबूल कराया।