Indore. ड्रग पैडलर के साथ पुलिसकर्मी का नाम जुड़ने के बाद पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने ऑपरेशन क्लीन के तहत 14 पुलिसकर्मियों के 4 मार्च को ट्रांसफर किए थे। इसमें दो एसआई के साथ ही प्रधान आरक्षक, एएसआई व अन्य पुलिसकर्मी थे। इसमें एक विवादित नाम एसआई यतींद्र मिश्रा का भी था, जिन्हें लूप लाइन भेजा गया था, लेकिन सीपी संतोष सिंह की पुलिस उन्हें 35 दिन भी लूपलाइन नहीं रख सकी और वापस थाना अलॉट हो गया है।
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मिश्रा को यह मिली पोस्टिंग
चार मार्च को ट्रांसफर करते हुए यतींद्र मिश्रा को क्राइम ब्रांच से हटाकर लाइन में अटैच कर दिया था। अब उन्हें वापस उनका मनचाहा थाना पंढरीनाथ दे दिया गया है। वह इसी थाने से कट्टा कांड में हटाए गए थे। आरोप था कि अवैध कट्टे पकड़ाने में उन्होंने आरोपियों से सौदा किया। तब उन्हें हटाकर महू भेज दिया गया था। लेकिन वहां भी उन्होंने अपनी जड़ें जमा ली। इसके बाद वह क्राइम ब्रांच में पदस्थ हो गए थे। यहां भी मामला उच्च स्तर पर पहुंचा तो फिर उन्हें लूप लाइन में डालते हुए लाइन अटैच कर दिया था। लेकिन अब फिर उसी पंढरीनाथ थाने पर पहुंच गए हैं।
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जेल प्रहरी से पिटने वाले एसआई को हटाया
इसी तरह नई ट्रांसफर लिस्ट में बाणगंगा थाने से तेलेस्फोर इक्का को लूप लाइन में भेजा गया है। यह वही इक्का है, जिनके साथ जेल प्रहरी व अन्य साथियों ने जमकर मारपीट की थी और यह खाकी फाड़ी थी, साथ ही इनसे माफी भी मंगवाई थी। इस कांड से पुलिस की जमकर भद पिटी थी। अब इसका खामियाजा इक्का को भुगतना पड़ा है और वह लूप लाइन डाल दिए गए हैं।
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डीजीपी ने बताया था दुर्भाग्यजनक
डीजीपी कैलाश मकवाना ने इक्का के पिटने वाली घटना पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि- यह घटना दुर्भाग्यजनक है और सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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यह हुई थी घटना
बाणगंगा थाने में पदस्थ एएसआई तेरेश्वर इक्का ड्यूटी पर थे। इसी दौरान थाप जीप में बैठे चार लोग शराब पी रहे थे। एसआई ने इन्हें रोका तो विवाद करने लगे। इसमें जेल प्रहरी जोबट जेल विकास डाबी व अन्य तीन दोस्त थे। यह सभी एसआई पर धौंस जमाने लगे कि हमे रोकेगा। फिर उनका बैच और वायरलेस सेट छीना और फिर जमकर पीटा। डाबी और दोस्त यही नहीं रुके, उन्होंने एसआई इक्का को जीप में बैठाया और फिर मारपीट करते हुए माफी मंगवाई। मेट्रो में काम करने वाले कर्मचारियों को बुलाया और एसआई पर वसूली के आरोप लगाए। फिर उसे छोड़ कर भाग गए। आरोपियों ने उन्हें नकली पुलिस बताया और जमकर पीटा, गालियां दी। जब विवाद शुरू हुआ तो एसआई ने सेट पर मदद भी मांगी लेकिन कोई नहीं पहुंचा। बाद में एफआईआर के लिए भी वह कई घंटे परेशान हुए। बाद में डाबी और उसके दोस्त को पकड़ा गया और शासकीय काम में बाधा, मारपीट का केस हुआ। वहीं पुलिस ने एक और कांड किया था। उन्होंने आरोपियों को पट्टा बांधकर जुलूस निकाला, जो बाद में सामने आया कि यह पट्टा फर्जी बंधा था, इसमें भी खेल हो गया था।
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इनके भी हुए ट्रांसफर
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- एसआई शैलेंद्र सिंह, लाइन से थाना मल्हारगंज
- एसआई श्रद्धा सिंह, छत्रीपुरा थाने से थाना विजयनगर
- एसआई यतींद्र मिश्रा, लाइन से थाना पंढरीनाथ
- तेलेस्फोर इक्का, बाणगंगा थाना से लाइन में
- एएसआई रणवीर सिंह राठौर, लाइन से सराफा थाना