महादेव सट्टा एप: ED ने कहा ब्लैक के 5000 करोड़ शेयर मार्केट में लगाए

महादेव सट्टा ऐप (  Mahadev Satta APP ) मामले से शुरू हुई सटोरियों की धरपकड़ की कार्रवाई देश बड़े हवाला कारोबारी और शेयर मार्केट तक पहुंच गई है । प्रवर्तन निदेशालय यानी (  ED ) की टीम लगातार छापे मार रही है...

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Sandeep Kumar
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देशभर में सटोरियों के निवेश पर प्रवर्तन निदेशालय नजरें बनाए हुए है

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RAIPUR. भिलाई के सटोरियों की धरपकड़ से शुरू हुई ED की कार्रवाई देश के बड़े हवाला कारोबारी और शेयर मार्केट ट्रेडर तक पहुंच गई है। तीन दिन से पुणे, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता की Enforcement Directorate -  ED की टीम  छापेमारी कर रही हैं। इन तीन दिनों की जांच में ED को तकरीबन 1.86 करोड़ कैश और 1.78 करोड़ के जेवर मिले हैं। इसके साथ ही संदेहियों के खाते में 580.78 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है। यह ट्रांजेक्शन हवाला और मनी लॉड्रिंग से जुड़ा हुआ है, इसे फ्रीज कर दिया गया है। ईडी की टीमें भोपाल, कोलकाता और बेंगलुरु में अभी भी जांच कर रही हैं। ईडी के सूत्रों के अनुसार महादेव सट्टे से कमाए करीब 5000 करोड़ को ह्वाइट में बदलने बड़ी रकम शेयर मार्केट में लगाई गई। इसके लिए 100 से ज्यादा शैल कंपनियां बनाई गई हैं। इन कंपनियों में पैसा लगाकर शेयर खरीदे जा रहा हैं।

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देश के कई शहरों में ED ने की कार्रवाई

ईडी ने देश के कई शहर कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर में छापेमारी की थी।‌ इस छापेमारी (  Raid ) में ईडी ने 1.86 करोड रुपए की नगदी, इसके अलावा सोने चांदी के आभूषण समेत कीमती सामान बरामद किया है, उसकी कीमत लगभग 1.78 करोड़ है। इसके बाद ईडी ने एक बयान जारी किया इसमें इस ऑनलाइन सट्टा ऐप के माध्यम से 580.78 करोड रुपए की कमाई को होना बताया‌ है। जिसके बाद ईडी ने इससे जुड़े सभी अकाउंट को फ्रीज करने का काम भी किया है। इसके साथ ही जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरी रेड में अवैध संपत्ति से जुड़े हुए कई डिजिटल डाटा भी मिले हैं।

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बड़े शहरों में कई जगह पैसों का निवेश

ईडी के मुताबिक हर जगह पैसा निवेश करने वाले अलग अलग लोग हैं। उनका आपस में कोई संपर्क भी नहीं है। ईडी ने 4 मार्च की रात जानकारी दी है कि कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और रायपुर में छापेमारी की गई है। सट्टे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के नेटवर्क के एंगल पर भी जांच की गई। बड़े शहरों के हवाला और शेयर मार्केट ट्रेडर सटोरियों से डायरेक्टर जुड़े हुए हैं।

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हवाला कारोबारियों की तलाश में जुटी ED

ईडी की टीम भोपाल के रतनलाल जैन और कोलकाता के ​हरिशंकर टिबड़ेवाल की तलाश कर रही है। हालांकि हरिशंकर की दुबई में शिफ्ट होने की जानकारी है। वह अपने भाई नीतिश कुमार के साथ मिलकर सट्टे के 1000 करोड़ से ज्यादा रकम शेयर मार्केट में लगाई है, हालांकि पुलिस को 500 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन मिल गया है। कारोबारी रतनलाल जैन भोपाल के ठेकेदार गिरीश तलरेजा के माध्यम से सट्टे के पैसों को रोलिंग कर रहा है। पैसों को अलग-अलग प्रोजेक्ट में लगाया गया है। अहमदाबाद में सट्टेबाजी प्रमोटर से जुड़े लोगों ने 500 एकड़ की जमीन अलग-अलग जगह खरीदी है। उन जमीनों की रजिस्ट्री दूसरों के नाम से कराई गई है। वहीं रायपुर के चर्चित क्लब में भी सट्टेबाजी के प्रमोटर का पैसा निवेश किया गया है।

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तीन एफआईआर दर्ज

डीएमएफ घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज तीन एफआईआर का अध्ययन करने के बाद ईडी ने छापे की कार्रवाई की है। एफआईआर में राज्य के अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से सरकारी धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। इसमें ठेकेदारों और कुछ अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया था, उसके बाद जांच में तेजी आई। अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ (  DMF ) ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल होने के इनपुट मिले थे। इसकी जांच करने के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत राज्य पुलिस द्वारा दर्ज 3 अलग-अलग FIR के आधार पर ईडी द्वारा जांच की गई।

 

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