दमोह के फर्जी डॉक्टर ने जबलपुर में भी किया है मरीजों की जान से खिलवाड़

दमोह मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने डॉ एन जॉन केम बनकर 15 ऑपरेशन किए, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। यह डॉक्टर जबलपुर के अस्पतालों में भी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर चुका है।

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Neel Tiwari
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दमोह के मिशन अस्पताल में डॉ एन जॉन केम बनकर 15 ऑपरेशन करने और साथ लोगों की जान लेने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने जबलपुर के अस्पतालों में भी काम करते हुए मरीजों की जान से खिलवाड़ किया है। दमोह के मिशन अस्पताल से चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसमें पता लगा कि जो डॉक्टर मरीजों का ऑपरेशन कर उनके दिलों से खेल रहा था वो असल में कोई डॉक्टर था ही नहीं।

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क्या है पूरा मामला

दमोह के फर्जी डॉक्टर के पास सारी की सारी डिग्रियां फर्जी थीं। यानी वो डॉक्टर के नाम पर एक जालसाज था, जो मिशन अस्पताल में ताबड़तोड़ ऑपरेशन कर पैसे बना रहा था। फर्जी डॉक्टर की कमाई के चक्कर में भोले-भाले और बेगुनाह मरीज बेमौत मारे जा रहे थे। इस आदमी ने अपना नाम डॉक्टर एन जॉन केम बताया था। लंदन से कार्डियक सर्जरी की पढ़ाई करने का दावा करने वाले डॉ एन जॉन केम ने पिछले ढाई महीनों में कुल 15 लोगों के हार्ट का ऑपरेशन किया। इन 15 लोगों में से 7 की मौत हो गई। इस खबर के सामने आने से दमोह के साथ पूरे एमपी में भूचाल आ गया था।

जबलपुर के अस्पतालों में काम कर चुका 

युवा कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष चमन राय ने जबलपुर जिला कलेक्टर को एक शिकायती पत्र सौंपा है। जिसमें जानकारी दी है कि इस फर्जी डॉक्टर ने जबलपुर के भी कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दी हैं और मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। अब यह मांग की जा रही है कि उन सभी अस्पतालों का पता लगाया जाए एवं जिन मरीजों का इलाज इस डॉक्टर ने किया है उनकी स्थिति की भी जांच होनी चाहिए। आशंका है कि यह डॉक्टर जबलपुर में भी कुछ मरीजों की हत्या का दोषी हो। इसके साथ ही जबलपुर के सभी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के साथ ही गली-गली में खुले हुए क्लिनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की भी मांग की गई है।

IMA के डॉक्टर बोले ये सरकार की गलती

IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की ओर से डॉक्टर अभिजीत विश्नोई ने बताया कि इस तरह के फर्जी डॉक्टरों और झोलाछाप लोगों के इलाज करने के मामलों में पूरी गलती सरकार की है।अब जाकर हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) आईडी आई है जिसमें आधार कार्ड के जरिए भी यह पता लगाया जा सकता है कि यह डॉक्टर रजिस्टर्ड है या नहीं । उन्होंने बताया कि झोलाछाप लोगों के खिलाफ एक याचिका भी हाईकोर्ट में लंबित है जिसमें पिछले 2 साल से सरकार जवाब नहीं दे रही है। डॉ अभिजीत ने बताया कि अब जिलेवार ऐसी समितियों का गठन करना जरूरी है जो इलाज करने वाले झोलाछाप लोगों पर कार्यवाही सुनिश्चित कर सके।

CMHO मीडिया से ही मांग रहे हैं मदद 

जबलपुर के सीएमएचओ संजय मिश्रा ने बताया कि दमोह में फर्जी डॉक्टर मामले की जांच दमोह में ही की जा रही है और अब जानकारी मिली है कि उसने कुछ जबलपुर के अस्पतालों में भी काम किया है। जिसकी आगे विस्तृत जांच की जाएगी। झोलाछाप डॉक्टर और जबलपुर में संचालित हो रहे अवैध क्लिनिकों के सवाल पर सीएमएचओ मीडिया से ही मदद मांग ली। उन्होंने कहा कि गली-गली में खुले हुए क्लिनिकों पर नजर रखना मुश्किल है तो आपसे ही निवेदन है कि आप हमें जानकारी दें और हम कार्यवाही करेंगे। डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन चेक करने के मामले में उन्होंने बताया कि यह जिम्मेदारी उन अस्पतालों की होती है जो उन डॉक्टर को नियुक्त करते हैं। अपनी बात से सीएमएचओ या तो साफ कर दिया है कि झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम कसना जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग के बस की बात नहीं है।

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