इंदौर में पुलिस का नया कारनामा, मारा किसी और ने, जेल किसी और को भेजा
अन्नपूर्णा क्षेत्र में जानलेवा हमले के एक प्रकरण में अन्नपूर्णा पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी तो की गई, लेकिन जिन्होंने हमला किया उन्हें जेल ना भेजते हुए उनकी जगह पर किसी और को जेल भेज दिया गया।
इंदौर पुलिस का अब एक नया कारनामा सामने आया है। जिसमें अन्नपूर्णा क्षेत्र में हुई मारपीट में मुख्य आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजने के बजाए उनके साथियों को जेल भेज दिया। मारपीट की घटना की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा था, लेकिन पुलिस ने उसे देखना तक उचित नहीं समझा। अब अन्नपूर्णा पुलिस की इस कारस्तानी पर वरिष्ठ अफसरों ने जांच करने की बात कही है।
सीसीटीवी में भी दिख रहे आरोपी
अन्नपूर्णा क्षेत्र में जानलेवा हमले के एक प्रकरण में अन्नपूर्णा पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी तो की गई, लेकिन जिन्होंने हमला किया उन्हें जेल ना भेजते हुए उनकी जगह पर किसी और को जेल भेज दिया गया। घटना को लेकर सामने आए सीसीटीवी फुटेज में भी मारपीट करने वाले आरोपी साफ नजर आ रहे हैं। उसके बावजूद अन्नपूर्णा पुलिस ने यह लापरवाही की है।
घटना 24 मार्च 2025 की सुदामा नगर क्षेत्र की है। यहां योगेश राठी पर आरोपी शुभम शर्मा, विक्की उर्फ लाला, दीपक शर्मा, अजय नमन, लखन पिपरे व अन्य ने जानलेवा हमला किया था। आरोपियों ने उसे पाइप व ड्रम से पीट पीटकर अधमरा कर दिया था। योगेश का मेडिकल हुआ तो डॉक्टर ने रिपोर्ट में योगेश की जान जाने का खतरा बताया था। इसके बाद ही पुलिस ने जानलेवा हमला करने आरोप में प्रकरण दर्ज किया था।
पीड़ित योगेश ने आरोप लगाया है कि मारपीट करने वाले आरोपी क्षेत्र के एक गुंडे से जुड़े हुए हैं। इसलिए पुलिस ने केस में गंभीरता नहीं दिखाई। अन्नपूर्णा पुलिस ने लापरवाही करते हुए मारपीट करने वाले आरोपियों को चिन्हित करने के बजाए थाने में पेश हुए अन्य साथियों को आरोपी मान लिया और जेल भेज दिया। उसने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी विक्की उर्फ लाला और दीपक को छोड़ दिया गया।
इस मामले में अन्नपूर्णा टीआई अजय नायर का कहना है कि प्रकरण में पांच आरोपी शुभम, अजय, नमन, लखन पिपरे और मुंशी को गिरफ्तार किया गया है। विक्की लाला और दीपक शर्मा को लेकर हमें फरियादी और प्रत्यक्षदर्शी दोनों ने कोई जानकारी नहीं दी। अब प्रत्यक्षदर्शी ही गलत लोगों की पहचान कर ले तो हम उसमें क्या कर सकते हैं। फरियादी ने जिनकी पहचान की उसे ही आरोपी बनाया है।